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यौन संक्रमण रोग के मामले बढ़ने की एक वजह डेटिंग एप भी है?
आज ऑनलाइन डेटिंग के ज़माने में प्यार आपसे बस एक क्लिक की दूरी पर है। इंटरनेट पर अपने लिए पार्टनर ढूंढने वाले लोग इस बात से जरूर सहमत होंगें।
आजकल ज्यादातर लोग ना केवल मनोरंजन बल्कि काम, बिल भरने, किराने का सामान ऑर्डर करने और कैब बुक करने, अपॉइंटमेंट लेने आदि के इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।
इंटरनेट की मदद से दो लोगों का बात करना काफी आसान हो गया है। आप अपने घर बैठे ही किसी से भी बात कर सकते हैं। दुनिया के दूसरे कोने में बैठे शख्स से आप इंटरनेट के ज़रिए तुरंत वीडियो कॉल से बात कर सकते हैं।
तो जब जिंदगी के ज्यादातर काम इंटरनेट से ही हो रहे हैं तो फिर पार्टनर ढूंढने का काम भी लोगों ने इसे ही सौंप दिया है। आज ऑनलाइन की दुनिया में डेटिंग एप्स लोगों के बीच बहुत हिट हो रही हैं।
आज अधिकतर लोग अपने काम में व्यस्त रहते हैं और उनके पास इतना भी समय नहीं है कि वो बाहर जाकर किसी मिलें या बात करें।
इसलिए ऐसे लोगों के लिए इंटरनेट पर एकसाथ हज़ारों लोगों में से अपने लिए दोस्त या पार्टनर चुनना काफी आसान हो गया है। डेटिंग एप्स की मदद से आप बस अपने जीवनसाथी से एक क्लिक की दूरी पर हैं।
डेटिंग एप के ज़रिए किसी से मिलने से पहले ही आप उसकी पसंद, नापसंद आदि के बारे में जान सकते हैं। डेटिंग एप से आप उस इंसान को चुन सकते हैं जो आपको अपने कंपैटिबल लगता हो।
आंकड़ों की मानें तो एक खास एज ग्रुप के लोग डेटिंग एप्स पर एक से ज्यादा पार्टनर्स बनाते हैं। अब लोग अपनी पसंद के हिसाब से डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करने लगे हैं।
डेटिंग एप्स पर कुछ लोग अपने लिए ऐसे पार्टनर की तलाश कर रहे होते हैं जो जीवनभर उनका साथ दे जबकि कुछ लोग टाइमपास या सेक्शुअल जरूरतों को पूरा करने के लिए पार्टनर ढूंढ रहे होते हैं।
यहां तक कि ऐसी कई डेटिंग एप्स हैा जो खासतौर पर कई सेक्शुअल पार्टनर और कैजुअल सेक्स पार्टनर ढूंढकर देती हैं।
आज कई लोगों को कैजुअल सेक्स आसान लगता है क्योंकि उन्हें लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप या शादी या जिम्मेदारियों से बचना होता है। अगर दोनों पार्टनर्स की इसके लिए रज़ामंदी है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है लेकिन इसकी एक नेगेटिव साइड भी है और वो है यौन संक्रमित रोग। जी हां, एक से ज्यादा पार्टनर के साथ सेक्स करने पर यौन संक्रमित रोग हो सकता है।
तो क्या डेटिंग एप्स की वजह से यौन संक्रमित रोग बढ़ रहे हैं ? आइए जानते हैं ....
एसटीडी और एसटीआई क्या है
ये दोनों बीमारियां यौन संबंध बनाने के दौरान एक से दूसरे व्यक्ति में संचारित होती हैं। ये बीमारियां बैक्टीरिया या वायरस के ज़रिए फैलती हैं। एसटीडी और एसटीआई सिर्फ पेनिस के वजाईना में जाने या वजाईना में सेमिनल फ्लूइड के पहुंचने से ही नहीं होता है।
एसटीडी और एसटीआई की ऐसी कई बीमारियां हैं जो सिर्फ किस करने, ओरल सेक्स, एनल सेक्स या संक्रमित व्यक्ति के यौन फ्लूइड से त्वचा के संपर्क में आने से भी हो जाती हैं। ऐसे मामलों में कॉन्डम भी कुछ नहीं कर पाती है।
यहां तक एसटीडी की एक सबसे खतरनाक बीमारी है एड्स जिसका कोई ईलाज नहीं है। इसके अलाावा एसटीडी की अन्य बीमारियों में जेनिटल हर्प्स, क्लामिदिया, सिफिलिस, गोनोरोईआ, यीस्ट इंफेक्शन आदि हैं।
एसटीडी ना केवल जान के लिए खतरा है बल्कि इसके कई खतरनाक लक्षण भी हैं जो सेहत और जिंदगी को प्रभावित करते हैं।
डेटिंग एप्स से कैसे बढ़ रही हैं एसटीडी की बीमारियां
हाल ही में नेशनल कोएलिएशन ऑफ एसटीडी के डायरेक्टर्स ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें साल 2014 से उन्होंने पाया है कि डेटिंग एप्स के यूज़र्स के बीच यौन संक्रमित रोगों और संक्रमण में तेजी से इजाफा हुआ है।
यहां तक कि आंकड़े भी बताते हैं कि एसटीडी रोग में 59 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है, खासतौर पर अलग-अलग डेटिंग एप्स यूज़ करने वाले लोगों में सिफिलिस पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे ये कारण हो सकता है कि डेटिंग एप्स के ज़रिए लोगों को बड़ी आसानी से एक से ज्यादा सेक्शुअल पार्टनर मिल जाते हैं। जिन लोगों को वो ठीक तरह से जानते तक नहीं हैं उनके साथ भी यौन संबंध बनाने को तैयार हो जाते हैं।
कई लोग, खासतौर पर युवा किसी अनजान शख्स के साथ संभोग के दौरान कॉन्डम का इस्तेमाल नहीं करते हैं। कई बार कॉन्डम के इस्तेमाल के बावजूद ये बीमारियां फैल जाती हैं।
अलग-अलग लोगों के साथ संबंध बनाना भी सेहत के लिए खतरनाक होता है।
इसलिए डेटिंग एप्स की वजह से लोगों में यौन संक्रमित बीमारियां फैल रही हैं। इससे बचने के लिए बेहतर होगा कि आप सेक्स से पहले अपना और अपने पार्टनर का टेस्ट करवा लें।