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सेक्सुअल लाइफ को बर्बाद कर सकती है ओसीडी, जानिए कैसे?
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) ये एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसमें मरीज को हर चीज साफ सुथरी और व्यवस्थित तरीकें से चाहिए होती है। ये एक तरह की सनक होती है जिसमें मरीज साफ सफाई को लेकर सनकी हो जाता है। इससे पीडि़त शख्स एक ही काम को बार-बार कर सकता है, जैसे बार बार हाथ धोना और हर चीज को व्यवस्थित रखना और साफ सफाई करते रहना।
इस वजह से इससे पीडि़त व्यक्ति हमेशा विचलित रहता है और उसके दिमाग में कई तरह की शंकाएं घूमती रहती है। लेकिन आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि ओसीडी आपकी सेक्स लाइफ को भी तबाह कर सकती है, जी हां! ओसीडी की वजह से आपकी सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है।
आइए जानते है कैसे और क्या है इसका ईलाज।
घिरे
रहते
है
सेक्स
की
शंकाओं
से
ओसीडी एक मानसिक रोग है। इसमें पीडि़त के सोच में अचानक से असामान्य बदलाव आने लगते है। अनचाहे ख्यालों की वजह से पीडि़त विचलित से रहता है। इससे पीडि़त शख्स एक ही काम को दोहराने लगता है, जैसे चादर के कोनो को साफ करना, हाथ धोना, डस्टिंग करते रहना। पीडि़त के मन में किसी बात को लेकर डर, शक या असमंजस का भाव रहता है। बल्कि जो इस डिसआर्डर से गुजर रहे होते है उनके लिए सेक्स किसी परेशानी से कम नहीं होता है क्योंकि वो सेक्स की वजह से जल्दी विचलित हो जाते है। क्योंकि इस बीमारी से घिरे लोग या तो जर्म्स और बैक्टीरिया से डरकर सेक्स करने से कतराते है वरना कुछ लोग तो परफेक्ट सेक्स और संतुष्टि पाने के लिए बार बार सेक्स करना पसंद करते है। ऐसे लोग सेक्स को लेकर कई तरह की शंकाओं से घिरे होते है। आइए जानते है कि ये शंकाएं किस किस तरह की होती है।
दूषित
या
संक्रमित
होने
का
डर
अगर कोई व्यक्ति ओसीडी से पीडि़त है तो सेक्स से जुड़े अजीबो गरीब ख्याल उन्हें तंग करते है जैसे कि कहीं उन्हें संक्रमण तो नहीं हो जाएगां, कहीं वो सेक्स करने से किसी यौन रोग के सम्पर्क में तो नहीं आ जाएंगे। ज्यादातर मामलों में, उनको लगने लगता है कि वे एसटीडी (यौन संक्रमित बीमारी) जैसे हर्पीस, एचआईवी आदि के सम्पर्क में आ सकते है। सेक्स के बाद शरीर से निकलने वाला स्त्रावित द्रव्य उन्हें एसटीडी के लिए अतिसंवेदनशील बना देते है। इस शंका से बाहर निकलने के लिए वे कई तरह टेस्ट के करवाने से भी पीछे नहीं हटते है।
बैक्टीरिया
और
कीटाणु
का
डर
जैसा कि ऊपर आपने पढ़ा ये लोग दूषित या संक्रमित होने के ख्याल से ही सेक्स को अवॉइड करते है। सेक्स तो छोडि़ए ये लोग किस करने से पहले भी 100 बार सोचते है कि किस करते वक्त पार्टनर के मुंह के सम्पर्क में आने से कहीं बैक्टीरिया और जर्म्स उनके शरीर में प्रवेश न कर लें। इस वजह से ऐसे लोग पार्टनर को छूने से भी बचते है।
घृणा
की
नजर
से
जो लोग ओसीडी से पीडि़त होते हैं, जब वो लोग सेक्स एक्टिविटीज के बारे में सोचते है भी है तो उनके दिमाग में सेक्स को लेकर घृणा आ जाती है। क्योंकि संक्रमण के अलावा ये लोग शरीर से स्त्रावित होने वाले द्रव्य को अस्वच्छता से जोड़कर देखते है। सेक्स करने के बाद इन लोगों के लिए सफाई बहुत अहमियत रखती है। सेक्स के दौरान और शरीर से स्त्रावित द्रव्य के सम्पर्क में जो भी कपड़े आने का इन्हें डर रहता है जैसे सारे कपड़े, बेडशीट और यूज में लिया गया टॉवेल तक ये लोग धोने में डाल देते है।
सेक्सुअल ऑरिएंटेशन की चिंता
ओसीडी से पीडि़त ज्यादात्तर लोगों में जो सबसे बड़ा भय होता है वो ये होता कि उन्हें लगता है कि कहीं वो होमोसेक्सुअल या बायसेक्सुअल न बन जाएं। एक स्टडी के अनुसार 10 प्रतिशत ओसीडी के मरीज अपनी सेक्सुअल ऑरिएंटेशन के डर से गुजरते है।
यौन
विचलन
ओसीडी से पीडि़त लोगों में ये बहुत ही सामान्य सी बात है कि उनमें बहुत जल्दी ही यौन विचलन होने लगता है, ऐसे लोग ज्यादात्तर मौके पर सेक्स को अवॉइड करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ज्यादा सेक्स में दिलचस्पी लेने से बलात्कार जैसे मामलों को बढ़ोत्तरी मिलती है। जैसे कि किसी महिला को लगता है कि अपने बेटे के साथ ज्यादा बेड शेयर करने की वजह से वो उसे व्याभिचारी बना सकती है। ऐसे डर की वजह से महिलाएं सेक्स के बारे में सोचने से करने से कतराती है।
ऐसे
करें
सहयोग
अगर आपको कोई चहेता इस बीमारी से पीडि़त है तो आप इस तरीके से उन्हें सहयोग कर सकते है।
उन्हें समझें
अगर कोई इस समस्या से गुजर रहा है तो आप पहले उनके लक्षणों को समझिएं, उनके डर को समझकर ही आप उनके रोग का निदान कर सकते हैं।
डॉक्टर से लें परामर्श
अगर आपके पार्टनर को लम्बे समय से ये समस्या है तो डॉक्टर से मिलें और अपने पार्टनर को मिलवाएं।
ओसीडी से पीडि़त लोगों से मिलें
अगर आपका पार्टनर इस बीमारी से पीडि़त है तो आपको ऐसे अन्य लोगों से भी मिलना चाहिए जो इस बीमारी से घिरे हुए हैं। उनके अनुभव और स्थितियां आपको आपके पार्टनर को इस स्थिति से बाहर निकालने में मदद कर सकती है।