Just In
- 1 hr ago Good Friday: इस दिन सूली पर चढ़ाए गए थे ईसा मसीह फिर क्यों कहा जाता है 'गुड फ्राइडे'
- 2 hrs ago Bengaluru Water Crisis : चिरंजीवी को सताई जल संकट की चिंता, एक्टर ने शेयर किए पानी बचाने के टिप्स
- 3 hrs ago First Surya Grahan 2024: साल 1970 में लगा था ऐसा सूर्य ग्रहण, यह अद्भुत घटना क्या भारत में आएगी नजर?
- 4 hrs ago Relationship Tips: रिश्ते में बढ़ेगा प्यार, बस रोजाना की इन आदतों में लाएं बदलाव
Don't Miss
- Movies अदिति राव हैदरी ने दिखाई प्यार की निशानियां, मंगेतर संग रोमांस में डूबी दिखी हसीना
- Automobiles हो जाइए तैयार: 15 अगस्त को आ रही है Mahindra Thar 5-door SUV, पावरफुल इंजन के साथ मिलेंगी जबरदस्त फीचर्स
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Technology Samsung Galaxy M55 5G ट्रिपल कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानिए कीमत
- News Lok Sabha Chunav: महागठबंधन में एक और पेंच, मुंगेर सीट पर ताल ठोक रहे कांग्रेस के राणा सुजीत सिंह
- Education SSC CPO 2024 Registration: 4187 सीपीओ पदों पर बंपर भर्ती के लिए आवेदन करें आज ही, देखें सीधा लिंक
- Finance Stock Market Rule: अब नहीं करना होगा पेमेंट सेटलमेंट के लिए इंतजार , T+0 सिस्टम से एक दिन में मिलेंगे पैसे
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
सिर्फ पति की लम्बी आयु के लिए ही नहीं इसलिए भी महिलाएं मांग में भरती है सिंदूर
एक चुटकी सिंदूर की कीमत... सच में एक विवाहिता स्त्री समझ सकती है कि क्योंकि उस चुटकी भर सिंदूर में एक विवाहिता का सम्पूर्ण ब्रह्मांड समाहित होता है। सुहागन के 16 शृंगार से में एक सिंदूर उसके अखंड सुहागन होने की निशानी होती है।
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर हिंदू महिलाएं सिंदूर क्यों लगाती हैं? हिंदू धर्म में मांग भरना सिर्फ एक परम्परा ही नहीं है, इसके पीछे छिपा एक वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है। सदियो से चली आ रही इस परम्परा के पीछे पौराणिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण है। आइए जानते है कि हिंदू धर्म में सिंदूर का क्या महत्व होता है।
सिंदूर में होता है पारा
सिंदूर में मर्करी यानी पारा होता है जो अकेली ऐसी धातु है जो लिक्विड रूप में पाई जाती है। सिंदूर लगाने से शीतलता मिलती है और दिमाग तनावमुक्त रहता है। सिंदूर शादी के बाद लगाया जाता है क्योंकि ये रक्त संचार के साथ ही यौन क्षमताओं को भी बढ़ाने का भी काम करता है।
पारा बुरे प्रभावों से बचाता है
सिंदूर मंगल-सूचक भी होता है। शरीर विज्ञान में भी सिन्दूर का महत्त्व बताया गया है । सिंदूर में पारा जैसी धातु अधिक होने के कारण चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती। साथ ही इससे स्त्री के शरीर से निकलने वाली विद्युतीय उत्तेजना को नियंत्रित किया जाता है। मांग में जहां सिंदूर भरा जाता है, वह स्थान ब्रह्मरंध्र और अध्मि नामक मर्म के ठीक ऊपर होता है । सिंदूर मर्म स्थान को बाहरी बुरे प्रभावों से भी बचाता है ।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार
सामुद्रिक शास्त्र में अभागिनी स्त्री के दोष निवारण के लिए मांग में सिंदूर भरने की सलाह दी गई है। मात्र सिंदूर भर भरने से किसी भी स्त्री के सौन्दर्य में वृद्धि हो जाती है । एक विवाहित स्त्री कितनी भी सजी संवरी क्यों ना हो, सूनी मांग की वजह से उनका सौंदर्य अधुरा सा लगता है। लेकिन मात्र चुटकी भर सिन्दूर उसके सौन्दर्य तथा आभा में कई गुणा वृद्धि कर देता है।
Most Read : हिंदू धर्म में फेरों के समय क्यों वर के बायीं और बैठती है वधू?
अखंड सौभाग्यवती का
भारतीय पौराणिक कथाओं में लाल रंग के माध्यम से सती और पार्वती की ऊर्जा को व्यक्त किया गया है। सती को हिन्दू समाज में एक आदर्श पत्नी के रूप में माना जाता है। जो अपने पति के खातिर अपने जीवन का त्याग सकती है। हिंदुओं का मानना है कि सिंदूर लगाने से देवी पार्वती ‘अखंड सौभागयवती' होने का आशीर्वाद देती हैं।
वैज्ञानिक कारण
जब किसी लड़की का विवाह होता हैं तो उस पर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों का दबाव एक साथ आता हैं। जिनका प्रभाव सीधा उस लड़की के मस्तिष्क पर पड़ता हैं। इस तनाव के करण ही विवाह के कुछ समय बाद से ही महिला सिर में दर्द, अनिद्रा जैसे अन्य मस्तिष्क से जुड़े रोगों से ग्रस्त रहती हैं। सिंदूर में मिश्रित पारा धातु एक तरल पदार्थ हैं। जो की मस्तिष्क के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता हैं। पारा इन सभी रोगों से महिलाओं को मुक्त रखने में बहुत ही सहायक होता हैं। इसलिए महिलाओं को विवाह होने के बाद अपनी मांग में सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए।
लक्ष्मी का प्रतीक होता है सिंदूर
सिंदूर देवी लक्ष्मी के लिए सम्मान का प्रतीक माना जाता है।यह कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर पांच स्थानों पर रहती हैं और उन्हें हिन्दू समाज में सिर पर स्थान दिया गया है। जिसके कराण हम माथे पर कुमकुम लगा कर उन्हें समान देते हैं। देवी लक्ष्मी हमारे परिवार के लिए अच्छा भाग्य और धन लाने में मदद करती हैं। हिन्दू धर्म में नवरात्र और दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान पति के द्वारा अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह उनके एक साथ रहने का प्रतीक होता है और इससे वो काफी लंबे समय तक एक साथ रहते हैं।
Most Read :सिर्फ एक गिलास पानी से घर से भगाएं बुरी नजर
यह है पौराणिक कथा..
मान्यता है कि भगवान ने वीरा और धीरा नाम के दो युवक और युवती को बनाया और उनको सुंदरता सबसे अधिक दी गई। धीरा दिखने में बहुत ही सुंदर थी और वीरा तो वीरता कि मिशाल था। भगवान ने इन दोनो का विवाह करवाने का फैसला किया था।
दोनो का हुआ विवाह विवाह के बाद दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश थे। इन दोनो कि बातें पूरे देश में फैल गई और चर्चे भी होने लगे। कहा जाता है कि वीरा और धीरा दोनो ही शिकार खेलने जाते थे कि तभी कालिया नाम के एक डाकू ने धीरा को देख लिया और उसपर मोहित हो गया। धीरा को पाने के लिए उस डाकू ने वीरा को मारने की योजना बनाई।
एक दिन शिकार में देर होने के कारण दोनों ने पहाड़ी पर रात गुजारने का फैसला कर लिया। धीरा को अचानक प्यास लगी तो वीरा रात में ही पानी लेने के लिए निकल गया।
ऐसे हुई सिंदूर लगाने कि प्रथा की शुरुआत
पानी लेने जा रहे वीरा पर अचानक कालिया डाकू ने हमला कर दिया जिससे वीरा घायल हो गया और धरती में गिर के तड़पने लगा। ये देखकर डाकू जोर जोर से हंसने लगा जिसकी आवाज धीरा ने सुन ली। जब धीरा भागती हुई उस जगह पर पहुंची तो वीरा की हालत देखकर क्रोधित होकर पीछे से डाकू पर हमला कर दिया। धीरा के वार से घायल डाकू जब आखिरी सांसे गिर रहा था तभी वीरा को होश आया और उसने धीरा की वीरता से खुश होकर उसके मांग में अपने रक्त भर दिया। उसी दिन से सिंदूर भरने की ये प्रथा की शुरुआत हुई थी।