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बच्चे मां के सामने ही क्यों करते हैं सबसे ज्यादा शरारत?
क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि जब आप आसपास नहीं रहती हैं तब आपका बच्चा कितने अच्छे ढंग से व्यवहार करता है? संभावना है कि आप इसे नोटिस कर चुकी होंगी।
शायद ये दुनिया के सभी बच्चों की आदतों में शुमार है कि वो अपनी मां के आसपास रहने पर शरारतें करने लगते हैं। लेकिन ऐसा क्यों है? क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? या फिर ये सिर्फ एक सामान्य बात ही है?
इस पर एक रिसर्च भी की गयी है जो मां की इस दुविधा का जवाब ढूंढती है। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक बच्चों के इस तरह के व्यवहार के पीछे जो वजह है वो बहुत साफ़ है। और मां होने के नाते आपको भी इसकी जानकारी होनी चाहिए कि आखिर बच्चा आपके सामने इतनी शैतानियां क्यों करता है।
बच्चा महसूस करता है सुरक्षा की भावना
जब आप एक ही कमरे में होते हैं तो वो क्यों दुनिया का सबसे शरारती बच्चा बन जाता है। जब एक बच्चा स्वस्थ और खुशहाल माहौल में बड़ा होता है तब वो जानता है कि घर उसके लिए जन्नत है। ये जगह उसके लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान है।
हां, बच्चों को ये मालूम होता है कि वो जिस तरह का बर्ताव कर रहे हैं उसके लिए उन्हें सजा भी मिल सकती है। जमीन पर खिलौने फैलाने, धारदार चीजों के साथ खेलने आदि के लिए उन्हें डांट पड़ सकती है। उन्हें ये भी पता रहता है कि भाई बहनों से लड़ाई करने का अंजाम बुरा हो सकता है।
इन सब के बावजूद बच्चे को ये बात बहुत अच्छे से मालूम है कि घर एक ऐसी जगह है जहां वो सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। जो भी हो जाए आप उनसे प्यार करना कम नहीं करेंगे। यही वजह है कि वो आपके आसपास रहने पर शरारती बन जाता है। उन्हें आपकी मौजूदगी अच्छी लगती है और वो खुद को सेफ महसूस कर पाते हैं।
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घर से बाहर बच्चे खुद को करते हैं नियंत्रित
उदाहरण के लिए जब बच्चा स्कूल जाता है तब वो खुद पर दबाव डालता है और उस वातावरण में खुद को ढालने की कोशिश करता है ताकि उसे अपने आसपास के लोग जैसे क्लासमेट या टीचर्स से डांट ना पड़ जाए।
उन्हें ये पता है कि इस तरह के माहौल का हिस्सा बनने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी। बच्चों को ये अंदाजा हो जाता है कि अलग अलग सामाजिक माहौल का हिस्सा बने रहने के लिए उन्हें काफी मेहनत करने की जरूरत है वरना उन्हें इससे बाहर कर दिया जाएगा। लेकिन जैसे ही वो घर पहुंचते हैं तब उन्हें काफी सुकून मिलता है। वो जानते हैं कि यहां किसी तरह की डिमांड नहीं है।
मां का प्यार नहीं होगा कम
घर पर आपके सामने रहने पर शरारतें करने के पीछे उनकी कोई गलती नहीं है। ये उनके लिए भी एक बहुत बड़ा चैलेंज हो जाता है कि वो बाहर खुद को इतने लंबे समय तक नियंत्रित करके रखते हैं।
उन्हें इस बात का विश्वास है कि वो जैसे भी हैं आप उन्हें स्वीकार कर लेंगी। वो जानते हैं कि वो परफेक्ट नहीं हैं लेकिन फिर भी आप उनसे प्यार करेंगी। वो अपनी मां की नजरों के सामने राहत पाना चाहते हैं।
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इस स्थिति से कैसे निपटें
अगर आप इस स्थिति से निपटना चाहती हैं तो आपके लिए एक सलाह है, वो जैसे हैं उन्हें वो रहने दें। वो जो करना चाहते हैं वो करने की उन्हें इजाजत दें। बाहर रहने के दौरान वो खुद पर जो नियंत्रण लगाते हैं, इससे उन्हें आजादी मिलेगी। बच्चे खुद ही अलग अलग माहौल में ढलने की कोशिश करते हैं और ये उनके लिए आसान नहीं होता है इसलिए आप उन्हें घर पर मानसिक तौर पर रिलैक्स होने दें।
ये याद रखिये की बच्चा जो है उसे वैसा ही बर्ताव करने के लिए प्रोत्साहित करके आप अच्छा काम कर रही हैं। जब जरूरत हो तभी आप उन्हें नियंत्रित करें। बच्चों की परवरिश करना आसान काम नहीं होता है और उनकी अच्छी देखभाल के लिए इन पहलुओं पर ध्यान देना भी जरूरी है।