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नवरात्रि के दौरान अंतरंग क्यों नहीं होना चाहिए, पुराणों में भी बताई गई है ये वजह..
Couple Rules For Navratri : नवरात्री संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता नौ रातें। हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले त्यौहारों में सबसे पवित्र माना जाने वाला नवरात्री का त्यौहार मुख्यतः साल में दो बार मनाया जाता हैं। नवरात्रि साधना और भक्ति का समय होता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार सभी घर में माँ दुर्गा के नाम की ज्योत रखी जाती हैं, उनके नाम से ज्वारें लगाई जाती हैं और पुरे विधि विधान से देवी माँ की पूजा जाती हैं। इस त्यौहार के दौरान अधिकतर महिलाएं उपवास रखकर अपनी भक्ति देवी माँ के प्रति व्यक्त करती हैं।
नवरात्री के इस पुरे नौ दिन दुर्गा माँ अपने अलग अलग रूप में हर दिन भक्तो के पास आती हैं, लेकिन इन नौ रूपों में से मुख्य तीन रूप हैं महालक्ष्मी, महासरस्वतीं और महाकाली पर देवी माँ के इन तीन रूपों के अलावा भी और कई रूपों में पूजी जाती हैं।
नवरात्री पूजन में महिलायें व्रत रखती हैं और अपना पूरा मन देवी पर लगाती हैं. इस दौरान उन्हें शारीरिक संबंध न बनाने की सलाह दी जाती हैं। यह बात सिर्फ मान्यताओं के अनुसार नहीं कही गयी हैं, इस मनाही के पीछे खास वजह यह हैं कि इन नौ दिनों महिलाएं उपवास की वजह से शारीरिक तौर पर कमज़ोर हो जाती हैं, साथ उपवास के कारण उनमे चिढ़-चिढ़ापन भी आ जाता हैं और ऐसे समय में उनसे संबंध बनाना सही नहीं होता हैं।
आध्यात्म से भटकता है ध्यान
सेक्स के दौरान महिलाओं के शरीर से कई हार्मोंस निकलते जो तामसी प्रवृति के होते हैं और यह हार्मोंस उनका ध्यान आध्यात्म से दूर करते हैं इसलिए नवरात्री के दौरान सेक्स के लिए मना किया जाता हैं।
वैसे हिन्दू धर्म में यह मनाही सिर्फ औरतों के लिए नहीं हैं, सेक्स के मामले पुरुषों को भी नवरात्री के दौरान भौतिकता से दूर रहने की बात कही जाती हैं।
शारीरिक सम्बन्ध बनाने पर हार्मोंस का भी उत्सर्जन
शारीरिक संबंध बनाने पर शरीर में कुछ विशेष तरह के हार्मोंस का भी निष्कर्षण होता है। इसलिए इस समय नकारात्मक शक्तियां जल्दी ही अपनी चपेट में ले लेती हैं। इस अवस्था में उनके मन में निराशा घर करने लगती है तथा कई बार वे अवसाद की शिकार भी हो जाती हैं।
नियम कानून
जिस प्रकार किसी की मृत्यु के बाद हम नियम कानून का पालन करते हैं उसी प्रकार नवरात्र में देवी को पूजने के वक़्त भी शास्त्रों में दिए कई नियम हम मानते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण नियम
देवी इन नौ दिन हमारे घर पधारती हैं। शास्त्रों के हिसाब से हमें इस दौरान शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए, नाखून-बाल नहीं काटना चाहिए। यहां तक की बाल में तेल और साबुन-शैम्पू का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान व्रत रखने पर मनाही
इस दौरान महिलाएं कमजोर हो जाती हैं। उनको न सिर्फ कमजोरी बल्कि चिड़चिड़ाहट भी महसूस होती है। साथ ही साथ पैर, पेट तथा पूरे शरीर में दर्द होता है। वास्तव में यह स्थिति काफी कष्टदायक होती है। इसीलिए इस खास वक्त में उनके व्रत रहने पर मनाही है।
पुरुष व महिला अलग-अलग विश्राम
ज्यादातर घरों में नवरात्र के वक़्त पति-पत्नी अलग-अलग विश्राम करते हैं। अमूमन पति बिस्तर पर तथा पत्नी जमीन पर ताकि काम की उत्तेज़ना से बचा जा सके।
बिस्तर छू कर पूजा पर मनाही
जिस बिस्तर पर अमूमन हम शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं उसी को छू कर पूजा करने पर मनाही है। क्यूंकि इस तरह हम अशुद्ध हो जाते हैं इसलिए देवी के आह्वान के लिए यह गलत है।
सिर्फ नौ दिन पर रोक
हम कम से कम उन नौ दिन में अपने आप को रोक सकते हैं क्यूंकि इन्हीं दिनों में स्वयं माँ हमारे घर पधारती हैं तथा हम उनका आह्वान करते हैं।