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क्या है मोमनेसिआ और क्यों गर्भवती महिलाओं की याद्दाश्त हो जाती है कमजोर
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक बदलाव आते हैं। इन सभी तरह के बदलावों का कारण हार्मोंस में लगातार बदलाव होना है और ये मां बनने पर हर महिला में होते ही हैं।
प्रेगनेंट होने के बाद महिलाओं में कई तरह के बदलाव सामने आते हैं। क्या आपको भी गर्भवती होने के बाद भूल जाने की बीमारी महसूस हुई है? अगर हां, तो ये मोमनेसिआ हो सकता है।
हार्मोंस में बदलाव और मस्तिष्क की क्रियाओं पर असर पड़ने का प्रभाव अस्थायी होता है और जो भी गर्भावस्था में आपको दिक्कतें होती हैं वो बस कुछ समय के लिए होती हैं। 50 प्रतिशत से भी ज़्यादा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान याद्दाश्त और एकाग्रता में कमी आने की शिकायत रहती है। इस स्थिति को मोमनेसिआ या प्रेगनेंट ब्रेन भी कहा जाता है।
क्या है प्रेगनेंट ब्रेन या मोमनेसिआ
प्रेगनेंसी का संबंध मेमोरी लैप्स या ध्यान लगाने के मामलों से होता है। इसका पता लगाने के लिए एक स्टडी की गई जिसमें खुलासा हुआ कि ऐसा सच में होता है और ये कोई भ्रम नहीं है।
मेमोरी परफॉर्मेंस टेस्ट के ज़रिए न्यूरोसाइकोलॉजिक रिसर्च की गई। ये रिसर्च 412 गर्भवती महिलाओं, 272 मांओं और 386 सामान्य महिलाओं पर की गई थी। जब इन्हें मेमोरी टास्क दिया गया तो गर्भवती महिलाओं को सबसे ज़्यादा दिक्कतें आईं।
क्लीनिकल टेस्ट से पता चलता है कि गर्भावस्था में दिमाग में कोई संरचनात्मक बदलाव नहीं आता है। रिसर्च में पता चला कि गर्भावस्था में दिमाग में सिर्फ कार्यात्मक परिवर्तन आते हैं। ये कार्यात्मक परिवर्तन आपके भूलने का कारण बनते हैं। ये अस्थायी होते हैं और शिशु के आने के बाद आपकी याद्दाश्त पहले जैसे हो जाती है।
क्या प्रेग्नेंसी ब्रेन सच में होता है? इसमें कैसा महसूस होता है?
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस तरह की प्रेग्नेंसी संबंधित मेमोरी लैप्स में दिमाग न्यूरल नेटवर्क पर ध्यान देना शुरु कर देता है। स्ट्रेस, नींद की कमी या बेचैनी को मोमनेसिया का कारण कहा जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान थोड़ी सी याद्दाश्त कमज़ोर होना सामान्य बात है। हालांकि, अगर आप बहुत ज़्यादा भूलने लगी हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
अधिकतर, स्वभाव में बदलाव जैसे कि भूख में कमी आना और थका हुआ महसूस होना याद्दाश्त में कमी से संबंधित होता है और गर्भावस्था में किसी गंभीर स्वास्थ्य परेशानी का संकेत हो सकता है।
रोज़ाना के कामों को भूलना जैसे कि कौन सी चीज़ कहां रखती हैं, इस तरह की परेशानियां गर्भावस्था को मुश्किल बना देती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हार्मोन लेवल स्पेटिअल मेमोरी को प्रभावित करता है।
कुछ लोग इसे सकारात्मक रूप से स्वीकार कर लेते हैं और गर्भवती महिलाएं याद्दाश्त के कमज़ोर होने को लेकर परेशान ना होकर अपनी सेहत पर ध्यान देती हैं। अगर आप भी गर्भवती हैं और आप भी चाबियां, पर्स आदि रखकर भूल जाती हैं तो आपको ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। इस सबका कारण आपके हार्मोंस हैं। ये बस सामान्य बात है।
ऐसा क्यों होता है
मेडिकल साइंस की मानें तो मेमोरी लॉस को एमनीसिआ कहा जाता है और ये गर्भावस्था के दौरान होती है तो इसे मोमनिसिआ कहा जाता है। प्रेग्नेंसी में याद्दाश्त में कमी होना एक सामान्य बात है। गर्भावस्था में इस सबकी वजह हार्मोंस होते हैं।
जयपुर के प्रमुख डॉक्टर के अनुसार गर्भवती महिलाओं के एमआरआई पर स्टडी की गई और पाया कि गर्भावस्था में याद्दाश्त में थोड़ी सी कमी आना सामान्य बात है। मस्तिष्क के कुछ हिस्से प्रभावित होते हैं।
प्रेग्नेंसी आपके दिमाग की संरचना पर असर नहीं डालती है लेकिन इससे आपकी याद्दाश्त पर ज़रूर असर पड़ता है। ये सब सामान्य होता है। अब प्रेग्नेंसी ब्रेन कोई भ्रम नहीं रह गया है बल्कि सच हो चुका है। शोधकर्ताओं ने भी इसे सच बताया है।
विज्ञान की मानें तो गर्भावस्था में बेचैनी, सहानुभूति और सामाजिक बातचीत वाले दिमाग के हिस्से व्यस्त हो जाते हैं। इससे मां अपने बच्चे के साथ बॉन्ड बना पाती है।
कैसे निपटें मोमनेसिआ से
इस तरह की स्थिति से बचाने वाले पोषक तत्व हैं जिंक, मैग्नीशियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड। अपने आहार में इन चीज़ों को शामिल करने से आप गर्भावस्था के दौरान याद्दाश्त के कमज़ोर होने जैसी परेशानी से बच सकती हैं। ब्लूबैरी, नारियल, अखरोट, टमाटर, साबुत अनाज और चुकंदर खाएं।
मोमनेसिआ से निपटने के लिए फॉलो करें ये टिप्स:
चीज़ों को उनकी सही जगह पर रखें। अपने घर पर हर चीज़ को उसकी सही जगह पर रखने की कोशिश करें।
अगर आप कुछ चीज़ों को याद नहीं कर पा रही हैं तो उन्हें लेकर नोट्स बनाना तैयार करें।
नेमोनिक डिवाइस आपकी मदद कर सकते हैं। जब आप किसी नए इंसान से मिलते हैं तो उसका नाम पूछते हैं लेकिन कुछ देर बाद ही उसे भूल जाते हैं। आप किसी ऐसी एसोसिएशन को ढूंढ सकते हैं जो आपको नाम याद रखने में मदद कर सके।
नींद की कमी की वजह से दिमाग कभी भी ठीक तरह से काम नहीं करता है। कम से कम 8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करें।
स्ट्रेस से दूर रहने के लिए योग करें। अपने दिमाग को आराम देने के लिए थोड़ी एक्सरसाइज़ की जा सकती है।
ज़्यादा काम करने की ज़रूरत नहीं है। अपने पार्टनर या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ काम को बांट लें।
मां बनने का सुख इस दुनिया में सबसे ज़्यादा अनमोल होता है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए आपको कई तकलीफों से गुज़रना होगा। बच्चे के जन्म पर आपको जो खुशी मिलेगी वो इस दुनिया में किसी भी चीज़ की बराबरी नहीं कर सकती है।
प्रेग्नेंसी में होने वाली कुछ परेशानियां सहन की जा सकती है तो कुछ को दवाओं से ठीक किया जा सकता है जबकि कुछ बहुत सामान्य होती हैं जैसे कि मोमनेसिआ।
आपको इस दौर को भी आराम से गुज़र जाने देना है क्योंकि बच्चे की डिलीवरी होते ही ये भी ठीक हो जाएगी। अपनी सेहत का खास ख्याल रखने के लिए आप ज़रूरी चीज़ों को लिखकर रखें।