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गुरु मंत्र बिना गूगल भी अधूरा
आज ई-बुक्स, डिस्टेंस लर्निंग, स्मार्ट क्लासेस, स्मार्ट बोड्स और ऑनलाइन परीक्षा का जमाना आ गया है, शिक्षक परोक्ष रूप से सामने नहीं रहते हैं। आज हर बच्चे के शिक्षक गूगल और विकीपीडिया बन गए हैं। इंटरनेट की मदद से हमें चुटकियों में दुनियाभर का ज्ञान मिल जाता है, पर व्यावहारिक जीवन और नैतिक शिक्षा देने वाले शिक्षको के बिना जीवन का विकास संभव नहीं है। इंटरनेट हमें चाहे जितना ज्ञान दे दे, लेकिन शिक्षक की जगह वह कभी नहीं ले सकता, क्योंकि गुरु हमें जीवन मंत्र सिखाता है।
शिक्षक जो बोलते-बताते हैं, वो हमारे अंतरमन में इस तरह से बैठ जाता है कि सालों बाद भी गुरुमंत्र की तरह काम आता है। बचपन से ले कर जवानी तक शिक्षक ही हमें राह दिखाता है। इस शिक्षक दिवस पर हमें चिंतन करना होगा कि वर्चुअल और टेक्नोलॉजी की दुनिया से निकलकर किस तरह से अपने शिक्षकों का सम्मान किया जाए।
गुरु मंत्र बिना गूगल भी अधूरा
1. सही राह दिखाता है गुरु
फोन पर जीपीएस हमें बता सकता है कि फंला जगह पहुंचने का रास्ता क्या है, पर इस रास्तों के गढ्ढों से बचने कि कला तो हमें शिक्षक ही बता सकता है। जीपीएस मंजिल तक पहुंचा देता है लेकिन गुरु इस मंजिल की अहमियत बताता है। नई टेक्नॉलिजी में भावनाओं कि कमी होती है और बिना भावनाओं के किसी भी तरह का विकास संभव नहीं है।
2. गैजेट्स में नहीं गुरुजी वाली ऊर्जा
आज छोटे-छोटे बच्चों के पास हाइटेक गैजेट्स, स्मार्टफोन और एप्स हैं, लेकिन उन्हें किसी ने सिखाया ही नहीं सच्चा और अच्छा ज्ञान तो शिक्षक से ही मिलता है, न कि गैजेट्स से। आज के बच्चे ई-बुक से पढ़ाई करते हैं, अगर उन्हें कोई दिक्कत होती है तो वे अपना सवाल इंटरनेट पर डाल देते हैं और कुछ पलों बाद उन्हें अपना जवाब मिल जाता है, पर उन्हें मिले जवाबों में शिक्षक वाली ऊर्जा गायब है। वो जवाब कितना सही है और उसके असल जिंदगी में क्या मायने हैं, यह ज्ञान आपको गुगल कभी नहीं दे सकता।
3. स्मार्ट बोर्ड पर नहीं उकेरी जा सकतीं ज्ञान की लकीरें
याद रखें , चेहरे पर शांत भावों के साथ जब शिक्ष्ज्ञक ब्लैकबोर्ड पर ज्ञान की लकीरें उकेरता है, तो कक्षा के सब बच्चे एक टक उसकी ओर देखते हैं। बच्चे शिक्षक की तरह बनने कि कोशिश करते हैं। बच्चों के मन में हमेशा जिज्ञासा रहती है कि आखिर मास्साब को इतनी सारी जानकारी मिलती कहां से है? टेक्नॉलिजी को एक ओर रख कर शिक्षक को सम्मान मिले, उनके महत्व को समझा जाए, शिक्षक दिवस मनाने का औचित्य तभी है।