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प्रेगनेंसी की ड्यू डेट आगे बढ़ाने के लिये बिल्कुल भी ना करें ये गल्तियां
आखिरकार नौ महीनों के इंतजार के बाद अब आपके घर में नन्हा सदस्य आने की तिथि आ गई, लेकिन इसके बावजूद भी आपको प्रसव पीड़ा नहीं हो रही है। ऐसे में तनाव होना स्वाभाविक होता है। कई बार गर्भवती महिलाएं काफी परेशान हो जाती हैं और अवसाद में भी चली जाती हैं। वह हर प्रयास करती हैं कि किसी भी प्रकार बच्चे का जन्म हो जाएं।
एक्सपर्ट का मानना होता है कि जब कोई गर्भवती महिला, उसकी प्रसव की तिथि पर चल रही होती है ताे यह अधिकतम दो सप्ताह तक का समय होता है। ऐसे में अगर दर्द होना शुरू नहीं होता है तो ऑपरेशन करना पड़ता है।
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हालांकि, आखिरी महीने के अंतिम सप्ताह में, महिला को ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए। लेकिन डिप्रेशन हो ही जाता है, ऐसे में कई बार वह घरेलू नुस्खे अपनाने लगती है लेकिन ऐसा भी नहीं करना चाहिए। इसलिए, सलाह दी जाती है कि अगर प्रसव तिथि आ गई है तो महिला को अस्पताल में भर्ती करवा दें। इससे आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर सीजेरियन प्रसव भी करवा सकता है।
वही
दूसरी
ओर,
महिला
को
समझना
होगा
कि
यह
सामान्य
बात
है,
ऐसा
लगभग
हर
दूसरी
से
तीसरी
महिला
के
साथ
होता
है।
देखिए
क्या
होता
है
जब
महिला
की
प्रसव
तिथि
निकल
चुकी
होती
है
और
बच्चे
का
जन्म
नहीं
हो
पाता
है:
1. बहुत ज्यादा तनाव होना: तनाव, मार देता है। गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान बिल्कुल भी तनाव नहीं होना चाहिए। वह मेडीटेशन करें और योगा करें। इससे उसका मन शांत रहेगा और तनाव दूर हो जाएगा।
2. बेकार के घरेलू नुस्खे इस्तेमाल करना: घरेलू नुस्खे कारगर होते हैं लेकिन इतने भी नहीं कि आप डॉक्टर से ज्यादा उन पर भरोसा करें। दादीहुत खाने का मन करता है या बिल्कुल नहीं। कुछ ऐसा ही इस मामले में है। प्रसव न होने पर गर्भवती महिलाएं, बहुत ज्यादा खाने लगती है जो उनके लिए हानिकारक होता है।
प्रसव
के
समय
यह
दिक्कत
कर
सकता
है
क्योंकि
बॉडी
इनएक्टिव
हो
जाती
है।
मां
के
नुस्खे
अपनाने
की
बजाय,
डॉक्टर
की
सलाह
मानें
तो
ज्यादा
अच्छा
रहेगा।
3.
ज्यादा
व्यायाम
करना:
गर्भवती
महिला
को
ऐसा
लगता
है
कि
अगर
वह
ज्यादा
व्यायाम
करेगी
तो
उसे
प्रसव
पीड़ा
होगी
और
प्रसव
आसानी
से
हो
जाएगा।
लेकिन
यह
बात
ध्यान
रखनी
चाहिए
कि
इससे
बच्चे
को
बहुत
नुकसान
होता
है।
कई
बार
ब्लीडिंग
भी
होनी
शुरू
हो
जाती
है।
4. डिप्रेशन होना: अगर गर्भवती महिला को बहुत डिप्रेशन रहता है तो इसका सीधा असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ेगा। महिला को स्वयं को अवसाद मुक्त रखना चाहिए।
5. ज्यादा काम करना: कई बार महिलाएं बहुत ज्यादा काम करने लगती है, उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उन्हें तुंरत प्रसव हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है, इससे आपके शरीर को थकान हो जाती है।