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यह लक्षण करते हैं गर्भपात की ओर इशारा
इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। कभी पारिवारिक ज़िम्मेदारियां तो कभी काम का दबाव, ऐसे में तनाव आम बात होती है। कई मामलों में इन तनावों का असर गर्भावस्था में भी देखने को मिलता है।
एक अध्ययन के अनुसार लगभग 30 फीसदी महिलाओं का गर्भपात तब हो जाता है जब उन्हें इस बात का पता भी नहीं रहता कि वह गर्भवती हैं। वहीं दूसरी ओर 15 फीसदी औरतों का गर्भपात मात्र 15 हफ्ते के भीतर ही हो जाता है।
ऐसे में हर गर्भवती महिला के लिए यह बेहद ज़रूरी हो जाता है कि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी हो कि किस समय उन्हें अपनी प्रेगनेंसी को लेकर सतर्क रहना चाहिए ताकि गर्भपात के लक्षणों के दिखाई देने पर वह फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें। तो आइए जानते हैं गर्भपात के कुछ लक्षणों के बारे में।
ब्लीडिंग
ब्लीडिंग होना गर्भपात के सबसे आम लक्षणों में से एक होता है। हालांकि यह ज़रूरी नहीं है कि इसका मतलब गर्भपात ही हो। अक्सर गर्भावस्था के शुरूआती दौर में महिलाओं को हल्के फुल्के ब्लीडिंग की समस्या होती है जो एकदम सामान्य है। फिर भी यदि आपको स्पॉटिंग या फिर थक्को के साथ ज़्यादा ब्लीडिंग की समस्या हो रही हो तो ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लीडिंग के साथ ऐंठन चिंताजनक हो सकता है। भूरे रंग का खून या फिर गहरे लाल रंग का खून खतरे का संकेत हो सकता है।
बैक पेन की समस्या
पीठ के नीचे के हिस्से में या फिर पेल्विक एरिया में दर्द होना भी गर्भपात की ओर इशारा करता है। कई गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था में ऐसे दर्द होते हैं। यदि आपको लगातार और ज़्यादा तेज़ दर्द महसूस होता है तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। कई बार इस दर्द के साथ ब्लीडिंग की भी समस्या होती है।
पेट दर्द
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। कुछ औरतों को पूरे नौ महीने शरीर के अलग अलग हिस्सों में दर्द की शिकायत रहती है जो सामान्य है। यदि आपको पीरियड्स की तरह ऐंठन के साथ या फिर ब्लीडिंग की शिकायत हो तो यह किसी खतरे का अंदेशा हो सकता है इसलिए इस अवस्था में बेहतर यही होगा कि आप अपने डॉक्टर से फ़ौरन संपर्क करें।
डिस्चार्ज
गर्भावस्था में वाइट डिस्चार्ज आम होता है। यदि यह सामान्य से अधिक होने लगे या फिर इसमें से किसी तरह की गंध आने लगे तो यह इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। इसके अलावा यदि आपके वजाइना पर यह फिर आपके पेल्विक एरिया के आस पास हल्का सा दबाव पड़ने लगे तो इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। यदि यह दबाव अधिक लगने लगे तो इसका मतलब है कि आपका गर्भाशय ग्रीवा कमज़ोर हो रहा है।
प्रसव के समान संकुचन
अक्सर महिलाओं को गर्भावस्था में संकुचन की समस्या होती है। कई महिलाएं इसे प्रसव संकुचन समझने की गलती कर देती हैं। कुछ संकुचनों में दर्द नहीं होता और ये अनियमित होते हैं। यदि आपको लगातार संकुचन हो रहा है तो आप फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
जैसा कि हमने आपको बताया कई महिलाओं का गर्भपात तब हो जाता है जब उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि वह गर्भवती है। ऐसे में आपको अपने गर्भावस्था के शुरूआती दौर में गर्भपात के कुछ लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए।
1.अक्सर 6 हफ्ते की प्रेगनेंसी का पता महिलाओं को नहीं चल पता। ऐसे में कई बार उनका गर्भपात हो जाता है। यदि आपको ज़्यादा ब्लीडिंग की समस्या हो रही हो तो आप फ़ौरन अपना प्रेगनेंसी टेस्ट करें। कई बार एक दो हफ्ते की देरी बहुत बड़ी देर हो सकती है।
2. 6 से 12 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के दौरान यदि आपका गर्भपात होता है तो ऐसे में ऐंठन के साथ ब्लीडिंग और योनि में तेज़ दर्द की शिकायत होगी। यह हल्की स्पॉटिंग से शुरू होकर तेज़ ब्लीडिंग का रूप ले सकता है साथ ही साथ दर्द भी बढ़ता जाता है।
3. 12-20 हफ़्तों के दौरान आपको प्रसव जैसे संकुचन, तेज़ दर्द महसूस होंगे। साथ ही ब्लीडिंग भी हो सकती है आपको वाइट डिस्चार्ज की भी समस्या हो सकती है जिसमें आपको ब्लीडिंग या संकुचन नहीं होगा। यह इस बात का संकेत है कि आपका गर्भाशय ग्रीवा कमज़ोर हो चुका है।
कई बार गर्भपात पूरे तरीके से नहीं होता। ऐसा तब होता है जब गर्भाशय अचानक फैलता है या फिर ऐसा काम करता है कि बच्चे के जन्म की तैयारी कर रहा है। ऐसे में दर्द के साथ ब्लीडिंग भी हो सकती है। यदि आपको हल्की ब्लीडिंग और दर्द के बाद भी गर्भपात के और कोई लक्षण दिखाई न दें तो समझ लीजिये आपका गर्भपात अधूरा है और आपको तुरंत उपचार की ज़रूरत है।
गर्भपात को रोकने का कोई खास उपाय नहीं है लेकिन कुछ सावधानियां है जो गर्भावस्था में आपको ज़रूर बरतनी चाहिए।