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आखिर आपका बच्चा क्यूं हो रहा है मोटा?
गोल मटोल बच्चे देखने में भले ही अच्छे लगते हों, लेकिन बचपन में मोटापा आगे जाकर मधुमेह और हदय संबंधी कई बीमारियों का कारण बन सकता है। कई माता-पिता अपने बच्चे के बढ़ते मोटापे के लिए बहुत चिंतित रहते है। हमें पता है कि आज कल कम समय होने के कारण बच्चे व्यायाम नहीं कर पाते और तो और टीवी और इंटरनेट के आ जाने कि वजह से बच्चों का बाहर जा कर खेलना कूदना भी कम हो गया है। इसी चक्कर में बच्चे मोटे होते जा रहे हैं और उन्हें तमाम बिमारियां घेरती जा रही हैं।
बच्चों में बढ़ते मोटापे के पीछे फास्ट फूड कल्चर, शारीरिक गतिविधियों का कम होना जैसे कई कारण जिम्मेदार हैं और यह आगे जाकर कई बीमारियों का सबब बन सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि, बचपन में जिन बच्चों का वजन ज्यादा हो, उनमें बड़े होकर मधुमेह, डिप्रेशन, खुद को लेकर हीन भावना, हदय संबंधी रोगों, गुर्दों की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
बच्चे को ओबीसिटी से मुक्ती दिलाना हो तो सबसे पहले उनका body mass index (BMI) चेक कीजिये। अगर या 85वें प्रतिशत से ज्यादा और 95 प्रतिशत से कम आता है तो समझ लीजिये कि वह ओवरवेट है।
अगर आपको पता चल जाए कि बच्चा ओवरवेट क्यूं हेाता चला जा रहा है तो आप उस पर अच्छी तरह से रोक लगा सकते हैं। हम यहां 5 ऐसे कारण बता रहें हैं, जिसे जान कर आप अपने बच्चे को मोटापे से बचा सकते हैं।

1. वर्किंग पैरेंट या सिंगल पैरेंट
आप सोंच रहे होंगे कि आपके काम से भला बच्चे के मोटापे से क्या मतलब? लेकिन मतलब है। वर्किंग पैरेंट्स हों या सिंगल पैरेंट उनके पास बच्चों के ऊपर ध्यान देने के लिये ना तो समय होता है और ना ही एनर्जी। तो ऐसे में उनके बच्चों को अपने मन अनुसार खाने पीने की छूट मिल जाती है। कोई भी बच्चा टेस्टी स्नैक के आगे फलों को तो हाथ भी नहीं लगाना पसंद करेगा। अगर आप थक हार कर घर पर आ कर
बाहर से खाना आर्डर करते हैं तो समझ लीजिये कि ऐसे में आपका बच्चा मोटा ही होने वाला है।
आप क्या कर सकते हैं?
- घर पर किसी को खाना बनाने के लिये रखें, जो बच्चों के लिये हेल्दी खाना बना सके।
- खुद भी खाना बनाने के लिये समय निकालें, इससे न सिर्फ आपका बच्चा ही बल्कि आप खुद भी हेल्दी खाएंगे।

2. बच्चे को बाहर खेलने के लिये भेजें
टीवी और इंटरनेट के आ जाने कि वजह से बच्चों का बाहर जा कर खेलना कूदना भी कम हो गया है। इसी चक्कर में बच्चे मोटे होते जा रहे हैं।
आप क्या कर सकते हैं?
- टीवी प्रोग्राम देखने का समय बांधे और जब बच्चा आपकी बात मानें तो उसे रिवार्ड भी दें।
- घर पर सभी लोग मिल कर खाना खाएं और बच्चे को भी शामिल करें।
- बच्चे को साइकिल दिलवाएं जिससे वह स्कूल साइकिल चला कर जा सके और एक्टिव रहे। या फिर बच्चे का स्कूल पास में है तो उसे पैदल ही स्कूल जाने और आने को कहें।

3. स्ट्रेस और डिप्रेशन
आज कल पढ़ाई के चक्कर मे बच्चों में काफी स्ट्रेस होता है इसलिये चलते वे ज्यादा खाना शुरु कर देते हैं। इससे उन्हें लगता है कि उनका मूड अच्छा हो जाएगा।
आप क्या कर सकते हैं?
- अपने बच्चे पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव ना डालें।
- इस बात का कारण जानें कि उसे क्यूं तनाव हो रहा है।
- घर पर केयररिंग सा माहौल बनाएं। उन्हें बताएं कि उनका परिवार उनके दुख में हमेशा उनके साथ रहने वाला है।

4. स्लीप पैटर्न कैसा है
डिप्रेशन की वजह से बच्चे को नींद आने में दिक्कत हो सकती है, जिससे धीरे धीरे वह अनिंद्रा का शिकार होने लगेगा। इससे वह रातभर कुछ भी उल्टा सीधा खाता रहेगा जिससे मोटापा और मधुमेह होने के चांस बढ सकते हैं।
आप क्या कर सकते हैं?
- कोशिश करें कि आपका बच्चा दिन में ना सोए। उन्हें किसी ना किसी काम में बिजी रखें जिससे उनका मूड हमेशा अच्छा बना रहे।
- रात को सोने से पहले हल्की फुल्की एक्सरसाइज करवाने से उन्हें हल्का महसूस होगा।

5. स्कूल का लंच कैसा है
अगर आपका बच्चा घर से लंच ना ले जा कर स्कूल में लंच खरीद कर खाता है तो यह जान लीजिये कि उसमें ढेर सारी कैलोरीज़ होंगी। बच्चे को घर ही बना खाना दीजिये, जो कि पूरी तरह से बैलेंस हो।
आप क्या कर सकते हैं?
- बच्चे के लिये खुद लंच बनाइये।
- खाने में नमक व सोडियम कम होना चाहिये।