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ब्रेस्ट कैंसर से बचे मरीजों की मेमोरी तेज बनाए वॉकिंग
एक नए अध्ययन से पता चला है कि मध्यम से ज़ोरदार शारीरिक गतिविधियाँ जैसे ब्रिस्क वॉकिंग या जॉगिंग ब्रेस्ट कैंसर के सरवाईवर्स की मेमोरी बढ़ाने में सहायक होती है। अध्ययन के दावे के अनुसार शारीरिक गतिविधियाँ तनाव को कम करती हैं तथा महिलाओं को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करती है जो उनकी मेमोरी बढ़ाने में सहायक होता है।
मेमोरी
की
समस्या
का
कारण
कैंसर
के
मरीजों
में
होने
वाला
तनाव
हो
सकता
है,
इसका
कीमोथेरेपी
या
रेडिएशन
उपचार
से
कोई
संबंध
नहीं
है।
शिकागो की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फेंबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर सिओभान फिलिप्स के अनुसार मरीजों द्वारा बताई गयी मेमोरी की यह समस्या भावनाओं से जुडी हुई हो सकती है।
ये महिलायें डरी हुई, तनावपूर्ण, थकी हुई, भावनात्मक रूप से रिक्त होती हैं तथा इनमें आत्मविश्वास भी बहुत कम होता है जिसके कारण मानसिक दबाव पड़ सकता है और इस कारण से मेमोरी से संबंधित समस्याएं आ सकती हैं।”
शोधकर्ताओं ने ब्रेस्ट कैंसर सरवाईवर्स की मेमोरी और कसरत का दो प्रकार से अध्ययन किया: एक प्रकार का सेल्फ रिपोर्टेड डाटा जो 1477 महिलाओं के लिए था तथा दूसरे में 362 महिलाओं ने एक्सेलोमीटर पहना था। परिणामों में यह पाया गया कि दोनों समूहों में उच्च शारीरिक गतिविधि के कारण मेमोरी के स्तर में सुसंगत सुधार था।
अध्ययन में पाया गया कि अधिक शारीरिक गतिविधि से आत्म विश्वास के स्तर का बढ़ना, तनाव कम होना और कम थकान जुड़ी हुई है जिसके कारण मेमोरी में कमी का एहसास कम होता है।
ब्रेस्ट कैंसर के सरवाइवर्स यदि सामान्य और जोश से भरी हुई कसरत जैसे ब्रिस्क वॉक, बाइकिंग, जॉगिंग या एक्सरसाइज़ क्लास जाते हैं तो उनमें मेमोरी से संबंधित समस्याएं कम आती हैं। व्यक्तिपरक स्मृति (सब्जेक्टिव मेमोरी) प्रत्येक व्यक्ति की अपनी मेमोरी के प्रति धारणा होती है।