For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

किन्‍नर ब्‍यूटी कॉन्‍टेस्‍ट जीतने वाली श्रुति सिथारा बनना चाहती है आईएएस ऑफिसर

|

भारत में सभी लोगों को अपनी जिंदगी को बदलने का समान अवसर दिया जाता है। अब समाज में ट्रांसजेंडर यानि किन्‍नरों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिलता है। अब समाज में किन्‍नर नाचने और गाने के लिए ही नहीं रह गए हैं बल्कि अब वो सरकारी नौकरी और खेल के क्षेत्र में भी काम करने लगे हैं।

अब किन्‍नरों के लिए ब्‍यूटी कॉन्‍टेस्‍ट तक होने लगे हैं। इससे आप खुद ही समझ सकते हैं कि समाज का तीसरा वर्ग अब सुंदरता के क्षेत्र में भी अपनी पकड़ बना रहा है।

Sruthy Sithara

क्‍वीन ऑफ द्विवायाह 2018 की प्रतियो‍गिता 18 जून को आयोजित की गई थी जिसमें केरल के सभी किन्‍नरों ने हिस्‍सा लिया था।

इस प्रतियोगिता में श्रुति सिथारा विजेता बनीं और जब उनसे उनकी आगे की योजनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने बताया कि समाज द्वारा उन्‍हें स्‍वीकार करने के सफर में उसे कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वो तिरुअनंतपुरम में सोशल जस्टिस विभाग के ट्रांसजेंडर विंग में प्रोजेक्‍ट असिस्‍टेंट के तौर पर काम करती हैं और आज सभी मुश्किलों को पार करते हुए वो यहां तक पहुंची है।

इस प्रतियोगिता को जीतकर उसका आत्‍मविश्‍वास बहुत बढ़ गया है और वो कहती है कि उसने भी बाकी किन्‍नरों की तरह यही सपना देखा है कि समाज में तीसरे वर्ग को भी प्‍यार और सम्‍मान मिले।

अपने एक इंटरव्‍यू में श्रुति ने खुलासा किया कि अपने संघर्ष के दिनों में वो अपनी पहचान को लेकर बहुत असमंजस में थीं। बचपन में चो कोट्टायम के रे‍जिडेंशियल स्‍कूल में बारहवीं क्‍लास तक पढ़ी हैं और इसके बाद उन्‍हें किन्‍नरों के समुदाय में भेज दिया गया। यहां पर उसे परवीन के नाम से जाना जाता था।

श्रुति का कहना है कि दोस्‍तों और परिवार की मदद के बिना वो जिंदगी के प्रति इतना आत्‍मविश्‍वास नहीं रख पाती। उसने आगे बताया कि उसके दोस्‍तों ने उसके माता-पिता और भाई तक उसकी असली पहचान को बताने में बहुत मदद की। दूसरे लोगों की तरह श्रुति की जिंदगी में भी बहुत संघर्ष रहा है और लेकिन आज वो लोगों की सोच को बदलने में कामयाब हो पाई है। अब श्रुति सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रही है। श्रुति ने परवीन के रूप में परीक्षा दी थी क्‍योंकि यूपीएसी की परीक्षा में किन्‍नर नहीं बैठ सकते हैं।

श्रुति कहती है कि अगर वो इस बार परीक्षा पास नही कर पाई तो दोबारा परीक्षा देगी और वो भारत की पहली ट्रांसजेंडर आईएएस ऑफिसर बनना चाहती है। उसका आत्‍मविश्‍वास और प्रेरणा देखकर हमे भी यह सीख मिलती है कि समाज के तीसरे वर्ग को भी समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।

English summary

Sruthy Sithara won the Title of Queen of Dhwayah

Queen Sruthy Sithara was earlier known as Praveen, and she was crowned the Queen of Dhwayah, and she aims at becoming the country’s first transgender IAS officer.
Story first published: Wednesday, June 20, 2018, 17:10 [IST]
Desktop Bottom Promotion