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कैंसर मरीजों के जीवन में नई आशा की किरण पैदा करता है वर्ल्ड रोज़ डे
कैंसर
की
गिनती
जानलेवा
बीमारियों
में
होती
है
और
इसलिए
इसका
नाम
सुनकर
भी
मन
में
एक
सिहरन
पैदा
हो
जाती
है।
इतना
ही
नहीं,
कैंसर
मरीज
अधिकतर
सिर्फ
अपनी
बीमारी
से
ही
नहीं,
बल्कि
मन
में
उपज
रहे
नकारात्मक
विचारों
से
भी
हर
पल
लड़ते
है।
पूरी
दुनिया
में
ऐसे
कई
मरीज
है,
जो
इस
समय
कैंसर
की
लड़ाई
लड़
रहे
हैं।
बीमारी
के
इलाज
के
दौरान
मरीजों
को
ना
केवल
शारीरिक
रूप
से
बहुत
अधिक
कष्ट
सहना
पड़ता
है,
बल्कि
इस
गंभीर
बीमारी
के
लिए
लंबी
लड़ाई
लड़नी
पड़ती
है,
जो
व्यक्ति
को
भावनात्मक
रूप
से
भी
काफी
थका
देती
है।
इस
दौरान
कई
लोगों
को
मनोवैज्ञानिक
रूप
से
भी
कई
परेशनियां
और
तनाव
आदि
का
सामना
करना
पड़ता
है।
ऐसे में इन मरीजों के मन में नई उमंग व आशा का संचार करने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे अर्थात् विश्व गुलाब दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह बीमारी का जल्दी पता लगाने और कैंसर की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक दिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। तो चलिए आज हम आपको वर्ल्ड रोज डे के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं-
जानिए इतिहास
वर्ल्ड रोज डे को मनाने के पीछे का इतिहास बेहद ही संवेदनशील और इंस्पायरिंग है। कनाडा की 12 वर्षीय मेलिंडा रोज को आस्किन का ट्यूमर था। इस दुर्लभ ब्लड कैंसर के कारण डॉक्टरों द्वारा यह कहा गया था कि उसका जीवन मात्र 6 सप्ताह का ही था। लेकिन इस स्थिति ने भी मेलिंडा के जीवन में निराशा पैदा नहीं की। उन्होंने अपने जीवन के शेष दिनों को एक नई आशा के साथ जीने का फैसला किया और इसी सकारात्मकता के कारण वह अगले छह महीनों तक जीवित रहीं।
इतना ही नहीं, मेलिंडा ने बीमारी से लड़ते हुए अपने जैसे कैंसर रोगियों को बीमारी के खिलाफ लड़ाई में खुशी फैलाने में मदद करने के लिए कुछ प्रयास भी किए। रोज़ ने अपने कैंसर पेशेंट के लिए कविताएं, नोट्स और ईमेल लिखे। जिसके बाद उनके साहस व सकारात्मकता को मनाने के लिए वर्ल्ड रोज डे की शुरूआत हुई।
वर्ल्ड रोज डे का है बहुत महत्व
वर्ल्ड रोज डे दुनिया के सबसे लोकप्रिय और सबसे खूबसूरत फूलों में से एक "गुलाब" के उपयोग को संदर्भित करता है। यह चिंता, प्रेम और दया का प्रतिनिधित्व करता है। आपने देखा होगा कि ज्यादातर कैंसर के मरीजों के मन में एक निराशा होती है और ऐसे में कैंसर के रोगियों के बीच गुलाब बांटने से उन्हें एक ताजगी का अहसास होता है। इसके अलावा, गुलाब का मतलब कोमलता और प्यार भी होता है। इसलिए विश्व गुलाब दिवस कैंसर रोगियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
ऐसे कर सकते है सेलिब्रेट
वर्ल्ड रोज डे को सेलिब्रेट करने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं-
• कैंसर रोगियों को गुलाब देकर उनके मन में उत्साह व सकारात्मकता बढ़ाएं।
• विभिन्न मंचों के माध्यम से कैंसर रोगियों के लिए लोगों की संवेदनशीलता बढ़ाना व कैंसर के प्रति जागरूक करना भी चाहिए। जागरूकता अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित कर सकती है और प्रारंभिक पहचान और रोकथाम के माध्यम से कैंसर मृत्यु दर को कम कर सकती है।
• चूंकि कैंसर का इलाज काफी अधिक खर्चीला होता है, इसलिए इस दिन को सेलिब्रेट करते हुए कोशिश करें कि लोगों को आगे आएं और कैंसर रोगियों की मदद करें।