Just In
- 3 hrs ago
Horoscope Today 28th January 2023: Aaj Ka Rashifal, Daily Horoscope in Hindi
- 14 hrs ago
Sleeping Tips: रात को चाहिए अच्छी नींद तो इन बेडटाइम स्नैक्स को करें ट्राई
- 15 hrs ago
Relationship Tips: अपने नाराज़ पति को इस तरीकों से करें खुश, बनीं रहेगी घर में खुशहाली
- 16 hrs ago
Relationship Tips: महिलाओं की मोहब्बत, पुरुषों के प्यार से होती बहुत अलग, ये हैं दोनों बीच फर्क
Don't Miss
- News
UP Weather Update: पूर्वी यूपी के कुछ जिलों में बारिश के आसार, ये है मौसम विभाग का अलर्ट
- Technology
3000 रुपये से कम में आने वाले बेस्ट TWS ईयरबड्स, जाने सभी के नाम
- Automobiles
इस कंपनी की कारों को खरीदने के लिए तरस रहे लोग, 4 लाख से ज्यादा डिलीवरी ऑर्डर हैं पेंडिंग; जानें
- Education
PPC 2023 Certificate Download परीक्षा पर चर्चा 2023 सर्टिफिकेट डाउनलोड करें
- Movies
जोश को है अगले डिजिटल सुपरस्टार की तलाश, भोजपुरी में सबसे बड़ा टैलेंट हंट HunarBaaz होगा लॉन्च!
- Finance
Savings Account से हुई कमाई तो भी लगेगा टैक्स, जानिए क्या है नियम
- Travel
कश्मीर की वादियों में बसा एक खूबसूरत नगीना है- पुलवामा
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
दुर्लभ तांत्रिक शक्तियों के लिए क्यों उपयुक्त माना जाता है गुप्त नवरात्रि
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं। इसका उल्लेख देवी पुराण में भी है। देवी पुराण में कहा गया है- 'आश्विने वा ऽथवा माघे चैत्रें वा श्रावणेऽति वा।'
सबसे पहला नवरात्र हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष के प्रथम मास चैत्र में आता है। इसे शारदीय व वासंती नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद दूसरा नवरात्र चौथे माह में यानी आषाढ़ में आता है। इसके बाद आश्विन माह में सबसे प्रमुख नवरात्र का विधान है। माघ में भी नवरात्रि आती है। कुल मिलाकर चार नवरात्र हैं। आषाढ़ तथा माघ माह में जिन नवरात्र का उल्लेख है इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है, मगर गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है।

नौ देवी - नौ महाविद्या की साधना
‘नव शक्ति समायुक्तां नवरात्रं तदुच्यते'। देवी पुराण में वर्णित देवी के नौ रूप नौ शक्तियों की प्रतीक हैं। इन नौ महाविद्याओं की प्राप्ति के लिए देवी के नौ रूपों की आराधना की जाती है।

क्यों विशेष है गुप्त नवरात्रि का समय
ऐसा माना जाता है की गुप्त नवरात्रि दुर्लभ शक्ति प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर होता है। गुप्त नवरात्रि के समय विशेषतौर पर नौ विद्याओं की साधना की जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस समय साधना करके चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त की जा सकती हैं। इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। साथ ही आयुर्वेद के द्वारा भी इसे समझा जा सकता है। गुप्त नवरात्रि का समय वो समय होता है जब ऋतु बदलती है और बदलते मौसम में हमारे शारीर में भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। शरीर में हो रहे इस परिवर्तन के समय बाहरी रोगाणु बीमारी पैदा कर सकते हैं इसलिए खान पान, उपवास और साधना के द्वारा अपने शारीर को संतुलित और अनुशासित रखा जाता है। नवरात्रि में उपवास के साथ साथ देवी का स्मरण करना शक्ति और उर्जा देता है।

दुर्लभ शक्ति प्राप्त करने के लिए शुभ समय
आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस नवरात्रि के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार गुप्त नवरात्र में विशेष तौर पर शिव और देवी की पूजा की जाती है। दोनों ही संहारक हैं। देवी शक्ति की प्रतीक हैं और दुष्टों का संहार करने वाली है। इनकी आराधना से प्राप्त शक्ति से दुर्गुण, रोग बीमारी और अन्य विकारों के ऊपर विजय प्राप्त की जा सकती है। इस कारण तांत्रिक लोग विशेष तौर पर इस बदलते मौसम के दौरान देवी के शक्तिशाली मंत्रो का जाप करके अभीष्ट शक्ति प्राप्त करने के लिए साधना करते हैं।