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वीक नहीं इमोशनली स्ट्रांग होने का प्रूफ है रोना, जानें इसके फायदे

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एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है जो लोग दुख व्यक्त करने से डरते नहीं हैं, वे वास्तव में मानसिक रूप से दुख दबाने वालों की तुलना में कहीं अधिक स्वस्थ जिंदगी जीते हैं। देखा जाए तो रोना एक नेचुरल प्रोसेस है, जो कई तरह के इमोशन के मिक्सप का नतीजा है। रोने के पीछे अधिकांशत: उदासी, दुःख, गम और झुंझलाहट जैसे इमोशंस छिपे हो सकते है। आप ये बात जानकार हैरान हो सकते हैं कि सिर्फ मनुष्यों को ही रोने के दौरान आंसू आते हैं। लेकिन क्या रोने की ये आदत इंसान की कमजोरी को दर्शाती है, क्या इससे ये साबित होता है कि आप इमोशनली वीक है, अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़े, यहां हम रोने वाले लोगों में छिपी खूबियों के बारे में बताने वाले है, ताकि आप ये जान पाए कि रोने का मतलब अपनी कमियां दिखाना नहीं, बल्कि अपनी ताकत दिखाना है।

रोना मतलब हार मानना नहीं

रोना मतलब हार मानना नहीं

जब आपके मन में खुशी का गुब्बारा फूट रहा होता है, तो क्या आप खुद को मुस्कुराने से रोक पाते है? जब आप गाड़ी चलाते है और अपने आसपास प्रकृति के खूबसूरत नजारों को देखते है, तो क्या आप खुद को गुनगुनाने से रोक पाते है? शायद नहीं। ठीक उसी तरह, जब आप दुखी या उदास होते है तो फिर आप रोते क्यूं नहीं? आप खुद को दुखी होने का अधिकार क्यों नहीं देते?आपको ऐसा क्यूं लगता है कि रोना मतलब हार मान लेना है। जबकि जो लोग उदासी को नजरअंदाज करते हैं, वे जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू से खुद को धोखा देते हैं। क्यूंकि उदासी, या रोना, कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि यह एक संकेत है जो ये दर्शाता है कि आप एक इंसान हैं जिसमें फीलिंग्स है और जब आप दुखी होते है तो ये फीलिंग्स आंसूओं के जरिए सभी के सामने बाहर आ जाती है।

स्ट्रेस लेवल होता है कम

स्ट्रेस लेवल होता है कम

जैसे थूक का वाल्व पाइप से लार छोड़ता है, वैसे ही आपकी आंसू नलिकाएं आपके मस्तिष्क और शरीर से तनाव, चिंता, शोक और निराशा को दूर करती हैं। रोने से मन हल्का हो जाता है, जो तनाव से उत्पन्न होने वाली नकारात्मक भावनाओं के निर्माण के लिए लगभग एक नाली के रूप में कार्य करता है। वैसे, जरूरी नहीं है कि हर बार किसी दुख या तकलीफ के कारण ही आंसू निकलें, बल्कि जब आप खुश होते है तो भी खुशी के आंसू निकल पड़ते है। लेकिन दोनों में एक चीज कॉमन है, इमोशंस। जिन्हें अगर आप आंसूओं के जरिए बाहर नहीं लाएंगे तो ये शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बहुत खतरनाक हो सकता है। रोने के फायदे में आंखों की क्लीनिंग भी शामिल है। रोने की वजह से आंखों से बैक्टेरिया खत्म होते हैं और हमारा विजन भी ठीक रह सकता है।

फील गुड फैक्टर

फील गुड फैक्टर

रोने की वजह से फील-गुड हॉर्मोन मस्तिष्क को फिर एक्टिव करने में मदद करता है, ये एक ऐसा हार्मोन है जो नेचुरल पेन किलर के रूप में काम करता है। रोने से मैंगनीज का स्तर भी कम हो जाता है, ये एक ऐसा केमिकल है, जिसके अत्यधिक संपर्क में आने पर, मस्तिष्क और शरीर बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

इमोशनली हेल्दी

इमोशनली हेल्दी

हमारे समाज में स्त्री और पुरूष दोनों के लिए रोने का मतलब कायरता दिखाना है। लेकिन जो लोग सार्वजनिक रूप से अपना दुख प्रकट करने में सक्षम होते है, उन्हें इमोशनली हेल्दी सोसायटी के एक्टिव मेंबर्स कहा जा सकता है। इन लोगों को अपने इमोशंस छुपाना भले ही ना आता हो, लेकिन अपने मन में उपजे गुस्से के बवंडर में अकेले उलझने की बजाय ये इसे बाहर लाते है, जिसमें कोई बुराई नहीं है।

English summary

know how crying is a sign of power not weakness in hindi

Do you know that only human beings get tears while crying. But does this habit of crying show the weakness of a person, does it prove that you are emotionally week, if you have such questions in your mind, then definitely read this article, because here we are hidden in the crying people We are going to tell about the merits, so that you can know that crying does not mean showing your shortcomings, but showing your strength.
Story first published: Monday, September 12, 2022, 14:12 [IST]
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