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गर्भावस्था के दौरान रिश्तों में आने वाली समस्याएं
जिस क्षण से महिला को पता चलता है कि उसके शरीर में उसका कोई अंश पल रहा है, उसी समय से उसकी सोच और तरीके में परिवर्तन आ जाता है। हर महिला के लिए गर्भावस्था का समय बेहद खास होता है लेकिन इस वक्त उसके शरीर और मानसिक स्थितियों में बेहद उतार - चढ़ाव होता है जिससे जोड़ों के रिश्तों में अक्सर खटास पैदा हो जाती है।
प्रेग्नेंसी
के
दौरान
लगभग
20
प्रतिशत
महिलाएं
भावनात्मक
रूप
से
डिस्टर्ब
रहती
हैं
जिससे
उनके
पति
भी
परेशान
हो
जाते
हैं।
ऐसे
में
समय
में
दोनों
को
मेडीकल
तरीके
से
हर
बात
को
समझना
चाहिए
और
आपस
में
सहयोग
देना
चाहिए
ताकि
सभी
समस्याओं
को
दूर
किया
जा
सकें।
जब
तक
बच्चा
पेट
में
होता
है,
उस
समय
तक
आपका
खुश
रहना
बहुत
जरूरी
होता
है।
यहां
गर्भावस्था
के
दौरान
रिश्तों
में
आने
वाली
समस्याओं
के
बारे
में
बताया
जा
रहा
है
:
1) सहयोग और समझ का अभाव
गर्भावस्था के दिनों में महिला को डिप्रेशन और तनाव हो जाता है जिससे जोड़े के बीच दिक्कतें आना शुरू हो जाती है। ऐसे में दोनों को धैर्य से हर स्थिति और परिवर्तन को समझते हुए एक - दूसरे का साथ और सहयोग देना चाहिए।
2) बातचीत का अभाव
गर्भावस्था के दिनों में कपल्स के बीच दिक्कत अक्सर इस बात को लेकर शुरू होती है कि वह एक - दूसरे के साथ अपनी फीलिंग शेयर नहीं कर पाते हैं। इन दिनों, कई हसबैंड अपनी बीबी के खराब मूड के कारण कुछ नहीं बताते है जिससे बीबी को और गुस्सा आता है और उसे लगता है कि उसका पार्टनर उसे इग्नोर कर रहा है।
3) भावनात्मक दिक्कतें
गर्भावस्था का समय पुरूषों के लिए बहुत कठिन होता है, उन्हे अपनी पार्टनर को खुश रखना होता है और भावनात्मक सहयोग देना होता है। उनके पार्टनर को हर जरूरत को समझना उनके लिए बहुत जरूरी होता है वरना उन दोनों के बीच तकरार होना स्वाभाविक है। गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनों में सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं, ऐसे में पुरूष पार्टनर को महिला को हर बात पर पैम्पर करना जरूरी होता है ताकि वह इन दिक्कतों से उभर सकें।
4) परिवार के साथ बॉन्डिंग में कमी
गर्भावस्था के दिनों में महिलाएं तनाव, चिंता, परेशानी और डिप्रेशन में आ जाती है, वह अपने शरीर से परेशान होती है, ऐसे में फैमिली के साथ उनकी बॉन्डिग कम हो जाती है और वह समय नहीं दे पाती हैं। इस वजह से पुरूषों को लगता है कि वह उन पर ध्यान नहीं देती हैं।
5) महिला के शरीर में परिवर्तन
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई परिवर्तन होते है जैसे - वजन बढ़ना, पेट निकलना, डिप्रेशन, मतली, थकान आदि। इन दिनों, पार्टनर के सेक्सुयल रिलेशन पर भी असर पड़ता है, जिससे पुरूषों को महिलाएं कम आकर्षित लगती हैं।
6) गलतफहमियां
रिश्तों में दिक्कतें तभी शुरू होती हैं जब पार्टनर के बीच गलतफहमियां होना शुरू हो जाती हैं। आजकल के बिजी शेड्यूल में ऐसा होना बेहद स्वाभाविक है। इसलिए इन दिनों में महिला और पुरूष को आपसी रिश्ते में पारदर्शिता रखनी चाहिए। छोटी - छोटी बातों को इग्नोर करना चाहिए और कोई भी समस्या होने पर आपसी बातचीत से उसे सुलझा लेना चाहिए।
7) डिप्रेशस्ड पार्टनर
सबसे पहले आपको मूड स्विंग होने और डिप्रेशन में अंतर समझना चाहिए। डिप्रेशन एक बड़ी प्रॉब्लम होती है, कई बार लोग इस कारण से सुसाइड भी कर लेते हैं। गर्भावस्था के दौरान लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं गंभीर रूप से डिप्रेशन में चली जाती है, ऐसे में उनकी काउंसलिंग करानी जरूरी होती है।
8) तर्क
यह बहुत सामान्य सी बात है कि गर्भावस्था के दिनों में छोटी से छोटी बात पर चिड़चिड़ाहट मचती है और खुद पर खीझ आती है। इसलिए, इन दिनों में खुद पर काबू रखना चाहिए और कोशिश करें कि आप कम से कम निगेटिव बात कहें।
9) अपने पार्टनर को कैसे सर्पोट करें
गर्भावस्था के दौरान आपसी सम्बंधों को सहयोग, बातचीत और समझ के साथ सुधारा जा सकता है। दोनों की पार्टनर को गर्भावस्था के प्यारे समय में एक - दूसरे का साथ देना चाहिए, और इसे सहारे से रिश्ते को और मजबूत बनाना चाहिए। वैसे, प्रेग्नेसीं के दिनों में शादीशुदा जिदंगी और भी अच्छी हो जाती है, अगर दोनों साथी खुशमिजाज स्वभाव के हों।