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मैं उन्हें पिता की नजरों से देखती थी लेकिन बंद दरवाजे के पीछे उन्होंने मेरे साथ घिनोनी हरकत की..
बात तब की है जब मैं 12 साल की थी। मेरे एक अंकल (मेरे बुआ के पति) ने मेरे साथ गंदी हरकत की जिसके बारे में मैंने किसी से ये बात नहीं की। मैंने बहुत कोशिश की इस बारे में अपनी मां से बात करुं। मैंने सच में बहुत कोशिश की लेकिन मन में एक ही सवाल था कि क्या 12 साल की उम्र में कोई मेरी बात पर भरोसा करेगा?
इसलिए मैंने कभी किसी से आज तक ये बात शेयर नहीं की, मेरी कभी हिम्मत ही नहीं हुई कि मैं अपने दोस्तों से भी यह बात शेयर करुं। लेकिन इस चीज की वजह से मैं कभी चैन से नहीं बैठ पाई। मैं अंदर ही अंदर घुटती रही। लेकिन आज में यह बात शेयर कर रही हूं कि ताकि मैं अंदर बसी इस बुरी याद को आप लोगों से शेयर करके दिल से बाहर निकाल सकूं।
पिता से ज्यादा प्यार करती थी उन्हें
ये बात करीब 2005 की है। जब मुझे मालूम चला कि मेरे बुआ और फूफाजी का ट्रांसफर हो गया था। मैं मेरी फूफाजी के बहुत ही करीब थी। मैं उन्हें बहुत रिसपेक्ट करती थी। मैंने उन्हें अपने पिता से ज्यादा प्यार करती थी।
मेरी हर प्रॉब्लम समझते थे
मेरी बुआ को कुछ प्रॉब्लम होने के वजह से शादी के 10 साल बाद भी उन्हें कंसीव होने में समस्या हो रही थी। सिर्फ इस वजह से ही मेरी बुआ और फूफाजी मुझे बेटी की तरह ट्रीट करते थे। खासतौर पर मेरे फूफाजी। वो मुझे गिफ्ट दिया करते थे चॉकलेट दिया करते थे और बुरे वक्त में मेरी स्थिति भांप लिया करते थे। वो हर चीज किया करते थे जो मेरे पिता भी मेरे लिए नहीं किया करते थे। लेकिन मुझे कभी भी यह ख्याल तक नहीं आया कि उनका वो प्यार मेरे प्रति पिता वाला प्यार नहीं था।
मैं उनके यहां वैकेशन पर गई
वापस काहानी पर चलते है कि मेरे फूफाजी और बुआ का ट्रांसफर हो गया था एक बार। वो एक नई जगह पर शिफ्ट हो गए थे। मेरे अंकल ने मुझे गर्मियों की छुटि्टयों पर मुझे अपने जगह बुलाया। मैं बहुत खुश थी, मैंने अपना सामान बांधा और उनके साथ चली गई। हम उनके घर देर रात पहुंचे। इसलिए हमने डिनर किया और सोने चले गए।
लेकिन भगवान के चमत्कार के वजह से बहुत जल्द ही मेरे बुआ और फूफाजी के घर एक बेटे का जन्म हुआ, जहां सब लोग बहुत खुश थे लेकिन मैं कहीं न कहीं बहुत जलन सा महसूस कर रही थी। मुझे लगा कि अब मेरे फूफा जी मुझे पहले की तरह प्यार नहीं करेंगे। पहले की तरह वो मुझ पर ध्यान नहीं देंगे।
पहले दिन..
जैसे कि मेरे फूफाजी का नया नया ट्रांसफर हुआ था इसलिए उनके घर में एक एयर कंडीशनर रुम था। सोने की अरैंजमेंट कुछ ऐसी थी कि मैं, मेरे अंकल और छोटा भाई सोने के लिए बेड पर चली गई और मेरी बुआ जमीन पर बिस्तर लगाकर सो गई। इस तरह पहला दिन खत्म हुआ।
फिर जो हुआ..
अगले दिन हम सब शॉपिंग के लिए चले गए बाहर ही डिनर किया और वापस आकर सोने चले गए। मेरे फूफाजी की आदत थी कि सोने से पहले मेरे बालों को सहलाया करते थे। उस दिन भी उन्होंने ऐसा ही किया। मैं रात को जल्दी सो गई।
अचानक मेरी आंख खुली
आधी रात को अचानक मेरी आंख खुली और मैंने महसूस किया कि मेरे फूफाजी के हाथ मेरे टीशर्ट के अंदर मेरी बायी तरफ के ब्रेस्ट को सहला रहे थे और मैं अंदर से सिहर गई थी। उसके बाद उन्होंने मेरी दायीं तरफ हाथ डाल दिया।
मैं डर गई..
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मैं समझ नहीं पाई, इसके बाद वो मेरे ब्रेस्ट को जोर जोर से दबाने लगे। यह बहुत ही दर्द भरा था मेरे लिए। वो मुझे बुरी तरह छूने लगे। इसके बाद उनके हाथ मेरी पेंट के अंदर नीचे की तरफ चला गया। वो मुझे नीचे बहुत बुरी तरह छूने लगे। जैसे ही उन्होंने मेरे वजाइना को छूआ, मैं अचानक उठ गई और बाथरुम चली गई। मैं अंदर घंटो बैठी बहुत रोती रही। जब मैं वापस आई तो वो सो गए थे।
आज तक है पछतावा..
मैं दूसरे रुम में सोने चली गई। मैं पूरी रात रोती रही। मुझे उस समय नहीं मालूम था उसे सेक्सुअल असॉल्ट कहते है। मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था। अगली सुबह वो ऐसा दिखा रहा था कि जैसे रात को कुछ भी नहीं हुआ। उन्हें इस बात थोड़ी सी भी शर्मिंदगी नहीं थी। आज भी उन्हें इस बात की शर्मिंदगी नहीं है और मैंने आज तक किसी से इस बात की चर्चा तक नहीं की। आज भी मैं कई बार सोचती हूं कि उस रात मैंने उससे थप्पड़ क्यूं नहीं मारा क्यूं मैं नहीं चिल्लाई।