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Super Flower Moon 2020: जानें आज भारत में कितने बजे दिखेगा साल का आखिरी सुपरमून
देश ही नहीं, दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप फैला हुआ। लोगों का सारा ध्यान इस वक्त इस प्रकोप से लड़ने में लगा हुआ है। मगर इस बीच कुछ खगोलीय घटनाएं हमारा ध्यान खींच ही लेती है।
अप्रैल में पिंक सुपरमून के बाद अब आने वाला है फ्लावर सुपरमून। जी हां, 7 मई को फ्लावर सुपरमून देखा जा सकेगा और ये साल 2020 का आखिरी सुपरमून होगा। जानते हैं कि क्या इस वर्ष के आखिरी सुपरमून यानि फ्लावर सुपरमून को भारत में कब और कैसे देखा जा सकेगा।
चांद कब कहलाया जाता है सुपरमून
जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है तब ज्यादा नजदीक आ जाने के कारण चांद बहुत बड़ा और चमकीला नजर आता है। चन्द्रमा अपनी सामान्य दूरी से अधिक जब पृथ्वी के ऑर्बिट के पास आ जाता है तब सुपरमून बनता है। आमतौर पर पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच की औसत दूरी 3,84,400 किलोमीटर है। मगर 7 मई को चांद और धरती के बीच की दूरी तकरीबन 3,61,184 किलोमीटर होगी। इससे पहले अप्रैल के महीने में भी सुपरमून दिखाई दिया था और इसे पिंक मून का नाम दिया गया था।
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सुपर फ्लावर मून नाम क्यों पड़ा?
फुल मून के नाम अमेरिका के मौसम, फूलों और क्षेत्रों के आधार पर रखे गए हैं और ये पहली बार Maine Farmer's Almanac में प्रकाशित हुए थे। इस प्रकाशन के मुताबिक नॉर्थ अमेरिका में एल्गोनक्विन जनजाति ने मई में दिखने वाली पूर्णिमा का नाम फ्लॉवर मून इसलिए रखा क्योंकि इस दौरान आसपास के इलाके में बहुत अधिक संख्या में फूल खिलते हैं। मई माह की पूर्णिमा को कॉर्न प्लांटिंग मून और मिल्क मून के नाम से भी जाना जाता है।
सुपर फ्लावर मून का समय
सुपर फ्लावर मून 7 मई को शाम 4 बजकर 15 मिनट पर अपने पूरे प्रभाव में दिखाई देगा। मगर भारत के लोगों को ये नजारा देखने का मौका नहीं मिल सकेगा क्योंकि इस समय भारत में सूर्य की रौशनी रहेगी। मगर ऑनलाइन तरीके से आप चांद के इस खूबसूरत रूप का दीदार कर सकते हैं। चंद्रोदय और उसके अस्त होने के समय में इसका नजारा बेहद ख़ास रहने की उम्मीद है। आप सुपरमून की लाइव स्ट्रीम के लिए Slooh और Virtual Telescope यूट्यूब चैनल पर जा सकते हैं।
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