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प्रीति जिंटा सरोगेसी से बनीं मां, जानें सरोगेसी का खर्च और कैसे हुई इसकी शुरुआत
बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा 46 साल की उम्र में जुड़वा बच्चों की मां बनी हैं। डिंपल गर्ल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर मां बनने की खबर शेयर की है। बता दें कि प्रीति जिंटा जुड़वा बच्चों की मां सरोगेसी के द्वारा बनी हैं। प्रीति जिंटा और जीन गुडइनफ सरोगेसी के द्वारा माता पिता बने है।
इन दिनों सरोगेसी काफी ट्रेंड बढ़ गया है। जो महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है वह महिला सरोगेट मदर की मदद से मां बनने का अपना सपना पूरा कर सकती हैं। चलिए जानते हैं सरोगेसी क्या है, सरोगेसी की शुरुआत कैस हुई है और सरोगेसी में कितना खर्च आता है।
क्या है सरोगेसी
सरोगेसी को किराए की कोख के नाम से भी जाना जाता है। सरोगेसी के द्वारा शादीशुदा कपल माता पिता बनने के लिए किराए की कोख लेते है। सरोगेसी में सरोगेसी मदर बच्चे को जन्म देती है। इस प्रोसेस में पिता के स्पर्म सरोगेट मदर के एग्स से मैच करवा कर टेस्ट ट्यूब के जरिए सरोगेट मदर के यूट्स में डाल दिया जाता है।
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सरोगेसी के टाइप
दो तरह की सरोगेसी होती है। ट्रेडिशनल सरोगेसी और जेस्टेशनल सरोगेसी।
ट्रेडिशनल सरोगेसी- इस सरोगेसी में पिता के स्पर्म को सरोगेसी मदर के एग्स के साथ मिलाकर बच्चा पैदा किया जाता है। इस बच्चे का संबंध केवल पिता से होता है।
जेस्टेशनल सरोगेसी- इस सरोगेसी में कपल के स्पर्म और एग्स को लेब में रखकर एग्स को सरोगेट मदर की कोख में डाला जाता है। इस बच्चे का जेनेटिक संबंध माता पिता दोनों से होता है।
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सरोगेसी का खर्च
रिपोर्ट के अनुसार सरोगेसी प्रोसेस काफी महंगा होता है। इंडिया में सरोगेसी प्रोसेस में 15 से 25 लाख का खर्च आता है। विदेशों में सरोगेसी का खर्च 60 से 70 लाख तक होता है।
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सरोगेसी प्रोसेस
जो महिला किसी कारण से मां नहीं बन पाती है वह सरोगेसी की मदद से मां बनती है। सरोगेसी उन महिला के लिए होता है जिनका बार बार गर्भपाय या फिर आईवीएफ के द्वारा भी मां नहीं बन पाती है। सरोगेसी अस्पताल और डॉक्टर की मदद से किया जाता है। सरोगेसी के लिए माता पिता स्वस्थ महिला को चुनते हैं इसके बाद पुरुष स्पर्म सरोगेट मदर की कोख में जाता है। सरोगेट मदर 9 महीने तक बच्चे को रखती बच्चे के जन्म के बाद माता पिता उसके बच्चे को ले लेते हैं। सरोगेट मदद अपनी फीस लेकर बच्चे की लाइफ से चली जाती है।
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इंडिया में सरोगेसी की शुरुआत कैसे हुई
पिछले काफी समय से इंडिया में सरोगेसी का चलन काफी बढ़ गया है। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी, एकता कपूर और प्रीति जिंटा सरोगेसी के द्वारा मां बन चुकी है। बता दें कि सरोगेसी की शुरुआत सबसे पहले गुजरात से हुई थी। 65 साल की महिला ने अपनी बेटी के बच्चे को 9 महीने के लिए अपनी कोख में रखकर जन्म दिया था। इसके बाद धीरे धीरे सरोगेसी का चलन शुरु हुआ।
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सरोगेसी विवाद
सरोगेसी में कई बार विवाद भी देखने को मिला है। कई बार सरोगेट मदर जो दूसरे के बच्चे को 9 महीने अपनी कोख में रखती है वह उस बच्चे से इमोशनली अटैज हो जाती है और बच्चा देने से मना कर देती है। कई बार नवजात शिशु मानसिक और शारीरिक रुप से कमजोर होता है जिससे वह कपल बच्चे को लेने से मना कर देते है। इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले सरोगेट मदर और कपल के बीच रजिस्ट्रेशन किया जाता है, सभी नियम का पालन करना होता है जो नियम तोड़ता है उसे 10 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।
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सरोगेसी का नियम
सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2019 के तहत कमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बिल के तहत विदेशियों, सिंगल पेरेंट, लिव इन पार्टनर, एलजीबीटी और तलाकशुदा लोगों के लिए सरोगेसी के रास्ते बंद कर दिए गये है। सरोगेसी बिल के अनुसार सरोगेट मदर कपल का करीबी रिश्तेदार होना चाहिए। सरोगेट मदर ऐसी महिला होनी चाहिए जिसकी शादी हो चुकी है और उस महिला का खुद का बच्चा भी हो। सरोगेट मदर की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए। सरोगेसी बिल कहता है कि कोई भी महिला सिर्फ एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है।
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कब कराए सरोगेसी
जब किसी महिला का बार बार गर्भपात ( मिसकैरेज) हो रहा हो।
आईवीएफ IVF के द्वारा भी मां बनना मुश्किल हो।
गर्भाशय में कोई दिक्कत हो।
गर्भाशय ना होने पर
यूट्स का खराब स्थिति में होना
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