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गुरु नानक जयंती 2022- अपने घर को गुरुपुरब प्रकाश उत्सव के लिए कुछ इस तरह से सजाएं

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गुरु नानक जयंती, जिसे 'गुरु नानक के प्रकाश उत्सव' और 'गुरु नानक गुरुपर्व' के रूप में भी जाना जाता है, पहले सिख गुरु, गुरु नानक के जन्म के महत्व को दिखाता है। ये त्योहार हिंदू कैलेंडर के कार्तिक (नवंबर) के महीने में मनाया जाता है। इस अवसर पर 48 घंटे तक गुरु ग्रंथ साहिब के निरंतर पाठ जिसे अखंड पथ कहा जाता है, करते हैं। साथ ही बड़े उत्साह और भक्ति के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। गुरुपर्व से एक दिन पहले भक्तों द्वारा 'नगर कीर्तन' नामक जुलूस का भी आयोजन किया जाता है। गुरुपर्व उत्सव में ज्यादातर कथा, कीर्तन, व्याख्यान, लंगर और कड़ा प्रसाद शामिल होते हैं। त्योहार का उत्सव गुरु पर्व से दो दिन पहले शुरू हो जाता है। इस त्योहार को मनाने के लिए सबसे अच्छी बात ये है कि घर को संवारने के कई आसान तरीके हैं। आइए कुछ अद्भुत गुरपुरब डेकॉर आइडियाज पर नज़र डालते हैं।

रोशनी के साथ सजावट

रोशनी के साथ सजावट

गुरु नानक जयंती को प्रकाश उत्सव भी कहा जाता है। इसलिए, अपने घर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाना एक शानदार आइडिया है। एलईडी स्ट्रिंग लाइट से लेकर कई तरह की सजावटी लाइट्स तक, चुनने के लिए बहुत सारे ऑप्शन हैं। आप बालकनी में एलईडी स्ट्रिंग लाइट्स लटका सकते हैं या उन्हें लिविंग रूम में शोपीस या पॉटेड प्लांट्स के चारों ओर लपेट सकते हैं। अगर आपके पास आंगन या बगीचा है, तो एलईडी लाइट्स इन जगहों को आसानी से सेट कर सकती हैं और उन्हें एक आकर्षक रूप दे सकती हैं। मार्केट में आपके कई तरह की लाइट्स मिल जाएंगी इसलिए आप अपने फेस्टिव थीम से मेल खाने के लिए सही शेड्स चुन सकते हैं।

 सजावट के लिए चांदी या कांच का बॉउल का यूज

सजावट के लिए चांदी या कांच का बॉउल का यूज

ये आइडिया कभी भी स्टाइल से बाहर नहीं जाता है। गुरपुरब सजावट के आइडिया के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि एक कांच का कटोरा या चांदी की थाली लें, कुछ गुलाब की पंखुड़ियां उसमें डालें, और एक तैरती हुई मोमबत्ती और वोइला रखें! आपका DIY गुरपुरब डेकॉर आइडिया आपके मेहमानों को इंप्रेस करने के लिए तैयार है।

प्रवेश द्वार पर फूलों की माला

प्रवेश द्वार पर फूलों की माला

घर का प्रवेश द्वार पर सभी लोगों का ध्यान सबसे पहले जाता है। इसे अच्छी तरह से सजाने से पूरे एरिया को एक अलग लुक दिया जा सकता है। गुरपुरब या किसी अन्य त्योहार के दौरान अपने घर के प्रवेश द्वार को सजाने के सर्वोत्तम और सरल तरीकों में से एक दरवाजे के फ्रेम पर फूलों की माला लटकाना है। ऐसा कहा जाता है कि प्रवेश द्वार पर फूलों की माला या तोरण जोड़ने से भी बुरी और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में मदद मिलती है।

लालटेन के साथ गुरपुरब की सजावट

लालटेन के साथ गुरपुरब की सजावट

अगर आप एक कमरे के साइड टेबल और अंधेरे कोनों पर जोर देना चाह रहे हैं, तो खूबसूरत लालटेन और कांच के वोटिव सबसे अच्छे ऑप्शन हैं। फिलाग्री वर्क या मेटल के काम के साथ लालटेन मोम बत्तियां रखें। लालटेन के चारों ओर फूलों से सजा सकते हैं। ये आसान गुरपुरब डेकॉर आइडिया लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा।

गुरपुरब सजावट के लिए डिजाइनर क्ले पॉट्स

गुरपुरब सजावट के लिए डिजाइनर क्ले पॉट्स

गुरुपर्व उत्सव के लिए आप विशेष रूप से पूजा के कोने में और उस पारंपरिक और आकर्षक लुक के लिए प्रवेश द्वार पर क्ले पॉट सजा सकते हैं। इन दिनों बाजार में बहुत सारे ऑप्शन मौजूद हैं। आप या तो उन्हें कुछ गेंदे या गुलाब से सजा सकते हैं या बर्तन में पानी डालकर उसमें तैरती मोमबत्तियां डाल सकते हैं।

गुरु नानक के बारे में

गुरु नानक के बारे में

नानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था। उनके पिता तलवंडी गांव में एकाउंटेंट थे। नानक की एक बड़ी बहन थी, जिसने 1475 में जय राम से शादी की। नानक शुरू में अपनी बहन और साले के साथ रहने लगे। 16 साल की उम्र में, उन्होंने दौलत खान लोदी के अधीन काम करते थे। 24 सितंबर 1487 को उन्होंने माता सुलक्कानी से शादी की। नानक सिख धर्म के संस्थापक थे। सिख समुदाय आज गुरु नानक को अपने समुदाय की सर्वोच्च शक्ति के रूप में पूजता है।

ननकाना साहिब में उत्सव समारोह

ननकाना साहिब में उत्सव समारोह

गुरु नानक की जन्मस्थली ननकाना साहिब में ये उत्सव बेहद खास तरीके से मनाते हैं। दुनिया भर के भक्त इसमें शामिल होते हैं। भक्तों को लंगर परोसा जाता है। इस महान आयोजन में शामिल होने वाले लोगों को कराह प्रसाद भी बांटा जाता है। आध्यात्मिक संगीत और कीर्तन से वातावरण में खुशहाली होती है। त्योहार के भोजन परोसने के बाद, एक आम प्रार्थना सत्र का आयोजन किया जाता है।

English summary

Guru Nanak Jayanti 2022- Gurpurab Decoration Ideas For Your Home

Gurpurab, also known as Guru Nanak's Light Festival and Guru Nanak Jayanti, is an important festival for the followers of Sikhism. Guruparva is celebrated on the auspicious day of Kartik Purnima as per the lunar calendar
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