Just In
- 12 hrs ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 13 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 14 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 15 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News DC vs SRH Dream11 Today: IPL में आज के मैच की ये है बेस्ट ड्रीम XI टीम, हर खिलाड़ी करेगा प्वाइंट्स की बारिश
- Movies Lawrence Bishnoi के नाम पर मजाक करना इस शख्स को पड़ा भारी, पुलिस ने घर जाकर हिरासत में लिया
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
प्रेग्नेंसी में रखना है अपना और गर्भस्थ शिशु का ख्याल तो करें यह योगासन
मां बनना एक स्त्री के लिए किसी सपने के पूरे होने जैसा है। आमतौर पर गर्भावस्था में महिला अपने स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त सजग रहती हैं। एक हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए महिला अपने खानपान से लेकर व्यायाम आदि कई गतिविधियों पर ध्यान देती हैं। गर्भावस्था में योगासन करना महिला के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इससे उन्हें गर्भावस्था के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से तो राहत मिलती है ही, साथ ही साथ लेबर पेन आदि में भी लाभ होता है। हालांकि एक गर्भवती स्त्री को किसी भी योगासन को करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। केवल कुछ ही आसन होते हैं जो गर्भावस्था में सुरक्षित माने गए हैं। साथ ही इन्हें करते समय भी आपको कोई गलती करने से बचना चाहिए। तो चलिए आज वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की फाउंडर और योगा गुरू नेहा वशिष्ट कार्की आपको बता रही हैं कि गर्भावस्था में महिलाओं को कौन-कौन से योगासन करने चाहिए। योगा गुरू नेहा कार्की ने योगा फॉर प्रेग्नेंसी नामक किताब भी लिखी है, जो हिन्दी व इंग्लिश में अवेलेबल है-
ताड़ासन
अगर गर्भावस्था में किए जाने वाले सुरक्षित योगासनों की बात की जाए तो इसमें सबसे पहला नाम ताड़ासन का लिया जाता है। अगर सुबह के समय गर्भवती महिला इसका अभ्यास करे तो शरीर में थकावट या सुस्ती का अहसास नहीं होता। इसके अलावा यह मार्निंग सिकनेस, मतली व उल्टी आदि में भी आराम दिलाता है। आप पहली तिमाही में इस आसन को पैर मिलाकर करें। दूसरी तिमाही में पैरों में थोड़ा गैप करें और तीसरी तिमाही में कमर जितना गैप रखकर ही इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
कटिचक्रासन
यह मेरूदंड को सही तरह से ट्विस्ट करता है, जिससे आपको गर्भावस्था में कमर दर्द की शिकायत से आराम मिलता है। इस योगासन को गर्भावस्था के पूरे नौ महीने बेहद आसानी से किया जा सकता है।
मर्जरी आसन
मर्जरी आसन आसन कमर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। हाथों और पैरों की मसल्स को मजबूत बनाता है। साथ ही यह बॉडी की टाइटनिंग व टोनिंग भी करता है। इसे भी गर्भावस्था के पूरे नौ महीने किया जा सकता है। लेकिन अगर किसी को बार-बार मिसकैरिज होता है या फिर आईवीएफ बेबी है तो इस आसन का अभ्यास पहला अल्ट्रासाउंड देखने के बाद अर्थात् 20 सप्ताह के बाद ही किया जाना चाहिए।ं इसके अलावा, दूसरी व तीसरी तिमाही में दोनों पैरों के नीचे तौलिया या कुशन लगाकर ही इस आसन का अभ्यास करें। वहीं, सांस भरते वक्त चेहरे को उपर लेकर जाएं और सांस छोड़ते वक्त चेहरे को नीचे लेकर आएं।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन भी पूरी प्रेग्नेंसी में किया जा सकता है, लेकिन इसका अभ्यास भी पहले अल्ट्रासाउंड के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए। इसमें पैरों के बीच समानांतर गैप रखते हैं। लेकिन इसमें आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि सीधे व उल्टे पैर की एड़ी दोनों आमने-सामने नहीं होनी चाहिए, बल्कि आगे-पीछे होनी चाहिए। इससे गिरने की संभावना कम होती है। इसके अलावा, दूसरी व तीसरी तिमाही के दौरान आप इसे दीवार के सहारे से अभ्यास करें। यह आसन कमर व हाथों के लिए बहत अच्छा है। साथ ही साथ यह गर्भावस्था में महिला को पाचन संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है।
भद्रासन
इस आसन को करते समय आप ध्यान रखें कि तीसरी तिमाही के दौरान आप सीधा जमीन पर बैठकर आसन ना करें, बल्कि नीचे कुशन लगाकर ही इसका अभ्यास करें। ऐसा ना करने पर महिला को कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। यह श्रोणि भाग की मसल्स व बोन्स को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी में मदद करता है। यह वजाइना से संबंधित समस्याओं व यूटीआई की शिकायत को दूर करता है।
मलासन
आप इसे दूसरी तिमाही से कर सकती हैं और तीसरी तिमाही में आप इसे अलमारी, बेड व अन्य किसी चीज को पकड़कर अभ्यास कर सकती हैं। यह आपके पैरों की मसल्स को मजबूत करता है। इसके आपको नार्मल डिलीवरी की चांसेस तो बढ़ते हैं ही, साथ ही प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं जैसे पाइल्स आदि भी नहीं होती। यह आसन महिलाओं के रिप्रॉडक्टिव सिस्टम को बेहद मजबूत बनाता है।
नोट- चूंकि हर महिला की प्रेग्नेंसी कॉम्पलीकेशन अलग होती है, इसलिए किसी भी आसन का अभ्यास करने से पहले अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य दें व योगा गुरू की देख-रेख में ही इनका अभ्यास करें।