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6 महीने के शिशु को कौनसी विटामिन युक्त चीजें खिलाने चाहिए?
शिशु के जन्म लेने से पहले ही उसके माता-पिता उससे जुड़ जाते हैं और बड़ी बेसब्री से उसके आने का इंतज़ार करने लगते हैं। जब स्त्री को अपने गर्भवती होने की बात मालूम होती है तो सबसे पहले उसके मन में ख्याल आता है कि वो अपने बच्चे को जरूरी पोषण देने की पूरी कोशिश करेगी। हालांकि, गर्भ में पल रहे शिशु को पोषण देना तो आसान है। इस दौरान आपको बस अपनी डाइट और शरीर का ध्यान रखना होता है।
हालांकि, शिशु के जन्म के बाद सब कुछ इतना आसान नहीं रहता है। शिशु के जन्म के पहले 6 महीने तो आसान होते हैं क्योंकि इस दौरान उसे बस स्तनपान ही करवाना होता है लेकिन इसके बाद जब बच्चे को खाना खिलाने का समय आता है तो बच्चों के नखरे देखकर कभी-कभी मन खीझ उठता है। बच्चों को जरूरी पोषण देना कोई आसान बात नहीं है। उन्हें विटामिन की बहुत जरूरत होती है और आज हम आपको कुछ ऐसे ही विटामिन युक्त फूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आपके शिशु को जरूरी पोषण मिल पाएगा।
मछली
कई भारतीय परिवारों जैसे तमिलनाडु, उड़ीसा और कर्नाटक में मछली स्थानीय भोजन का प्रमुख व्यंजन है। यहां तक कि बंगाल में बच्चे को पहले भोजन के रूप में मछली देना शुभ माना जाता है। अगर आप अपने बच्चे की विटामिन की जरूरत को पूरा करना चाहती हैं तो रोज़ उसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मछली खिलाएं। मछली में से कांटें जरूर निकाल लें। ऑयली फिश जैसे साल्मन, सादिंस और मैकेरल आदि 6 से 12 महीने के शिशु के लिए फायदेमंद रहती है।
मांस
बच्चों को चिकन, पोर्क और रेड मीट बहुत पंसद होती है और अगर आप अपने शिुश को थोड़ी सी मात्रा में पका हुआ मीट खिलाएंगीं तो इससे उसको जरूरी पोषण मिल पाएगा। इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है और रोज़ाना की विटामिन की जरूरत भी पूरी हो जाती है। इससे आप भी खुश हो जाएंगीं कि आपके बच्चे को जरूरी पोषण मिल गया और शिशु को इसे खाने में भी स्वाद आएगा।
फल
अगर आप शाकाहारी हैं तो इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि आपके शिशु को बढ़ने के लिए जरूरी विटामिन नहीं मिल पाएंगें। ऐसे कई फल मौजूद हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। आप अपने शिशु को केला, नाशपाती और आम दे सकती हैं। इन तीनों फलों में प्रचुर मात्रा में विटामिंस होते हैं जोकि शिशु के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। खास बात ये है कि इन फलों में कोई बीज नहीं होता इसलिए आप आसानी से अपने 6 महीने के शिशु को इन्हें खिला सकती हैं।
फोर्टिफाइड
दूध
और
अनाज
जाहिर सी बात है कि जन्म के बाद पहले 6 महीने तक शिशु का प्रमुख आहार बस दूध ही होता है। इसलिए शुरुआती 6 महीने के बाद भी शिशुओं को दूध पसंद होता है। अगर अब आप स्तनपान नहीं करवा सकती हैं तो अपने शिशु को पोषण देने के लिए फोर्टिफाइड दूध दे सकती हैं। इसमें विटामिन ए, डी और सी प्रचुर मात्रा में होता है और ये शिशु को विकास करने में मदद करता है। इसे आप किसी अनाज में मिलाकर भी खिला सकती हैं।
हरी सब्जियां
हम सभी जानते हैं कि हरी सब्जियां सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती हैं। ये विटामिन से भरपूर होती हैं और शिशु को बेहतर विकास में मदद करती हैं। पालक, बंदगोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियां आसानी से पच जाती हैं। इसके अलावा आप अपने शिशु को फूलगोभी भी खिला सकती हैं।
अंडा
विटामिन का सबसे बेहतरीन स्रोत अंडे होते हैं। अगर आपका शिशु मां के दूध के अलावा और कुछ नहीं खाता है तो आप उसे सफेद अंडा खिला सकती हैं। आपको रोज़ थोड़ी सी मात्रा में अंडा खिलाना है। धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ा दें। जब शिशु को रोज़ अंडे की जर्दी खाने की आदत हो जाए तो उसे अंडे का सफेद हिस्सा भी खिलाना शुरु करें। मां के दूध से रेगुलर फूड की आदत डालने के लिए शिशु के लिए अंडा सबसे ज्यादा बेहतर विकल्प है।
फलों
का
रस
मौसम के अनुसार अपने शिशु को फलों का रस पिलाएं। पैकेटबंद जूस की जगह ताजे फलों का दें। फ्रूट जूस मं विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। अगर आप अपने शिशु को गाढ़ा जूस नहीं देना चाहती हैं तो उसमें थोड़ा पानी मिलाकर भी दे सकती हैं। हालांकि, जूस में बहुत ज्यादा पानी मिलाने की गलती ना करें और ना ही फ्रिज में रखे पानी का इस्तेमाल करें।
टमाटर और टमाटर की चटनी
आजकल बच्चों को विटामिन ई कमी ज्यादा हो रही है। डाइट में एक्स्ट्रा फैट से दूर रहना चाहते हैं तो आप अपने शिशु को टमाटर या टमाटर की चटनी खिला सकते हैं। शिशुओं को टमाटर से बनी चीज़ों का स्वाद बहुत पसंद होता है और वो बड़ी आसानी से इसे खा लेते हैं।