Just In
- 1 hr ago Aaj Ka Rashifal 24th April: इन राशि वालों को मिलेगा आज भाग्य का पूरा सपोर्ट, बदलेगी इनकी जिंदगी
- 7 hrs ago Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
- 8 hrs ago Hashimoto : एक्ट्रेस स्मृति खन्ना को प्रेग्नेंसी में हुई ये खतरनाक बीमारी, सीधा गर्भाशय पर करती है हमला
- 10 hrs ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
Don't Miss
- News राजौरी हत्याकांड के पीछे आतंकी अबू हमजा, पुलिस ने किया 10 लाख के इनाम का ऐलान
- Education UK Board Result 2024: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट कब आएगा? चेक करें डेट और टाइम
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Pitru Paksha 2022 : जल्द शुरू होनेवाला है पितृपक्ष, पितरों की मुक्ति के लिए जरूर करें ये काम
पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए नियमनुसार पिंडदान और तर्पण किया जाता है। कहते हैं पितृपक्ष में पूर्वजों का धरती पर आगमन होता है। यदि इस दौरान पूरी श्रद्धा के साथ पिंडदान और तर्पण किया जाता है तो इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और अपने परिजनों को खुशहाल और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद देते हैं। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू हो जाता है जो 15 दिनों तक चलता है। इस बार पितृपक्ष 10 सिंतबर को शुरू होकर 25 सितंबर को समाप्त होगा। इन दिनों कई ऐसे नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता।
आइए जानते हैं श्राद्ध की सारी तिथियों के बारे में, साथ ही हम आपको पितृपक्ष का महत्व भी बताएंगे।
श्राद्ध की तिथियां
10 सितंबर, शनिवार, पूर्णिमा का श्राद्ध एवं तर्पण
11 सितंबर, रविवार, प्रतिपदा का श्राद्ध एवं तर्पण
12 सितम्बर, सोमवार, द्वितीया का श्राद्ध एवं तर्पण
13 सितंबर, मंगलवार, तृतीया का श्राद्ध एवं तर्पण
14 सितंबर, बुधवार, चतुर्थी का श्राद्ध एवं तर्पण
15 सितंबर, गुरुवार, पंचमी का श्राद्ध एवं तर्पण
16 सितंबर, शुक्रवार, षष्ठी का श्राद्ध एवं तर्पण
17 सितंबर, शनिवार, सप्तमी का श्राद्ध एवं तर्पण
18 सितंबर, रविवार, अष्टमी का श्राद्ध एवं तर्पण
19 सितंबर, सोमवार, नवमी का श्राद्ध एवं तर्पण
20 सितंबर, मंगलवार, दशमी का श्राद्ध एवं तर्पण
21 सितंबर, बुधवार, एकादशी का श्राद्ध तर्पण
22 सितंबर, गुरुवार, द्वादशी का श्राद्ध एवं तर्पण
23 सितंबर, शुक्रवार, त्रयोदशी का श्राद्ध एवं तर्पण
24 सितंबर, शनिवार, चतुर्दशी का श्राद्ध एवं तर्पण
25 सितंबर, रविवार, अमावस्या का श्राद्ध एवं तर्पण
पित्र पक्ष का महत्व
हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा ही महत्व होता है। माना जाता है कि पितृपक्ष में पूरे 15 दिनों तक हमारे पूर्वज धरती पर हमारे आस पास ही रहते हैं। यदि इस दौरान नियमनुसार श्राद्ध कर्म किया जाए तो पितरों को मुक्ति मिलती है, साथ ही उनके आशीर्वाद से उनका पूरा परिवार सुखी रहता है।