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love vs attachment: केवल लगाव है या हो गया है आपको सचमुच में प्यार

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प्यार एक ऐसा एहसास होता है जो हमें बतता है कि जिंदगी कितनी खूबसूरत होती है। प्यार की कोई परिभाषा नहीं होता, इसलिए इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। अक्सर लोग प्यार और अटैचमेंट में फर्क नहीं कर पाते और केवल लगाव को प्यार समझ लेते हैं। अगर आपके मन में भी ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं तो हम आपको अपने सवालों के जवाब ढूंढने में मदद कर सकते हैं।

प्यार में स्वार्थ नहीं होता

प्यार में स्वार्थ नहीं होता

अगर हम किसी को प्यार करते हैं तो उनकी खुशियां हमारे लिए बहुत मायने रखती हैं। हम अपने प्यार को खुश देखने के लिए कुछ भी कर गुज़र सकते हैं। वहीं दूसरी ओर यदि हमें किसी से सिर्फ लगाव है तो हमारे मन में केवल उनकी जरूरते ही रहेंगी। हम यह सोचने लगते हैं कि कैसे उन जरूरतों को पूरा किया जाए।

बंधनों से मुक्त होता है प्यार

बंधनों से मुक्त होता है प्यार

प्यार की न तो कोई सीमा होती है और न ही इसमें बंधन होता है। जब आप किसी के साथ प्रेम का रिश्ता जोड़ते हैं तो आप एक दूसरे को अच्छी तरह समझने लगते हैं और काफी फ्री महसूस करते हैं। यदि आप किसी से अटैच होते हैं तो आप पर कंट्रोल होता है और आप एक बंधन सा महसूस करते हैं। आप अपने पार्टनर को रिश्ता निभाने के लिए मजबूर भी कर सकते हैं।

प्यार का कोई अंत नहीं

प्यार का कोई अंत नहीं

प्यार का कोई अंत नहीं होता, यह परमानेंट होता है। यदि एक बार किसी से सच्चा प्यार हो जाए तो उसका एहसास जीवन के खत्म होने तक रहता है। वहीं अगर आप किसी से सिर्फ जुड़े हैं तो आपका यह जुड़ाव कभी भी कम या खत्म हो सकता है।

साथ बना रहता है प्यार में

साथ बना रहता है प्यार में

जब तक प्रेम होता है तब तक रिश्ता भी ज़िंदा रहता है। यदि आप अपने साथी से प्यार करते हैं तो आप उनके साथ कदम से कदम मिलाकर जीवन में आगे बढ़ेंगे। सुख दुख, अच्छे बुरे आप हर हाल में उनके साथ रहेंगे। अटैचमेंट में ऐसा नहीं होता है, क्योंकि इसमें आप अपनी जरूरतों के लिए सामने वाले को कंट्रोल करने लगते हैं। इससे जीवन एकदम निरस हो जाता है और इसका बुरा असर आपकी और आपके पार्टनर की ओवरऑल पर्सनैलिटी पर भी पड़ता है। आप अपने रिश्ते में दबाव महसूस कर सकते हैं।

English summary

Difference between Love and Attachment in hindi

Here We are talking about Difference between Love and Attachment in hindi. How can we differentiate between love and attachment? Read On.
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