Just In
- 2 hrs ago Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
- 3 hrs ago Hashimoto : एक्ट्रेस स्मृति खन्ना को प्रेग्नेंसी में हुई ये खतरनाक बीमारी, सीधा गर्भाशय पर करती है हमला
- 5 hrs ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
- 6 hrs ago ये शख्स हैं चलता-फिरता शराबखाना, इस अनोखी बीमारी की वजह से पेट में बनती है शराब
Don't Miss
- News Kal ka Match Kaun jeeta 23 April: कल का मैच कौन जीता- चेन्नई vs लखनऊ
- Education UK Board Result 2024: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट कब आएगा? चेक करें डेट और टाइम
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
भारत-पाक बॉर्डर में बने तनोट माता के मंदिर से डरती है पाकिस्तानी फौज
राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सरहद पर मौजूद तनोट देवी हमारे देश की सरहद के साथ बीएसफ के सैनिकों की रक्षा करती आ रही है। बॉर्डर में स्थित इस मंदिर से तो पाकिस्तानी फौज भी डरती है।
बीएसएफ भी देवी मां के चमत्कारों को मानती है इसलिए 1965 के युद्ध के बाद से ही बीएसएफ ने ही इस मंदिर की बागडोर सम्भाले रखी है।1965 की जंग में पाकिस्तान ने इस मंदिर को निशाना बनाकर हजारों गोले दागे। लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी।
जी हां, जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित तनोट राय माता मंदिर में 1965 और 1971 की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान द्वारा कई बार बम फेंके गए लेकिन हर बार उसे असफलता ही हाथ लगी। आज भी मंदिर के संग्रहालय में पाकिस्तान द्वारा दागे गए जीवित बम रखे हुए हैं।
यह मंदिर 1200 साल पुराना
यह मंदिर लगभग 1200 साल पुराना है। वैसे तो यह मंदिर सदैव ही आस्था का केंद्र रहा है पर 1965 कि भारत - पाकिस्तान लड़ाई के बाद यह मंदिर अपने चमत्कारों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हो गया।
3000 हजार बम गिराए थे पाकिस्तानी सेना ने
1965 कि लड़ाई में पाकिस्तानी सेना कि तरफ से गिराए गए करीब 3000 बम भी इस मंदिर पर खरोच तक नहीं ला सके, यहां तक कि मंदिर परिसर में गिरे 450 बम में से एक भी बम नहीं फटा। ये बम अब मंदिर परिसर में बने एक संग्रहालय में भक्तो के दर्शन के लिए रखे हुए है।
जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर
जैसलमेर के थार रेगिस्तान में 120 किमी. दूर सीमा के पास स्थित सिद्ध तनोट राय माता मंदिर से भारत-पाकिस्तान युद्ध की कई अजीबो गरीब यादें जुड़ी हुई हैं। राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना को परास्त करने में तनोट माता की भूमिका बड़ी अहम मानी जाती है। यहां तक मान्यता है कि युद्ध के दौरान तनोट राय माता ने भारतीय सैनिकों की मदद की इसके चलते ही पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा।
मंदिर में ही बनाया विजय स्तम्भ
1965 के युद्ध के बाद इस मंदिर की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा ने सम्भाल ली थी। यहां अपनी एक चौकी भी बना ली। इतना ही नहीं एक बार फिर 4 दिसम्बर 1971 कि रात को पंजाब रेजिमेंट और सीमा सुरक्ष बल की कम्पनी ने मां की कृपा से लोंगेवाला में पकिस्तान की पूरी टैंक रेजिमेंट को धूल चटा दी थी। और लोंगेवाला को पाकिस्तानी टैंको का कब्रिस्तान बना दिया था। पाकिस्तान का चैक पोस्ट लोंगेवाला भी जैसलमेर बॉर्डर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। इस जीत के बाद मंदिर परिसर में एक विजय स्तम्भ का निर्माण किया गया था। जहां हर वर्ष 16 दिसम्बर को उत्सव मनाया जाता है।
हर साल दूर दूर से आते है लोग दर्शन करने
तनोट माता को आवड माता के नाम से भी जाना जाता है तथा यह हिंगलाज माता का ही एक रूप है। हिंगलाज माता का शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। हर वर्ष आश्विन और चैत्र नवरात्र में यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।
BSF ने सम्भाल रखा है मंदिर प्रशासन
तनोट माता मंदिर का सारा कामकाज बीएसएफ के जवान ही देखते हैं। पुजारी की जिम्मेदारी भी जवान ही निभाते हैं। जवानों का विश्वास है कि तनोट माता मंदिर की वजह से जैसलमेर की सरहद के रास्ते हिंदुस्तान पर कभी भी कोई आफत नहीं आ सकती है।
1965 और 1971 की जंग की यादें
मंदिर में 1965 और 1971 के जंग की गौरवगाथा सुनाती तस्वीरों की पूरी झांकी भी सजी हुई है। मंदिर के भीतर बम के वो गोले भी रखे हुए हैं जो यहां आ कर गिरे थे। जवानों का मानना है कि यहां कोई दैवीय शक्ति है।