Just In
- 12 min ago Happy Birthday Mukesh Ambani: बुलंदियों पर पहुंचकर भी जड़ों को न भूलने वाले मुकेश अंबानी को दें जन्मदिन की बधाई
- 1 hr ago Kamada Ekadashi 2024 Wishes: श्रीहरि विष्णु की कृपा के साथ प्रियजनों को भेजें कामदा एकादशी की शुभकामनाएं
- 9 hrs ago जहरीले अंगूर खाने से बिगड़ सकती हैं तबीयत, एक्सपर्ट ने बताया खाने से पहले कैसे करें साफ
- 9 hrs ago गर्मियों में फ्रेशनेस और ग्लो के लिए चेहरे पर लगाए तरबूज का नेचुरल टोनर, ये है बनाने का तरीका
Don't Miss
- News Weather Update: हल्की बारिश से आज मिल सकती है राहत
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Movies VIDEO: भगवान कृष्ण के सामने सीमा ने की अश्लीलता, वीडियो देख भड़के लोग बोले- कौन से कोठे पर...
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Technology डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Automobiles टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
हम क्यूं लगाते है गणपति बप्पा मोरया का जयकारा, जानने के लिए पढिए...
गणेश महोत्सव के आते है हर तरफ गणपति बप्पा मोरया की ही गूंज सुनाई देती है। लोग अपने-अपने तरीके से गजानन की मूर्ति स्थापित करते है और 10 दिनों तक आस्था के सागर में डूब जाते हैं, पर क्या कभी आपके दिमाग में इस बात का ख्याल आया है कि आखिर क्यूं हम भगवान गणेश को याद करते हुए 'गणपति बप्पा मोरया' का जयकारा लगाते हैं, जी हां इसके पीछे भी एक मान्यता है। जानना चाहते हैं तो नीचे पढ़िए...
गणेश
भक्त
का
नाम
था
मोरया
वैसे
तो
हमेशा
भक्त
भगवान
के
नाम
से
ही
जाने
जाते
है
पर
यहां
कहानी
थोड़ी
उल्टी
है,
जी
हां
गणेश
भगवान
का
ये
जयकारा
एक
भक्त
के
नाम
पर
लगाया
जाता
है।
दरअसल
ये
कहानी
महाराष्ट्र
के
एक
गांव
चिंचवाड़
की
है
जहां
पर
एक
संत
रहते
थे
जिनका
नाम
मोरया
गोसावी
था।
ऐसी
मान्यता
है
ति
उनका
जन्म
भगवान
गणेश
के
आशीर्वाद
से
हुआ
था
इसलिए
वो
बचपन
से
ही
गजानन
के
बहुत
बड़े
भक्त
थे
और
अपने
माता
पिता
के
साथ
गणेश
भक्ति
में
डूबे
रहते
थे।
गणेश
भगवान
ने
सपने
में
दिए
दर्शन
और
कहीं
ये
बाते
मान्यता
यहां
तक
है
कि
मोरया
गोसावी
हर
वर्ष
गणेश
चतुर्थी
को
पैदल
यात्रा
करके
गणेश
पूजन
करने
के
लिए
मोरगांव
जाते
थे।
समय
के
साथ
जब
वो
बूढ़े
होने
लगे
और
चलने
फिरने
से
लाचार
हो
गए
तब
खुद
भगवान
गणेश
उनके
सपने
में
आए
और
बताया
कि
पास
के
ही
एक
तालाब
में
उनको
गणेश
की
प्रतिमा
मिलेगी
जिसको
लाकर
वो
यहीं
उनकी
पूजा
कर
सकता
है।
जब
गोसावी
सुबह
तालाब
में
पहुंचे
तो
उनको
भगवान
के
कथनानुसार
एक
मूर्ति
के
प्राप्ति
हुई।
मोरया
के
भक्तों
को
कहा
जाता
था
मंगलमूर्ति
तालाब
में
मूर्ति
मिलने
और
भगवान
गणेश
के
स्वंय
सपने
में
आने
वाली
खबर
आग
की
तरह
फैल
गई
और
दूर-दूर
से
लोग
मोरया
गोसावी
के
दर्शन
के
लिए
आने
लगे।
मोरया
गोसावी
के
भक्तों
को
मंगलमूर्ति
के
नाम
से
बुलाया
जाता
था।
यही
कारण
है
कि
गणपति
बप्पा
मोरया
और
मंगलमूर्ति
मोरया
का
ये
जयकारा
आज
संसार
की
हर
गली
से
गणेश
चतुर्थी
के
दिन
सुनाई
पड़ता
है।