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अयोध्या के चाचा शरीफ़ को पद्म श्री सम्मान, 25,000 लावारिस शवों का कर चुके हैं अंतिम संस्कार

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71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर शनिवार को हुए पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा से सम्मानित होने वाली हस्तियों में शुमार होने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ़ इन दिनों चर्चा में हैं। पिछले 27 सालों से लावार‍िस लाशों का अंतिम संस्‍कार कर रहे मोहम्मद शरीफ़ को लोग प्यार से 'शरीफ़ चाचा' के नाम से बुलाते हैं। शरीफ़ चाचा कई वर्षों से अयोध्या में लावारिस शवों का दाह-संस्कार कर रहे हैं, उन्होंने अब तक 25,000 से ज्यादा शवों को दफ़नाया/दाह संस्कार किया है। वह अब तक कई हिन्दू व मुस्लिम लावारिस शवों को अंतिम संस्कार किया है।

पेशे से साइकिल मिस्त्री मोहम्मद शरीफ़ हर रोज लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए कब्रिस्तान और शमशान का चक्कर लगाया करते हैं।

Meet Padam Shri Awardee Mohammad Sharif, Who Performed Last Rites of Unclaimed Bodies.

फरवरी 1992 में शरीफ चाचा के बेटे की सुल्तानपुर में हत्‍या कर दी गई थी, जिसके बारे में उन्‍हें एक महीने बाद मालूम चला। उस समय रामजन्मभूमि का विवाद चल रहा था जिसके कारण 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई। बाद में, एक बोरे से रईस की लाश मिली। मोहम्‍मद शरीफ ने बस तभी से फैसला किया कि अब वे किसी की भी लावारिस लाश को सड़क पर नहीं सड़ने देंगे, अपने बेटे की इस घटना के बाद से ही शरीफ़ चाचा ने जिले में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की ज़िम्मेदारी उठा ली थी। तब से वो आज तक ये नेकी का काम करते आ रहे हैं। शरीफ़ कहते हैं कि इसके चलते उन्हें कई बार आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ता है लेकिन चंदा जुटाकर या दान में मिले पैसों से वो ये काम करना ज़ारी रख पाते हैं।

English summary

Meet Padam Shri Awardee Mohammad Sharif, Who Performed Last Rites of Unclaimed Bodies.

Mohammad Sharif, who has been conferred with Padam Shri, has cremated and buried 25,000 unclaimed bodies. Sharif took upon himself to perform last rites of unclaimed bodies after losing his son during riots.
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