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वैशाख अमावस्या 2020: पितरों की शांति के लिए ये तिथि है खास, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

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हिंदू पंचांग में दूसरा महीना वैशाख का होता है। धार्मिक मतों के अनुसार इसी महीने से त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। इस वजह से वैशाख अमावस्या का महत्व बढ़ जाता है। अमावस्या का दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काफी अहम माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है। जानते हैं वैशाख माह में पड़ने वाली अमावस्या का क्या महत्व है और इस दिन किन बातों का ध्यान रखने की जरुरत है।

वैशाख अमावस्या तिथि

वैशाख अमावस्या तिथि

इस वर्ष 22 अप्रैल को वैशाख माह की अमावस्या तिथि है। 22 अप्रैल को सुबह तकरीबन 5:25 से वैशाख माह की अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी। यह पूरे दिन और रात तक रहने के बाद 23 अप्रैल गुरुवार को सुबह लगभग 8 बजे समाप्त होगी। स्नान और दान का कार्य बुधवार के दिन ही होगा।

पितरों की शांति के लिए विशेष दिन

पितरों की शांति के लिए विशेष दिन

ऐसी मान्यता है की वैशाख अमावस्या का दिन पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध आदि कर्म के लिए खासा महत्वपूर्ण होता है। इसे सतुवाई अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। अमावस्या के दिन जो लोग कालसर्प या शनिदोष दोष से प्रभावित होते हैं उन्हें निवारण और शांति पूजा करनी चाहिए। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें तेल अर्पित करें। इस दिन पितरों की शांति के लिए सुबह पीपल के पेड़ पर जल और कच्चा दूध चढ़ाना उत्तम होता है।

वैशाख अमावस्या के दिन क्या करें

वैशाख अमावस्या के दिन क्या करें

वैशाख अमावस्या पर पितरों की शांति, ग्रहदोष, कालसर्प दोष आदि से मुक्ति के लिए उपाय कर सकते हैं।

यदि संभव हो तो उपवास रखें।

अमावस्या के कारण व्यक्ति में नकारात्मक सोच आने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए हनुमान जी का जप करें। उनके प्रभाव से नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है।

भावुक प्रवृत्ति के लोगों पर अमावस्या का प्रभाव अधिक देखने को मिलता है। इस दिन उन्हें अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखना चाहिए।

इस दिन मांस मदिरा के सेवन से बचें।

अमावस्या के दिन क्या करें

अमावस्या के दिन क्या करें

इस दिन गंगा का स्नान करना काफी अच्छा माना जाता है। देशभर में लॉकडाउन की स्थिति के कारण पवित्र नदी के दर्शन और स्नान करना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में आप घर पर ही अपने नहाने के पानी में गंगा जल की बूंदें मिला लें।

अमावस्या के दिन दान पुण्य के काम को भी काफी महत्ता दी गयी है। इस दिन दान करने का कई गुना लाभ मिलता है। आप अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा करें।

अमावस्या का दिन पितरों को शांत करने के लिए उपयुक्त माना गया है। इस दिन मन में ही पितरों की तृप्ति के लिए संकल्प करें और फिर जल और अन्न का दान करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है, साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गाय को भोजन कराने से भी पितर खुश होते हैं। इस दिन गाय को सात्विक आहार खिलाना शुभ होता है।

English summary

Vaishakh Amavasya 2020: Date, Time, Importance, Dos And Don’ts

Vaisakh Amavasya is important for Hindus as the day is considered most auspicious for paying homage to one's ancestors.
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