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हर नव वधु के पास जरुर होनी चाहिये ये 5 सुंदर साड़ियां
साड़ी एक क्लासिक और सुंदर परिधान है जो अधिकतर भारतीय महिलाओं की अलमारी की शोभा बढ़ाती हैं। जब यह सही तरह से पहनी जाती है तो यह महिला को बहुत सुंदर लुक प्रदान करती है।
भारत में लगभग हर राज्य की साड़ी की अलग-अलग विशेषता है। और हर स्टाइल की एक विशेष शैली है जो इसे खास बनाती है। ये स्टाइल कभी पुरानी नहीं होती और हर बार जब भी इन्हें पहनती हैं तो सुंदर दिखती हैं।
यही
कारण
है
कि
हर
नवविवाहिता
पारंपरिक
स्टाइल
की
एक
ना
एक
साड़ी
जरूर
रखती
है।
हम
आपको
विभिन्न
संस्कृतियों
की
कुछ
अच्छी
साड़ियों
के
बारे
में
बता
रहे
हैं
जो
एक
भारतीय
महिला
की
अलमारी
में
जरूरी
होनी
चाहिए।
1.
सुंदर
बंधेज
या
बँधानी
साड़ी
ये
लुभाने
वाली
साड़ियाँ
बंधेज
से
नाम
से
भी
जानी
जाती
हैं,
ये
गुजरात
और
राजस्थान
की
हैं।
टाई
और
डाई
वाली
ये
साड़ियाँ
बहुत
से
रंगों
और
बहुत
सी
डिजायनों
में
आती
हैं।
जब
आप
उत्सव
के
मूड
में
होती
हैं
तो
दुनिया
के
सामने
अपने
अंदाज
को
बिखेरने
के
लिए
ये
साड़ियाँ
शानदार
हैं।
जब
आप
परंपरागत
लाल,
हरी,
पीली
या
फिर
हल्की
गुलाबी
रंग
की
बंधेज
की
साड़ी
पहनती
हैं
तो
ये
पूरी
राजसी
लुक
देती
हैं।
आगे
से
जब
भी
आपको
किसी
धार्मिक
त्योंहार
में
भाग
लेना
हो
या
रात
को
डांडिया
में
थिरकना
हो,
तो
बँधानी
साड़ी
पहनो
और
एक
दिलकश
अंदाज
में
लोगों
की
नजरें
चुरा
लो।
2.
आधुनिक
कांजीवरम
की
साड़ी
इनका
नाम
कांचिपुरम
के
नाम
पर
पड़ा
है
जहां
से
इनकी
शुरुआत
हुई,
ये
साड़ियाँ
'लक्जरी
इन
सिल्क’
की
प्रतीक
हैं।
खास
तौर
पर
जानवरों
और
पक्षियों
के
सुंदर
चित्रों
और
चमकदार
गोल्डन
बोर्डर
के
साथ
ये
देखने
वाले
का
ध्यान
आकर्षित
करती
हैं।
इनकी
जटिल
बुनाई
और
पैटर्न,
शानदार
रेशमी
कपड़ा,
गोल्डन
फेब्रिक,
जैसे
तत्वों
के
कारण
ये
साड़ियाँ
बेशकीमती
और
महंगी
हैं।
अपनी
फैमिली
फंक्शन
में
सुंदर
दिखने
के
लिए
कांजीवरम
की
साड़ी
एक
अच्छा
विकल्प
है।
कई
बॉलीवुड
अभिनेत्रियों
ने
भी
कांजीवरम
की
साड़ियाँ
पहनी
हैं।
3.
अद्भुत
बनारसी
साड़ी
दुनिया
के
सबसे
पुराने
शहर
(बनारस)
में
देश
की
सबसे
अच्छी
बनारसी
साड़ी
मिल
जाएगी।
हाथ
से
बनी
हुई
और
कढ़ाई
की
हुई
बनारसी
साड़ी
हर
भारतीय
महिला
की
पसंद
है।
बनारसी
साड़ी
को
बनाने
में
15
दिन
से
6
महीनों
का
समय
लग
जाता
है।
भारत
में
यह
कला
मुगलों
द्वारा
लाई
गई
थी,
इसलिए
आप
मुगलकालीन
चित्रों
और
डिजायनों
में
इन्हें
देख
सकती
हैं।
यदि
आप
सोचती
हैं
कि
ये
सिर्फ
जरी
के
कपड़े
में
आती
हैं
तो
ऐसा
बिल्कुल
नहीं
हैं
आप
इन्हें
जरदोज़ी,
मीनाकारी,
जॉर्जट,
जमावर
जैसे
विभिन्न
कपड़ों
में
भी
ले
सकती
हैं।
4.
सुंदर
पठानी
साड़ी
महाराष्ट्र
की
सुंदर
पठानी
साड़ियाँ
राज्य
की
विशेष
गुणवत्ता
वाली
साड़ियाँ
हैं।
पुराने
समय
में
ये
गोल्ड
और
सिल्क
की
साड़ियाँ
सीमित
और
बड़े
लोगों
के
लिए
आती
थी।
ये
साड़ियाँ
बहुत
से
रंगों
और
बहुत
सुंदर
डिज़ाइन
के
छापों
में
उपलब्ध
हैं।
पक्षी,
पशु
या
फिर
अजन्ता
एलोरा
की
गुफाओं
के
चित्र
इनके
पल्लू
की
शोभा
बढ़ाती
हैं।
ये
हस्त-निर्मित
साड़ियाँ
हर
उम्र
की
महिलों
की
हर
तरह
के
उत्सव
में
शोभा
बढ़ाती
हैं।
5.
सदाबहार
पटोला
साड़ी
पटोला
साड़ियाँ
प्रतिष्ठा
की
प्रतीक
है,
और
गुजरात
में
इन्हें
रॉयल्टी
की
परिभाषा
समझा
जाता
है।
इनकी
जटिल
डिजाइन
इनको
महंगी
बनाती
हैं।
पाटन
(गुजरात)
के
कुछ
चुनिन्दा
परिवारों
में
पहनी
जाने
वाली
और
साथ
ही
इसकी
शानदार
सिल्क
क्वालिटी
के
कारण
इन्हें
बनाने
में
6
महीने
से
1
साल
का
समय
लगता
है।
खूबसूरती
से
डिजाइन
ज्यामितीय
आकृतियां
और
इनके
परंपरागत
रंग
सभी
देखने
वालों
की
नजरों
को
जरूर
आकर्षित
करती
हैं।