For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

प्रियंका चोपड़ा के मंगेतर निक को था टाइप 1 डायबिटीज़, जानें इस बीमारी के बारे में

|

Priyanka Chopra's Fiancée Nick Jonas opens up about being diabetic for last 13-years | Boldsky

हाल ही में प्रियंका चोपड़ा के मंगेतर निक जोनस ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी थी कि वो 13 साल की उम्र में टाइप 1 डायबिटीज़ की चपेट में आ गए थे। लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कैसे उन्होंने अपनी दिनचर्या और खानपान पर नियंत्रण किया और अभी वो एक हेल्दी लाइफ जी रहे हैं।

Type 1 Diabetes: Symptoms, Causes, Treatment

अगर आंकड़ों की बात करें तो टाइप 1 डायबिटीज़ या मधुमेह ज़्यादातर छोटे बच्चों और युवाओं में ही देखने को मिलता है। इस बीमारी की सबसे अहम वजह है अनुवंशिकता, तभी कई बच्चों में जन्म से ही इसके लक्षण देखने को मिलते हैं। आइए आज टाइप 1 डायबिटीज़ के बारे में जानकारी हासिल करते हैं और ये भी जानते हैं कि क्या इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।

टाइप 1 डायबिटीज़ किस कारण से होता है?

टाइप 1 डायबिटीज़ किस कारण से होता है?

आमतौर पर बच्चों में ये रोग अनुवंशिक रूप से आता है अर्थात माता पिता में से किसी एक को अगर ये समस्या है तो बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज़ होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अभी तक इसके पीछे की सही वजह का पता नहीं चल पाया है।

Most Read:बढ़ाएं हड्डियों की मज़बूती, नहीं होगी सर्दियों में परेशानीMost Read:बढ़ाएं हड्डियों की मज़बूती, नहीं होगी सर्दियों में परेशानी

टाइप 1 डायबिटीज़ होने पर क्या होता है

टाइप 1 डायबिटीज़ होने पर क्या होता है

ऐसी स्थिति में बच्चे के शरीर में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया रुक जाती है या फिर बहुत कम मात्रा में बन पाती है। दरअसल पैंक्रियाज़ से इंसुलिन नाम का हार्मोन निकलता है। शरीर में हमारा भोजन पचने के बाद ग्लूकोज़ में बदलता है जो एनर्जी में तब्दील होकर मांसपेशियों तक पहुंचता है। ग्लूकोज़ को एनर्जी में बदलने का प्रोसेस इंसुलिन हार्मोन द्वारा होता है।

जब बच्चे टाइप 1 डायबिटीज़ से प्रभावित होते हैं तो उनके शरीर में इंसुलिन नहीं बन पाता है और जिससे उनके पाचन तंत्र असर पड़ता है। इसके साथ ही उनके शरीर में जब ग्लूकोज़ बढ़ जाता है तो उनके पेशाब जाने की अवधि भी बढ़ जाती है और बच्चा सुस्त बन जाता है।

कैसे पहचाने बच्चे को है टाइप 1 डायबिटीज़

कैसे पहचाने बच्चे को है टाइप 1 डायबिटीज़

1. उनकी चोट को ठीक होने में ज़्यादा समय लगेगा

2. उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होगी

3. उन्हें ज़्यादा प्यास लगेगी

4. उन्हें सामान्य से ज़्यादा बार पेशाब आएगा

5. उनका शरीर बिना वजह कांपेगा

6. उन्हें कमज़ोरी महसूस होगी

7. उनकी आंखों की नज़र कमज़ोर हो जाएगी

8. उनकी स्किन ड्राई हो जाएगी

9. उनके वज़न में गिरावट आ जाएगी

10. उनमें आलस बढ़ जाएगा

11. उनके हाथों और पैरों में सुन्नपन रहेगा

Most Read:सर्दियों में बढ़ गया वजन, जाने कैसे करें कंट्रोलMost Read:सर्दियों में बढ़ गया वजन, जाने कैसे करें कंट्रोल

कैसे करें इलाज

कैसे करें इलाज

अगर बच्चे में इस तरह के लक्षण नज़र आ रहे हैं तो सबसे पहले एक अच्छे डॉक्टर से सम्पर्क करें। उनकी निगरानी में ग्लायकेटेड हीमोग्लोबिन (ए1सी) टेस्ट, फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट, ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट (ओजीटीटी) आदि टेस्ट कराएं। इसके बाद बच्चे में टाइप 1 डायबिटीज़ की स्थिति का पता चल पाएगा। तभी डॉक्टर ये तय कर पाएंगे कि रोगी को दवाओं और इंजेक्शन की कितनी ज़रूरत है।

आपके लिए ये बात जानना ज़रूरी है कि इस बीमारी को आप सिर्फ नियंत्रण में ला सकते हैं। इसे पूर्ण रूप से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन आप सही लाइफस्टाइल के साथ नॉर्मल ज़िंदगी जी सकते हैं।

टाइप 1 डायबिटीज़ वाले व्यक्ति को इन बातों का रखना चाहिए ख्याल

टाइप 1 डायबिटीज़ वाले व्यक्ति को इन बातों का रखना चाहिए ख्याल

1. अगर डॉक्टर ने सलाह दी है तो खाने से पहले इंसुलिन का इंजेक्शन लें।

2. दवाइयां समय पर लें।

3. ब्लड टेस्ट समय पर कराएं।

4. मीठी चीज़ों के सेवन से दूरी बना लें।

5. कसरत को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें।

6. पूरा आराम करें। नींद की कमी ना होने दें।

7. जिन चीज़ों के परहेज़ की हिदायत दी गयी है उनका ख्याल रखें।

English summary

Type 1 Diabetes: Symptoms, Causes, Treatment

Type 1 diabetes symptoms are dehydration, weight loss, etc. Read to know what are the other symptoms of this condition and the risk factors that cause Type 1 Diabetes.
Desktop Bottom Promotion