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डिलीवरी के बाद इस गलती से हो सकता है किडनी इंफेक्शन, जानिए इसकी वजह
प्रेगनेंसी का दौर जितना नाजुक होता है, डिलीवरी के पश्चात भी महिलाओं को खुद का बेहतर तरीके से ध्यान रखना चाहिए वरना वो कई संक्रमण की चपेट में आ सकती हैं। नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिलाओं में इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। प्रसव के बाद वजाइना की ठीक तरह से साफ-सफाई न करने से मूत्राशय का संक्रमण हो जाता है, जो धीरे-धीरे किडनी तक पहुंचकर किडनी इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
डिलीवरी के बाद किडनी इंफेक्शन के लक्षण
- जल्दी जल्दी पेशाब जाना पड़े।
- पेशाब को रोक पाने में दिक्कत महसूस होती है।
- पेशाब करते समय दर्द या जलन।
- पेशाब से तेज गंध या इसका रंग भूरा, धुंधला, रक्तरंजित या तेज दुर्गंध।
- लम्बे समय से कब्ज की शिकायत होना
प्रसव के बाद संक्रमण होने के कारण
गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन मूत्रमार्ग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना देते हैं। ऐसे में प्रोजेस्टेरॉन मूत्रवाहिनियों की मांसपेशियों को शिथिल कर देता है। जिससे गुर्दों से मूत्राशय में जाने वाला पेशाब का प्रवाह बाधित होता है। बढ़ते हुए गर्भाशय का भी यही असर होता है। और इसके चलते जीवाणुओं को बाहर निकलने से पहले ही वहां बढ़ने का समय मिल जाता है और संक्रमण हो जाता है। यदि किसी महिला को प्रसव पश्चात, खुद में ये असामान्य लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो उसे तत्काल प्रभाव से डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये, क्योंकि यदि संक्रमण यदि बढ़ जाए तो गंभार रूप ले सकता है और शरीर को हानि पहुंचा सकता है।
क्या है संक्रमण का इलाज
आमतौर पर इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर मूत्र परीक्षण की सलाह दे सकते हैं। अगर जांच में इस संक्रमण की पुष्टि होती है, तो आमतौर पर डॉक्टर इंजैक्शन या ओरल दवाई देकर उपचार करते हैं। अगर एंटिबायटिक्स से आराम ना मिले तो ऐसे में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड स्कैन कर सकता है, ताकि आपके मूत्राशय और गुर्दों को ठीक से देखा जा सके।
ऐसे बचे इंफेक्शन से
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। साथ ही अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने का प्रयास करें। चाहे घर हो या बाहर, बाथरूम को साफ रखें, अधोवस्त्रों की सफाई का ध्यान रखें और अपने प्राइवेट पार्ट की भी। घर से बाहर गंदे बाथरूम या यूरिनल्स का प्रयोग करने से बचें। इन्फेक्शन की स्थिति में खास सतर्क रहें और दवाइयों का नियमित सेवन करें।
किन महिलाओं को ज्यादा खतरा
जो महिलाएं कम उम्र में मां बनती है या जो महिलाएं पहले यूरिन या दूसरे इंफेक्शन से गुजर चुकी हैं। उनमें डिलीवरी और किडनी इंफेक्शन का अधिक खतरा रहता है इसलिए महिलाओं को डिलीवरी के बाद वजाइना की हाइजीन के प्रति ज्यादा सचेत रहना चाहिए। एक रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि जो किडनी रोग की वजह से हर साल 6 लाख महिलाएं मौत के मुंह में चली जाती है। हर किडनी इंफेक्शन की वजह से ब्लैडर और ट्यूबर भी प्रभावित होती है।