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शादी के 5 साल बाद ही पति ने छोड़ा साथ, मेहनत के दम पर बनीं स्वीपर से अफसर

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खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है” उर्दू एवं फारसी के कवि मुहम्मद इकबाल के यह शब्द आशा कंडारा के जीवन में एकदम सटीक बैठते हैं। जीवन की हर विपरीत परिस्थितियों से लड़कर आशा कंडारा ने आज वह मुकाम हासिल किया है, जिसे पाने का सपना हजारों लोग अपने मन में रखते हैं। पहले शादीशुदा जीवन का बिखर जाना, उस पर दो बच्चों की जिम्मेदारी और लोगों की उसके प्रति हीनभावना ने उसे कमजोर नहीं होने दिया, बल्कि वह एक ऐसी मजबूत महिला बनकर उभरी, जिसने सफलता की नई इबारत ही लिख दी।

जी हां, हम बात कर रहे हैं जोधपुर की आशा कंडारा की। इनका पूरा जीवन ही कांटों भरा था, लेकिन उन्होंने अपने जीवन की मुश्किलों के बीच भी अपने लिए एक रास्ता बना लिया। शादी के महज पांच साल में ही इनका पति से अलगाव हो गया और ऐसे में दो नन्हीं सी जान की जिम्मेदारी आशा पर आ गई। ऐसे में आशा को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वह अब क्या करे।

Deputy Collector

लेकिन इस स्थिति में भी उन्होंनें हिम्मत नहीं हारी। अपने बच्चों का लालन-पालन करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। साल 2016 में उन्होंनें स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने जोधपुर नगर निगम की परीक्षा में स्वीपर के लिए भाग लिया, जिसमें उनका चयन हो गया। साल 2018 में आशा को सफाई कर्मचारी पद पर नियुक्ति मिल गई थी।

हालांकि, वह बस यही रूकने वाली नहीं थी। अपने व अपने बच्चों के बेहतर जीवन के लिए उन्होंने कुछ करने की ठानी। इसलिए उन्होंने आरएएस अर्थात राजस्थान प्रशासनिक सेवा की भी तैयारी की और साल 2018 में ही उन्होंने इसकी परीक्षा भी दी। खास बात यह थी कि आरएएस की परीक्षा के 12 दिन बाद आशा ने सफाई कर्मचारी अपना काम शुरू किया था।

लेकिन पिछले दो सालों से आरएएस परीक्षा का रिजल्ट नहीं आया और आशा बतौर सफाई कर्मचारी अपना कार्य करती रहीं। हाल ही में जब आरएएस 2018 का रिजल्ट आया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था।आशा कंडारा ने आरएएस परीक्षा 2018 में 728 वीं रैंक प्राप्त की। उन्होंने जो भी सपने देखे, उसे अपनी मेहनत के बलबूते पर पूरा कर दिखाया। अब वो अनुसूचित वर्ग से बतौर एसडीएम लोगों की सेवा करेंगी।

बोल्डस्काई की पूरी टीम आशा कंडारा को उनके जीवन की एक नई शुरूआत के लिए बधाई देती है और यही आशा करती है कि अब उनकी जिन्दगी में कोई दुख व कोई कठिनाई दस्तक ना दे।

English summary

Asha Kandra A Sweeper From Jodhpur Becomes A Deputy Collector; Here's her inspiring story in hindi

here we are talking about a woman asha kandra from jodhpur who became sweeper to a deputy collector. Here's her inspiring story in hindi. Read on.
Story first published: Tuesday, July 20, 2021, 20:49 [IST]
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