Just In
- 6 min ago First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- 1 hr ago हीरामंडी की प्रीमियर पर सितारों सा झिलमिल वाइट शरारा सेट पहन पहुंची आलिया भट्ट, लाखों में हैं कीमत
- 3 hrs ago Real Vs Fake Shampoo : आपका शैंपू असली है या नकली, इन ट्रिक्स से पता करें अंतर
- 3 hrs ago Eggs Freeze कराएंगी मृणाल ठाकुर, कौन और कब करवा सकता है एग फ्रीज जानें यहां
Don't Miss
- Education JEE Mains Topper List Category Wise: किस श्रेणी में किसने किया टॉप? देखें श्रेणीवार जेईई मेन टॉपर्स सूची
- News CG: किसान कांग्रेस के अध्यक्ष रामविलास साहू छोड़ी कांग्रेस, भाजपा बोली- अखंडता का विरोध कांग्रेस के पतन का कारण
- Movies VIDEO: उर्फी जावेद फिर अजीबोगरीब हालत में दिखी, हाथ में पहना खाना रैप पेपर और टांगो में...
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
मानसून में बीमारियों से बचाने के लिए न्यू बोर्न की ऐसे करें केयर, बच्चा रहेगा फिट
मानसून का मौसम आ चुका है, जो मन को भले ही बेहद अच्छा लगे, लेकिन अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है। इस मौसम में व्यस्क ही कई तरह की मौसमी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। वहीं, इस मौसम में छोटे बच्चों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है।
खासतौर से, अगर आपके घर में एक नवजात शिशु है तो ऐसे में मौसम में बार-बार उतार-चढ़ाव उनके लिए ना केवल रैशेज, बल्कि बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह भी बन सकता है। चूंकि नवजात शिशु का इम्युन सिस्टम बहुत अधिक मजबूत नहीं होता है, इसलिए इस मौसम में उनके बीमार पड़ने की संभावना बहुत अधिक होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको मानसून में नवजात की केयर करने के आसान तरीके के बारे में बता रहे हैं-
लंबे समय के लिए डायपर में ना छोड़े
कुछ पैरेंट्स की यह आदत होती है कि वह बच्चे को डायपर लगाकर फ्री हो जाते हैं और उसे घंटों तक चेंज नहीं करते हैं। लेकिन आप भूल से भी ऐसा ना करें। रैशेज से बचने के लिए अपने नवजात शिशु के डायपर को समय-समय पर बदलते रहें। खासतौर से, बच्चे के पेशाब करने या पॉटी करने के बाद, बैक्टीरिया थोड़े समय में सक्रिय हो सकते हैं। ऐसे में अगर बच्चा गंदे डायपर में रह जाता है, तो इससे उसकी स्किन को नुकसान होता है और उसे डायपर रैश की समस्या हो सकती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आपका शिशु हमेशा सूखा रहे। मांएं डायपर रैश क्रीम का विकल्प भी चुन सकती हैं, जो शिशुओं में डायपर रैशेज को ठीक करने और उन्हें शांत करने में मदद करेंगी।
डायपर से दें ब्रेक
यह एक जरूरी टिप है, जिस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि पैरेंट्स बच्चे का डायपर तो चेंज करते हैं। लेकिन डायपर हटाने के बाद वह तुरंत दूसरा डायपर लगा देते हैं। लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। कोशिश करें कि आपके बच्चे को कुछ देर के लिए डायपर से फ्री रखें। यह आपके बच्चे को सूखा रखने और उसे आराम दिलाने में मदद करेगा। जब आप घर पर हैं, तब डायपर के इस्तेमाल से बचें और उसकी स्किन को सांस लेने दें।
ऑर्गेनिक मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें
मानसून के सीजन में सबसे बड़ी समस्या मच्छरों की होती है, जो बच्चों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू और पीत ज्वर जैसी कुछ सबसे घातक बीमारियों के वाहक होने के कारण, माता-पिता हमेशा अपने बच्चों को मच्छरों से बचाने की कोशिश करते हैं। इसलिए, अपने नन्हे-मुन्नों को मच्छरों से बचाने के लिए मच्छर भगाने वाले बॉडी स्प्रे का इस्तेमाल करें।
कमरे के तापमान का रखें ख्याल
बच्चे के कमरे के तापमान को बनाए रखने का प्रयास करें। तापमान न तो ज्यादा गर्म होना चाहिए और न ही ज्यादा ठंडा, ताकि शिशु आराम से रहे। यदि शिशु को रात में ठंड लगती है, तो आप उसे ढकने के लिए एक अतिरिक्त लेयर लगा सकते हैं।
हाथों की करें क्लीनिंग
जब बात बच्चे की केयर की होती है, तो लोग केवल शिशु पर ही ध्यान देते हैं। खुद के हाइजीन का ख्याल नहीं रखते है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन आपके हाथ सबसे बड़े रोगाणु वाहकों में से एक हैं और संक्रमण को फैला सकते हैं। इसलिए, सलाह दी जाती है कि बच्चे को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन से धोएं या उन्हें साफ करें।