For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

शिशु का सोते हुए झटके आना नॉर्मल है, जानें इसकी वजह और कब डरने की बात है?

|

आपने अक्‍सर अपने बच्‍चें को प्यार से सोते हुए देखते हैं तो आपने नोटिस क‍िया होगा क‍ि वो कई तरह की शक्‍लें बनाता है। इसके अलावा आपने देखा होगा क‍ि आपका बच्‍चा सोते हुए हिल-डुल रहा हैं। हमें इसे अक्‍सर सामान्‍य समझकर ज्‍यादा चिंता नहीं करते हैं।

इसके अलावा अगर आपका बच्चा सोते वक्त जोर से हिलता है और रोते हुए उठ जाता है तो ये किसी गंभीर परेशानी के संकेत हो सकते हैं। इसे हल्के में लेने की बजाय आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। आइए जानते है क‍ि शिशु का सोते हुए झटके आना क्‍या नॉर्मल है?

मस्तिष्‍क से जुड़ा होता है बच्‍चों का नींद में झटके आना

मस्तिष्‍क से जुड़ा होता है बच्‍चों का नींद में झटके आना

विशेषज्ञों का का मानना ​​है कि रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) नींद के दौरान ह‍िलने-डुलने से जुड़ा हुआ है। सेंसरिमोटर विकास से जुड़े होते हैं - कि जब सोता हुआ शरीर हिलता है, तो यह पूरे विकासशील मस्तिष्क में सक्रिय सर्किट की तरह होता है और नवजात शिशुओं को उनके अंगों के बारे में सिखाता है क‍ि कैसे काम कर सकते हैं। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि प्रारंभिक मोटर विकास और प्रारंभिक सेंसरिमोटर विकास को समझना विशिष्ट विकास को समझने की कुंजी है और ऑटिज्म और सिज़ोफ्रेनिया जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों को समझने के लिए क्‍लू देता है।

नींद में झटके आना भी दो प्रकार के होते है:

नींद में झटके आना भी दो प्रकार के होते है:

- अचानक मांसपेशियों के संकुचन के कारण मायोक्लोनिक झटके। इसे सकारात्मक मायोक्लोनस के रूप में जाना जाता है।

- मांसपेशियों में रिलेक्‍सेशन के कारण मायोक्लोनिक झटके। यह नकारात्मक मायोक्लोनस है।

यदि आपकी आंख लगने ही वाली थी और अचानक आपके शरीर में झटके महसूस होते हैं, और आप चौंक के जग जाते है, आपने मायोक्लोनस के एक रूप का अनुभव किया है - एक सम्मोहन संबंधी झटका। जो हिचकी के रुप में भी सामने हो सकता है।

Bread Jam खाने से हो सकता है Cancer का खतरा, बच्चों के लिए है बेहद खतरनाक | Boldsky
रिसर्च में आया सामने

रिसर्च में आया सामने

2020 के एक अध्ययन से पता चलता है कि, सभी उम्र में, लोग नींद के दौरान झटके का अनुभव करते हैं। आमतौर पर 10 सेकंड या उससे कम समय के अंतराल पर ही नजर आती है। जैसे-जैसे आपका बच्चा विकसित होता है, आप देख सकते हैं कि उसमें झटके का पैटर्न बदल रहा है।

नींद में झटके आना बच्‍चें के नए स्किल्‍स से जुड़ा हुआ होता है। आप नोटिस करेंगे क‍ि आप अपने छोटे बच्चे की नींद के दौरान गर्दन में मरोड़ और जागते समय अपने सिर को सहारा देने की उनकी क्षमता में कुछ विकास हुआ है। कुछ ही महीनों में आपका शिशु चीजों तक पहुंचने के ल‍िए कोशिश शुरु कर देता है। यह तब होता है जब कलाइयों और उंगलियों में अधिक झटके आने शुरू हो जाते है।

नींद में झटके आना कब हो सकता है खतरनाक?

नींद में झटके आना कब हो सकता है खतरनाक?

कुछ मामलों में, जब झटके बहुत साफ-साफ नजर आते है, ऐसे में पैरेंट्स को बच्‍चों को अस्‍पताल ले जाना चाह‍िए। तो आपको कैसे पता चलेगा कि आपके बच्चे की नींद में मरोड़ विकास का एक सामान्य हिस्सा है या किसी ऐसी बात का संकेत है जिसके बारे में आपको चिंतित होना चाहिए?

यह एक आसान संकेतक है। यदि जागने पर झटके तुरंत बंद हो जाते है, तो यह संभवतः हानिरहित मायोक्लोनिक झटके हो सकता है। जब बच्चा जग रहा है तब भी अगर झटके लग रहे है तब भी चिंता की बात है।

यदि आपका बच्चा जागते समय हिलने-डुलने या अकड़ने का अनुभव कर रहा है, तो ये स्थिति दौरे पड़ने की समस्या हो सकती है, जैसे:

शिशु की ऐंठन: ये 2 से 12 महीने की उम्र के बीच शुरू होते हैं। आप झटके के बाद अकड़न का एक समूह सा महसूस कर सकते हैं।

सौम्य पारिवारिक नवजात आक्षेप: ये जीवन के पहले कुछ दिनों में शुरू होते हैं। वे आमतौर पर 6 से 9 महीने की उम्र तक रुक जाते हैं।

ज्वर दौरे: ये बीमारी के दौरान होते हैं, साथ में तापमान में तेजी से वृद्धि होती है।

मिर्गी: मिर्गी संबंधी विकार भी दौरे का कारण बन सकते हैं।

Read more about: sleep baby शिशु नींद
English summary

Baby Twitching in Sleep : Definition, Causes, Concerns and When to Worry in Hindi

What is Baby Twitching in Sleep? Know Definition, Causes, Concerns and When to Worry in Hindi. Read on.
Story first published: Wednesday, December 8, 2021, 17:45 [IST]
Desktop Bottom Promotion