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पैसिव स्मोकिंग से भी भ्रूण पर पड़ता है बुरा असर
एक मेडिकल जर्नल के नए अध्ययन में पाया गया कि धुम्रपान करने वाले लोगों के आसपास रहने से भी पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। एक शोध में पाया गया कि गर्भ में पल रहे बच्चे में कुछ जेनेटिक बदलाव का तंबाकू के धुएं से गहरा संबंध होता है। किसी महिला के स्मोकिंग करने से बच्चे को जितना नुकसान पहुंचता है, उतना ही नुकसान पैसिव स्मोकिंग से भी पहुंचता है। यह बहुत जरूरी है कि आप अपने पार्टनर को भी इन खतरों से अगाह कराएं। हॉवर्ड मेडिकल स्कूल के डॉ. जोनाथन विनिकॉफ के अनुसार गर्भावस्था के दौरान माता-पिता दोनों को स्मोकिंग से दूर रहना चाहिए।
गर्भवती
महिलाएं
पैसिव
स्मोकिंग
के
संपर्क
में
जितना
ज्यादा
रहेगी,
बच्चे
में
जन्म
दोष
का
खतरा
उतना
ही
ज्यादा
बढ़
जाएगा।
आइए
हम
आपको
बताते
हैं
कि
लगातार
पैसिव
स्मोकिंग
के
संपर्क
में
रहने
से
भ्रूण
में
क्या-क्या
समस्याएं
आ
सकती
हैं।
पैसिव स्मोकिंग से भी भ्रूण पर पड़ता है बुरा असर
विकलांगता: गर्भावस्था के दौरान पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में आने से गर्भ में पल रहे भ्रूण में जेनेटिक विकार हो सकता है। साथ ही होने वाले बच्चे में पैर, टेस्टीज और दिमाग की विकलांगता हो सकती है।
गर्भपात: लगातार पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में रहने से गर्भपात का भी खतरा पैदा हो जाता है। साथ ही भ्रूण में जेनेटिक बदलाव भी हो सकता है। पैसिव स्मोकिंग से भ्रूण का विकास प्रभावित होता है, जिससे स्वाभाविक गर्भपात हो सकता है।
जन्म दोष: गर्भावस्था के दौरान पैसिव स्मोकिंग से जन्म दोष का खतरा सबसे ज्यादा होता है। जहरीले धुएं के संपर्क में आने से भ्रूण में विकार आ सकता है। यह विकार ऐसा होता है, जो जीवन भर रह सकता है और इसका इलाज भी संभव नहीं होता।
स्टीलबर्थ: गर्भवती महिलाओं के पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में आने से स्टीलबर्थ का खतरा 23 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। पैसिव स्मोकिंग से भ्रूण पर नाकारात्मक असर पड़ता है।
कम
वजन
का
बच्चा
पैदा
होना:
गर्भावस्था
के
दौरान
अगर
महिलाएं
नियमित
रूप
से
पैसिव
स्मोकिंग
के
संपर्क
में
रहती
है
तो
पैदा
होने
वाले
बच्चे
का
वजन
काफी
कम
हो
जाता
है।
पैसिव
स्मोकिंग
से
प्लासेंटा
में
आक्सीजन
का
सप्लाई
नहीं
हो
पाता
है।
आंतरिक
अंगों
में
विकार:
गर्भवती
महिला
जब
पैसिव
स्मोकिंग
के
संपर्क
में
आती
है,
तो
प्लासेंटा
ठीक
से
काम
नहीं
करता
है।
निकोटीन
जब
प्लासेंटा
से
होकर
गुजरता
है
तो
भ्रूण
में
रक्त
का
प्रवाह
कम
हो
जाता
है।
इससे
फेटल
कार्डियोवेस्कुलर
सिस्टम,
गैस्ट्रोइंटेसटाइनल
सिस्टम
और
सेंट्रल
नर्वस
सिस्टम
पर
असर
पड़ता
है।
न्योरोलॉजिकल प्राब्लम: अगर आप गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में रहते हैं तो इससे होने वाले बच्चे में न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम आ सकती है। शोध से पता चला है कि सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से भ्रूण के मस्तिष्क का ठीक से विकास नहीं होता है।
सांस की समस्या: पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में होने वाले बच्चे में सांस से संबंधित समस्या हो सकती है। साथ ही बच्चे का भविष्य में अस्थमा से पीड़ित होने का खतरा भी रहेगा।
प्रीमैच्योर
बर्थ:
प्रीमैच्योर
बर्थ
पैसिव
स्मोकिंग
की
एक
सामान्य
समस्या
है।
इससे
बच्चे
का
सामान्य
विकास
नहीं
होता
है
और
भविष्य
में
भी
कई
स्वास्थ
संबंधी
समस्या
हो
सकती
है।