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सावन शिवरात्रि 2022 आज: जानें जलाभिषेक का शुभ मुहुर्त और पूजा विधि, ये है चार प्रहर की पूजा का मूहूर्त
सावन का महीना भोलेनाथ की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। क्यूंकि ये महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जो भक्त सावन के महीने में पूर्ण भक्तिभाव से युक्त होकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते है, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। वैसे, सावन का हर दिन अपने आप में खास है। जहां तक बात सावन शिवरात्रि की है, तो इस दिन व्रत रखना तथा शिव जी की आराधना करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके वैवाहिक जीवन की सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। और जो कुंवारी कन्याओं इस दिन व्रत रखती है उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। यहां हम आपको सावन शिवरात्रि 2022 की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि बताने जा रहे है।
सावन शिवरात्रि 2022 तारीख और मुहूर्त
सावन शिवरात्रि प्रारंभ : 26 जुलाई 2022 को शाम 06 बजकर 46 मिनट से शुरू
सावन शिवरात्रि तिथि समाप्त : 27 जुलाई 2022 को रात 09 बजकर 11 मिनट तक
जलाअभिषेक मुहूर्त - 26 जुलाई 2022, शाम 07:24 बजे से रात 09:28 तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक
अमृत काल - शाम 04 बजकर 53 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक
निशिता काल पूजा समय : 27 जुलाई को तड़के 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
सावन शिवरात्रि व्रत पारण - 27 जुलाई 2022, 05.39 AM से 03.51 PM तक
सावन शिवरात्रि 2022 चार प्रहर पूजा मुहूर्त
सावन शिवरात्रि पर रात्रि प्रहर की पूजा को विशेष फलदायी माना गया है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन चारों प्रहर पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा: 26 जुलाई 2022 को 07.16 PM से 09.52 PM तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा: 26 जुलाई 2022 को 09.52 PM से 27 जुलाई 12.28 AM तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा: 27 जुलाई 2022 को 12.28 AM से 03.04 AM तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा: 27 जुलाई 2022 को 03.04 AM से 05.40 AM तक
इस तरह करें सावन शिवरात्रि की पूजा
सबसे पहले सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्म करने के बाद भगवान शिव के व्रत का संकल्प लें। फिर शुभ मुहूर्त में भगवान शंकर, माता पार्वती और गणेशजी का विधिवत जलाभिषेक कर मंत्रोच्चार के साथ पूजा करें। आप शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गन्ने का रस इत्यादि से कर सकते है, क्यूंकि ये सभी चीजें भोलेनाथ को बहुत प्रिय है। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर रोली, मोली, पुष्प, सफेद चंदन, बेलपत्र, धतूरा, आदि अर्पित करें। फिर धूप, दीप, फल और फूल चढ़ाकर भगवान शिव का ध्यान करें। फिर शिवरात्रि की कथा सुने और सपरिवार भोलेनाथ की आरती करें। इस समय महामृत्युंजय मंत्र का विशेषकर जाप करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से अज्ञात भय दूर होता है और बीमारियां से मुक्ति मिलती है।
सावन शिवरात्रि के पावन अवसर पर आप भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभकामनाएं भेजें।
- सावन शिवरात्रि की शुभकामनाएं
शिव की महिमा होती है अपरंपार,
जो सभी भक्तों का करती है बेड़ा पार,
चले आओ जुड़ें बैठे शिव के चरणों में,
मिलकर बांट लें हम भोले का यह प्यार।
- शिव की बनी रहे आप पर छाया
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया
मिले आपको वो सब अपनी जिंदगी में
जो कभी किसी ने भी न पाया।
- भक्ति में है शक्ति बंधू,
शक्ति में संसार है,
त्रिलोक में है जिसकी चर्चा
उन शिव जी का आज त्यौहार है
सावन शिवरात्रि की शुभकामनाएं।
- है हाथ में डमरू और काल नाग है साथ
है जिसकी लीला अपरम्पार, वो है हमारे भोलेनाथ
सावन शिवरात्रि की शुभकामनाएं।