Just In
- 6 hrs ago Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- 7 hrs ago कौन थे पंजाबी रॉकस्टार अमरसिंह चमकीला? जिनकी मौत के 35 साल बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी
- 8 hrs ago ड्राई स्किन और डार्क सर्कल के लिए कंसीलर खरीदते हुए न करें ये गलतियां, परफेक्ट लुक के लिए ऐसे करें अप्लाई
- 11 hrs ago Lemon Juice Bath : नींबू पानी से नहाने के फायदे जान, रोजाना आप लेमन बाथ लेना शुरु कर देंगे
Don't Miss
- News Weather Forecast: तेजी से करवट ले रहा मौसम, कहीं बारिश तो कहीं बर्फबारी, देहरादून, भोपाल में टूटा रिकॉर्ड
- Movies Crew Review: चोर के घर चोरी करती नजर आईं तबू, करीना और कृति, बेबो ने लूट ली सारी लाइमलाइट, कृति पड़ीं फीकी
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
इस मुस्लिम शख्स ने इंसानियत की खातिर तोड़ दिया रोज़ा
भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है लेकिन फिर भी कई बार यहां धर्म को लेकर सवाल उठते रहते हैं। आज हम आपके पाए एक ऐसी खबर लेकर आए हैं जिसके बाद आपको भारत में धर्म नहीं बल्कि इंसानियत दिखेगी।
इस लेख में आज हम आपको बताएंगें कि कैसे एक आरिफ खान नामक शख्स ने ये साबित कर दिया कि धर्म से बड़ी इंसानियत होती है और भारत इस मामले में सबसे आगे है। तो चलिए जानते हैं उस शख्स की कहानी जिसने किसी की जान बचाने के लिए अपना रोज़ा तोड़ दिया।
कौन
था
मरीज़
अजय बिजलावन को बहुत ही गंभीर अवस्था में सिटी हॉस्पीटल में भर्ती करवाया गया था। उसमें प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो गई है और इस वजह से उसके लिवर में संक्रमण फैल रहा था। उसके प्लेटलेट्स बड़ी तेजी से गिर रहे थे और उसे जल्द से जल्द खून की जरूरत थी। उसके परिवार के लोग सोशल मीडिया पर लोगों से रक्तदान के लिए अपील करने में लगे थे।
व्हॉट्सऐप
पर
मिला
संदेश
आरिफ खान को व्हॉट्सऐप पर खबर मिली कि अजय बिजलावन को रक्त की जरूरत है। मैसेज में अजय के परिवार ने ब्लड ग्रुप की सारी जानकारी भी दी थी और उसमें अजय के पिता का फोन नंबर भी था जिस पर आरिफ ने कॉल किया।
सच था मामला
आरिफ खुद देहरादून के सहस्त्रधारा रोड़ के नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के अध्यक्ष हैं। इस मैसेज के पीछे के सच को जानने के तुरंत बाद ही उन्होंने हॉस्पीटल जाकर रक्तदान किया।
एक थी मुश्किल
रक्तदान से पहले डॉक्टर्स ने आरिफ को कुछ खाने के लिए कहा लेकिन आरिफ उस समय रमदान के रोज़े पर था। बिना कुछ खाए वो रक्तदान नहीं कर सकता था और उसे अपना रोज़ा खोलने से पहले कुछ खाना जरूरी था।
आरिफ
ने
किया
खुलासा
आरिफ ने अपने इस काम के बारे में कहा कि अगर किसी की जान बचाने के लिए रोज़ा तोड़ना भी पड़े तो मैं रोज़े से पहले इंसानियत को देखता हूं। इंसान की जिंदगी उसके और उसके परिवार के लिए बहुत कीमती है। आगे वो कहते हैं कि रमजान हमें जरूरतमंदों की मदद करना ही सिखाता है। मैं मानता हूं कि रोज़ा रखना किसी की मदद करने से ज्यादा जरूरी नहीं है और इससे अल्लाह भी खुश नहीं होगा। ये मेरी खुशकिस्मती है कि मैं किसी के काम आ सका।
इंसानियत बच गई
आरिफ के इस नेक काम से पता चल गयाकि इंसानियत अभी भी हमारे दिलों में कहीं ना कहीं जिंदा है।