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फोरसेप्स और वैक्यूम डिलीवरी के फायदे और नुकसान
बच्चे को जन्म देना किसी चमत्कार से कम नहीं होता लेकिन कई बार माँ और बच्चे दोनों के लिए यह पल भयावह बन जाता है क्योंकि प्रसव के दौरान कुछ ऐसी परेशानियां आ जाती हैं जो माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होती है। जहां कुछ बच्चों का जन्म सामान्य तरीके से हो जाता है, वहीं कुछ बच्चों के जन्म के समय कई सारी दिक्कतें आती हैं।
कुछ महिलाएं बड़े ही आराम से बच्चे को जन्म दे पाती हैं तो कुछ महिलाओं को भयंकर पीड़ा से गुज़रना पड़ता है। इसके अलावा अन्य कई तरह की जटिल समस्या भी आती है। इन सब के बीच सबसे अच्छी बात यह है कि आज के इस ज़माने में साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि आज ऐसे कई आधुनिक तरीके हैं जिनकी मदद से ऐसी परेशानियों का सामना बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है।
अगर डिलीवरी के समय कोई समस्या आ भी जाती है तो ऐसे में डॉक्टर्स ऑपरेशन या फिर वैक्यूम की सहायता लेते हैं। इसके अलावा फोरसेप्स प्रसव भी करवाते हैं। वैसे तो सी -सेक्शन करने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन वैक्यूम और फोरसेप्स प्रसव उस स्थिति में करवाई जाती है जब माँ बच्चे को जन्म देते समय ज़ोर लगाने में असमर्थ हो जाती है या फिर बच्चा जन्म देने वाले नहर में फंस जाता है।
हालांकि बड़ी बड़ी समस्याओं से निपटने में ये तरीके बहुत ही मददगार साबित होते हैं लेकिन वैक्यूम और फोरसेप्स प्रसव के फायदे के साथ साथ कई तरह के नुकसान भी हैं जिनके बारे जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है।
आज हम अपने इस लेख में वैक्यूम और फोरसेप्स प्रसव के फायदे और नुकसान के विषय पर ही चर्चा करेंगे।
घाव
और
तकलीफ
चोट
बच्चे
के
सिर
पर
सूजन
और
घाव
हो
सकता
है
फोरसेप्स
प्रसव
वैक्यूम
से
बेहतर
हो
सकता
है
आपको
अब
भी
सी-सेक्शन
की
ज़रुरत
पड़
सकती
है
आपको
स्टिचेस
की
ज़रुरत
पड़
सकती
है
सहायक
जन्म
आम
है
दोबारा
सहायक
डिलीवरी
की
ज़रुरत
नहीं
पड़ेगी
सहायक
डिलीवरी
के
कारण
आपके
बच्चे
के
सिर
का
आकार
बिगड़
सकता
है
घाव और तकलीफ
जन्म देने वाले नहर के द्वारा बच्चा इस दुनिया में आता है। जब बच्चे का जन्म होने वाला होता है तो यह नली उसे बाहर निकालने के लिए जगह बनाती है फिर भी यह बहुत ही कठिन होता है। जब बच्चा बीच में फंस जाता है या फिर माँ ज़ोर लगाकर बहुत थक जाती है तो ऐसे में डॉक्टर्स फोरसेप्स और वैक्यूम की सहायता लेते हैं।
बच्चे को जन्म नहर से बाहर निकालने के लिए डॉक्टर्स वैक्यूम डिवाइस का प्रयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में आपको तकलीफ़ के साथ साथ घाव की भी समस्या हो सकती है। इसके अलावा, प्रसव के दौरान भगछेदन यानि कि पेरिनियम क्षेत्र में शल्य चीरा लगाना (एपिसियोटमी) भी किया जा सकता है।
चोट
वैक्यूम या फिर फोरसेप्स प्रसव में छीलने और चोट लगने का भी खतरा होता है। कई मामलों में यह बहुत खतरनाक साबित होता है। सेफलोहेमेटोमा एक ऐसी चोट है जो इस तरीके के प्रसव में लग सकती है। कई बार इस तरह की चोटें समय के साथ ठीक हो जाती हैं। वहीं कई बार इस चोट का नतीजा भयानक हो सकता है। इससे बच्चे को दिमाग पर भी चोट लग सकती है।
ऐसे में इस बात का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है कि आपका डॉक्टर काबिल हो जो इस तरह की परिस्थिति से निपटने में सक्षम हो।
बच्चे के सिर पर सूजन और घाव हो सकता है
सच तो यह है कि आपका डॉक्टर चाहे कितना भी काबिल हो पर इस तरह के प्रसव में रिस्क होता ही है। ऐसे में सूजन और कटना आम समस्या होती है। यदि लंबे समय तक औज़ारों का प्रयोग किया जाए तो ऐसी परेशानी हो जाती है। ब्लीडिंग के कारण रिकवरी में भी काफी समय लग जाता है।
फोरसेप्स प्रसव वैक्यूम से बेहतर हो सकता है
प्रसव के दौरान कुछ कठिनाई होने पर डॉक्टर फोरसेप्स जैसे औज़ार से बच्चे के सिर को फंसाकर हल्के-हल्के खींचते हैं जिससे बच्चा बाहर निकल आता है। अगर यह बड़े ही आराम और सावधानी से किया जाए तो बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है। इसकी तुलना में वैक्यूम डिलीवरी में ज़्यादा रिस्क होता है और यह प्रसव आपके डॉक्टर की काबिलियत पर ही निर्भर करती है।
आपको अब भी सी-सेक्शन की ज़रुरत पड़ सकती है
यदि वैक्यूम और फोरसेप्स से बात नहीं बनेगी तो आपको सी-सेक्शन की ज़रुरत अब भी पड़ सकती है। आपके बिकनी लाइन पर चीरा लगाकर डॉक्टर बच्चे को बाहर निकाल लेंगे।
आपको स्टिचेस की ज़रुरत पड़ सकती है
फोरसेप्स और वैक्यूम प्रसव में कई तरह के घाव और चोट लग जाते हैं। ऐसे में आपको कुछ जगहों पर टांके लगवाने पड़ सकते हैं। हो सकता है यह आपके और आपके बच्चे के लिए बुरा अनुभव हो। इसमें घाव भरने में समय तो लगता है पर आप बिल्कुल स्वस्थ हो जाएंगी।
सहायक जन्म आम है
आज के इस दौर में 15 प्रतिशत से भी ज़्यादा फोरसेप्स या वैक्यूम डिलीवरी होती है। हालांकि अभी तक यह इतना आम नहीं हुआ है लेकिन फिर भी लगातार इस तरह की डिलिवरी हो रही है। इससे यह साबित होती है कि भले ही इसमें कई सारे जोखिम हैं लेकिन फिर भी यह सुरक्षित है।
दोबारा सहायक डिलीवरी की ज़रुरत नहीं पड़ेगी
यदि एक बार किसी महिला की फोरसेप्स या वैक्यूम डिलीवरी होती है तो यह ज़रूरी नहीं है कि उसकी दूसरी प्रेगनेंसी में भी ऐसा ही होगा। इन तरीकों का प्रयोग प्रसव के दौरान होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया जाता है। जैसे हर प्रेगनेंसी अलग होती है ठीक उसी प्रकार प्रसव भी अलग ही होता है।
बच्चे के सिर का आकार बिगड़ सकता है
अगर सावधानी से फोरसेप्स या फिर वैक्यूम डिलिवरी नहीं की जाए तो ऐसे में बच्चे के सिर का आकार बिगड़ सकता है। हो सकता है यह क्षति स्थायी हो। इसमें बच्चे के दिमाग पर भी प्रभाव पड़ सकता है इसके अलावा अन्य कई तरह की मस्तिष्क संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। सुरक्षित प्रसव के लिए सावधानी और देखभाल बेहद ज़रूरी है।