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मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा
आपको
जानकर
हैरानी
होगी
कि
हर
तीन
में
से
एक
उम्रदराज
महिला
को
दिल
से
जुड़ी
कोई
न
कोई
बीमारी
होती
है,
खासकर
जो
मेनोपॉज
से
गुजर
रही
होती
है
उन्हें
दिल
से
जुड़ी
बीमारियों
का
जोखिम
बढ़ने
की
सम्भावना
रहती
है।
महिलाओं
में
मेनोपॉज
के
10
साल
बाद
दिल
का
दौरा
पड़ने
के
मामलों
में
बढ़ोतरी
देखी
जाती
है,
यह
बात
एक
रिसर्च
में
सामने
आई
है।
दरअसल
महिलाओं
के
शरीर
का
मुख्य
हार्मोन
एस्ट्रोजन
होता
है,
ये
हार्मोन
महिला
के
शरीर
के
विभिन्न
हिस्सों
की
रक्षा
करने
में
मदद
करता
है।
मेनोपॉज
के
वक्त
महिलाओं
के
अंदर
हार्मोन
एस्ट्रोजन
कम
हो
जाता
है,
जिससे
अत्यधिक
वसा
दिल
के
पास
जमने
लगती
है,
जिससे
हृदय
रोगों
का
खतरा
बढ़ता
है।
समस्या
उनमें
ज्यादा
होती
है,
जो
शराब,
मांस
या
सिगरेट
का
सेवन
करती
है।
कुछ महिलाओं को मेनोपोज या रजोनिवृति के दौरान अपने दिल की धड़कन बढ़ने का अहसास होता है, ऐसे मामलों में बिना देरी किए जल्द से जल्द जांच कराना महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते है कि किस तरीके से महिलाएं मेनोपॉज के बाद खुद को फिट रख सकती है।
महिलाओं में हार्टअटैक के लक्षण
सीने में दर्द, दबाव या असुविधा के अलावा महिलाओं में हार्टअटैक के संकेतों और लक्षणों में प्रमुख हैं- गर्दन, कंधे, ऊपरी पीठ या पेट में जकड़न, सांस की तकलीफ, मतली या उल्टी, पसीना, हल्कापन या चक्कर आना और असामान्य थकान।
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वजन को नियंत्रित रखें
एस्ट्रोजन फैट को एकत्र करके उसे खर्च करता है लेकिन मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम होने के कारण महिलाओं में फैट बर्न करने की क्षमता भी कम हो जाती है और वजन बढ़ जाता है। वजन बढ़ने से रक्तचाप व कोलेस्ट्रोल की समस्या हो सकती है। डायबिटीज भी हो सकता है, जिससे शरीर में इंसुलिन भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद नहीं करता है। टाइप-2 डायबिटीज से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए एक्सरसाइज और डाइट पर ध्यान दें, दिल के अनुकूल आहार लें। आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें।
ध्रूम्रपान करने से बचें
ध्रूम्रपान करनेवाली महिलाओं में हार्ट अटैक की संभावना धूम्रपान न करनेवाली महिला से दोगुना अधिक होती है, क्योंकि सिगरेट में मौजूद टॉक्सिन धमनियों को सीधा प्रभावित करती है। इससे धमनियों में रक्त संचार के लिए बाधाएं पैदा हो जाती हैं। धूम्रपान से खून की नलियां चिपचिपी हो जाती हैं, जिससे रक्त संचार में अधिक कठिनाई के कारण स्ट्रोक की संभावना बनी रहती है।
एक्सरसाइज पर ध्यान दें
एस्ट्रोजन का स्तर मेनोपॉज के दौरान गिर जाता है, जिससे हृदय की धमनियां सख्त हो जाती है और इस बदलाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और ब्लड प्रेशर दिल के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए हफ्ते में कम से कम 30 मिनट के लिए कार्डियों एक्सरसाइज पर ध्यान दें। इसके अलावा टहलना, जॉगिंग, साइक्लिंग आदि हृदय के लिए फायदेमंद होता है।
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नियमित जांच कराएं
एस्ट्रोजन की कमी के चलते महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मेनोपॉज के बाद ECG, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप का जांच नियमित कराएं, जिससे आप हृदय रोग के खतरों से बच सकती हैं।