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सती और पार्वती ही नहीं ये देवी भी थीं शिवजी की पत्नी

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देवों के देव महादेव त्रिदेवों में से एक हैं। ये बुराई का विनाश कर अपने भक्तों को अच्छाई के प्रति जाग्रत करते हैं और उन्हें ज्ञान का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। भगवान शिव ने मृत्यु को हराकर सर्वोच्च ज्ञान प्राप्त किया था। इन्हें संहार का देवता, नृत्य का ज्ञाता और ध्यान का स्वामी भी कहा जाता है।

भोलेनाथ अपने सौम्य आकृति और रौद्ररूप दोनों के लिए जाने जाते हैं। हमारे पवित्र ग्रंथों में महादेव से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं कि कैसे उनकी उत्पत्ति हुई और किस प्रकार उन्होंने अलग अलग रूपों में समस्त संसार को असुरों के अत्याचार से मुक्त कराया है आदि। आज हम अपने इस लेख में आपको भगवान शिव की पत्नियों के विषय में बताएंगे। भोलेनाथ की पत्नी देवी सती थीं जो विभिन्न देवियों के रूप में अवतरित हुई और जिन्हें महादेव की दूसरी पत्नियों के रूप में जाना जाता है। चलिए जानते हैं शिव जी की इन पत्नियों के बारे में।

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देवी सती

देवी सती दक्ष प्रजापति की पुत्री थी। इन्हे सौभाग्य की देवी भी कहा जाता है। यह भोलेनाथ की सबसे पहली पत्नी थी। कहते हैं दक्ष की पत्नी रानी प्रसूति को एक पुत्री की इच्छा थी तब ब्रह्मा जी के कहने पर उन्होंने अादि पराशक्ति की उपासना की और उन्हें पुत्री के रूप में देवी सती की प्राप्ति हुई। कहा जाता है कि देवी सती बचपन में देवर्षि नारद के मुख से शिव जी की कथाएँ सुनती आ रही थीं तभी से उन्होंने मन ही मन उन्हें अपना पति मान लिया था।

देवी ने इस बात का प्रण लिया था कि वे महादेव को प्रसन्न कर उन्हें अपने पति के रूप में प्राप्त करेंगी। देवी सती ने शिव जी से विवाह करने के लिए कठोर तपस्या की जिसे देख बड़े बड़े ऋषि मुनि भी दंग रह गए। उन्होंने भगवान शंकर के लिए अपने सभी सुखों का त्याग कर दिया और उनके अलावा किसी और से विवाह करने से साफ़ इंकार कर दिया। तब उनसे प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

देवी पार्वती

देवी पार्वती को प्रेम और भक्ति के देवी माना जाता है ये देवी सती के दूसरे रूप में अवतरित हुई थीं। इन्होंने पर्वतराज हिमावन और उनकी पत्नी मीना के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। देवी सती की तरह इन्होंने भी बचपन में ही इस बात का प्रण ले लिया था कि यह शिव जी को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। जैसे जैसे ये बड़ी हुई भोलेनाथ के प्रति इनका प्रेम और भी गहरा होता चला गया। तब देवी पार्वती ने कठोर तपस्या करनी शुरू कर दी और साथ ही अन्न भी त्याग दिया।

देवी पार्वती को भोलेनाथ से विवाह करने के लिए कई बार मना किया गया क्योंकि न तो उनके पास खुद का भवन था और न ही दूसरी सुख सुविधाएं लेकिन बावजूद इसके पार्वती जी ने अपनी तपस्या जारी रखी।

भोलेनाथ इस बात से भली भांति परिचित थे कि देवी पार्वती देवी सती का ही दूसरा रूप है इसलिए उन्होंने पार्वती जी से विवाह कर लिया। किन्तु पर्वतराज पार्वती जी के इस निर्णय से बिल्कुल प्रसन्न नहीं थे देवी पार्वती को उमा के नाम से भी जाना जाता है, उमा यानि हिमालय की पुत्री।

देवी महाकाली

देवी महाकाली भोलेनाथ की ही पत्नी है। इन्हें शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है। इनका जन्म बुराई का नाश कर समस्त संसार को पापियों से मुक्त करने के लिए हुआ था। भोलेनाथ की ही तरह माँ काली भी अपने भक्तों की सदैव रक्षा करती हैं। देवी महाकाली को समय और मृत्यु की देवी के रूप में भी जाना जाता है। माता के आशीर्वाद से इनके भक्त बड़ी से बड़ी मुश्किलों को भी पार कर जाते हैं किन्तु इनके भयानक और रौद्ररूप से असुर भी काँप जाते थे।

माँ काली की उत्पत्ति के पीछे की एक कथा इस प्रकार है, कहते हैं जब दारुक नामक असुर के अत्याचार से सभी देवता परेशान हो गए तब उन्होंने माँ पार्वती से उसका वध करने की प्रार्थना की जिसके पश्चात भोलेनाथ के आज्ञा अनुसार माता ने महाकाली का रूप धारण किया और दारुक का नाश कर दिया।

एक अन्य कथा के अनुसार माता पार्वती ने अपने काले रंग को छिपाने के लिए देवी काली का रूप धारण किया था। उनका काला रंग देवी काली में समा गया और उन्हें गोरा रंग प्राप्त हो गया। इस रंग में माता देवी गौरी के नाम से विख्यात है।

English summary

Wives of Lord Shiva

Want to know how many wives Lord Shiva had and who are they? Some interesting snippets of mythology related to Shiva. Read on to know.
Story first published: Friday, June 15, 2018, 12:02 [IST]
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