Just In
- 2 hrs ago First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- 3 hrs ago हीरामंडी की प्रीमियर पर सितारों सा झिलमिल वाइट शरारा सेट पहन पहुंची आलिया भट्ट, लाखों में हैं कीमत
- 5 hrs ago Real Vs Fake Shampoo : आपका शैंपू असली है या नकली, इन ट्रिक्स से पता करें अंतर
- 6 hrs ago Eggs Freeze कराएंगी मृणाल ठाकुर, कौन और कब करवा सकता है एग फ्रीज जानें यहां
Don't Miss
- News कांग्रेस ने हरियाणा के लिए 8 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, कई बड़े नाम शामिल
- Movies Arti Singh Wedding: अपनी शादी में इस शख्स को देखते ही झरने से बहे दुल्हनिया के आंसू, खूब रोई आरती सिंह
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
भारत का इकलौता ऐसा अनोखा मंदिर, जहां हनुमान जी के साथ होती है उनकी पत्नी की भी पूजा
हम में से कई लोग जानते है कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी है, इसलिए ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले हनुमान जी की पूजा किया करते हैं। लेकिन हम आपसे कहें कि हनुमान जी कुंवारे नहीं थे, वो विवाहित थे तो शायद ये सुनकर आपको थोड़ा अचम्भा हो सकता है। भारत के तेलंगाना में हनुमान जी को विवाहित होने की कथाएं प्रचालित है। तेलगांना के खम्मम जिले में यहां पर हनुमानजी और सुवर्चला का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है। पाराशर संहिता में भी हनुमान जी और सुवर्चला के विवाह की कथा है।
स्थानीय लोग प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुद्ध दशमी को हनुमान जी के विवाह को बहुत ही धूमधाम तरीके से मनाते हैं। हालांकि ज्यादात्तर लोगों के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
क्योंकि हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है। आइए जानते हैं क्या है उनकी शादी का राज।
सूर्य की पुत्री से हुआ था विवाह
पाराशर संहिता में उल्लेख मिलता है कि हनुमानजी अविवाहित नहीं, विवाहित हैं। उनका विवाह सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से हुआ है। संहिता के अनुसार हनुमानजी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था। सूर्य देव के पास 9 दिव्य विद्याएं थीं। इन सभी विद्याओं का ज्ञान बजरंग बली प्राप्त करना चाहते थे। सूर्य देव ने इन 9 में से 5 विद्याओं का ज्ञान तो हनुमानजी को दे दिया, लेकिन शेष 4 विद्याओं के लिए सूर्य के समक्ष एक संकट खड़ा हो गया। शेष 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता था जो विवाहित हों। हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे, इस कारण सूर्य देव उन्हें शेष चार विद्याओं का ज्ञान देने में असमर्थ हो गए। इस समस्या के निराकरण के लिए सूर्य देव ने हनुमानजी से विवाह करने की बात कही। शेष 4 विद्याएं पाने के लिए बहुत आनाकानी करने के बाद हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी।
हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला
जब हनुमानजी विवाह के लिए मान गए तब उनके योग्य कन्या की तलाश की गई और यह तलाश खत्म हुई सूर्य देव की पुत्री सुवर्चला पर। सूर्य देव ने हनुमानजी से कहा कि सुवर्चला परम तपस्वी और तेजस्वी है और इसका तेज तुम ही सहन कर सकते हो। सुवर्चला से विवाह के बाद तुम इस योग्य हो जाओगे कि शेष 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर सको। सूर्य देव ने यह भी बताया कि विवाह के बाद सुवर्चला पुन: तपस्या में लीन हो जाएगी। इस वजह से तुम्हारें ब्रह्मचर्य पर भी कोई आंच नहीं आएंगी।
एक और मान्यता
हिंदु मान्यताओं की मानें, तो सुवर्चला किसी गर्भ से नहीं जन्मी थी और वो बिना योनि के पैदा हुई थी। ऐसे में उससे शादी करने के बाद भी हनुमान जी के ब्रह्मचर्य में कोई बाधा नहीं पड़ी।
सदा रहे ब्रह्मचारी
यह सब बातें जानने के बाद हनुमानजी और सुवर्चला का विवाह सूर्य देव ने करवा दिया। विवाह के बाद सुवर्चला तपस्या में लीन हो गईं और हनुमानजी से अपने गुरु सूर्य देव से शेष 4 विद्याओं का ज्ञान भी प्राप्त कर लिया। इस प्रकार विवाह के बाद भी जीवनपर्यंत हनुमानजी ब्रह्मचारी बने हुए रहे।
तेलंगाना के खम्मम जिले में है ये मंदिर
तेलंगाना के खम्मम जिले में स्थित मंदिर से जुड़ी मान्यता के अनुसार जो भी हनुमानजी और उनकी पत्नी के दर्शन करता है, उन भक्तों के वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है। खम्मम जिला हैदराबाद से करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अत: यहां पहुंचने के लिए हैदराबाद से आवागमन के उचित साधन मिल सकते हैं। हैदराबाद पहुंचने के लिए देश के सभी बड़े शहरों से बस, ट्रेन और हवाई जहाज की सुविधा आसानी से मिल जाती है।