Just In
- 5 hrs ago
आप भी सोच रहे हैं डबल कॉन्डोम के इस्तेमाल के बारे में, तो पहले जान लें ये बातें
- 8 hrs ago
तो इस वजह से स्कूल में टीचर देती थी उठक-बैठक की सजा!
- 14 hrs ago
16 दिसंबर राशिफल: सिंह राशि वालों की सेहत में आएगा सुधार, क्या कहते हैं आपकी किस्मत के सितारे
- 1 day ago
साप्ताहिक राशिफल 15 से 21 दिसंबर: आर्थिक मामलों में कन्या राशि वाले रहेंगे इस हफ्ते भाग्यशाली
Don't Miss
- Finance
फॉर्च्यून इंडिया-500 लिस्ट : खत्म हुई इंडियन ऑयल की बादशाहत, रिलायंस इंडस्ट्रीज बनी नंबर वन
- News
राजस्थान सरकार 1.16 करोड़ परिवार को देगी जन आधार कार्ड, जानिए क्यों बंद किया भामाशाह कार्ड?
- Sports
ICC Rankings: जसप्रीत बुमराह को हुआ भारी नुकसान, कोहली टॉप पर बरकरार, देखें लिस्ट
- Movies
INTERVIEW: "दबंग 3 के बाद इस इंडस्ट्री को एक बड़ा स्टार मिलने वाला है"- सलमान खान
- Technology
TikTok और WWE की पार्टनरशिप, अब फाइट और बैकस्टेज वीडियो देखना होगा मजेदार
- Automobiles
रेनॉल्ट ट्राइबर की कीमत में हुई वृद्धि, जाने हुई कितनी महंगी
- Travel
ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
- Education
IIT दिल्ली में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के 50 पदों पर भर्ती, जानिए आवेदन प्रक्रिया और योग्यता
बरसाना में क्यों मनाई जाती है लट्ठमार होली, जानते है क्यों प्रसिद्ध है यहां की होली
20 मार्च की रात होलिका दहन होगा और अगले दिन यानी 21 मार्च को होली खेली जाएगी। होली रंगों का त्योहार है और भारत के अधिकतर हिस्सों में कई तरह से रंगों की होली खेली जाती है, लेकिन मथुरा के पास बरसाना की होली सबसे निराली होती है। जो पूरे दुनिया में बहुत अपनी भव्यता की वजह से फेमस हैं। बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है जो जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। यहां जानिए बरसाना की लट्ठमार होली से जुड़ी खास बातें...

क्यों फेमस है बरसाने की होली
मथुरा के पास ही बरसाना है, जिसे राधाजी का जन्म स्थान माना जाता है। होली पर नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए बरसाना आते हैं। ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले होली भगवान श्रीकृष्ण ने राधाजी के साथ होली खेली थी। इसलिए इस पूरे क्षेत्र में होली बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है।
Read Most : गरुड़ पुराण के अनुसार न करें होलिका दहन पर गलती से भी ये काम..

नंदगांव में रहते थे कृष्ण
यहां प्रचलित मान्यता के अनुसार नंदगांव भगवान श्रीकृष्ण के पिता नंदराय ने बसाया था। इसी कारण इस गांव का नाम नंदगांव पड़ा है। गोकुल को छोड़कर नंदबाबा श्रीकृष्ण और सभी गांव वालों को लेकर नंदगांव आ गए थे।

लट्ठमार होली क्यों मनाते हैं?
राधा की जन्म भूमि बरसाना में यहां फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए आते है। बरसाने की महिलाएं इनसे लट्ठमार होली खेलती हैं और दशमी पर रंगों से होली खेली जाती है। इस परंपरा के बारे में कहा जाता है कि श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ बरसाना होली खेलने आते थे। होली की मस्ती में राधा अपनी सखियों के श्रीकृष्ण और उनके साथियों पर डंडे बरसाती थीं। तभी से बरसाना में लट्ठमार होली की परंपरा चली आ रही है।
Most Read : कभी सोचा है क्यों होली पर भांग पीते है लोग, जानिए इससे जुड़े फैक्ट्स को

कहां-कहां खेली जाती है लट्ठमार होली
बरसाना के अलावा ही ये होली मथुरा, वृंदावन, नंदगांव में लठमार होली खेली जाती है। होली की मस्ती में महिलाएं हाथ में लाठियां लेकर पुरुषों को पीटना शुरू कर देती हैं जिसे लठ्ठमार होली कहते हैं। और पुरुष खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागते हैं। ये सब मारना-पीटना हंसना मजाक और होली का हिस्सा होता है।