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ये भारतीय बनना चाहता था टेनिस खिलाड़ी, सुविधाओं की कमी ने बना दिया मशहूर गेंदबाज़
आज बात टीम इंडिया के एक ऐसे स्टार की जिसे टीम इंडिया का पहला चाइनामैन गेंदबाज़ कहा गया। वैसे इस खिलाड़ी के लिए इस रास्ते को तय कर पाना आसान नहीं था लेकिन खुली आखों से सपने देखना और उसे पूरा कर लेने वाला ही असल नायक कहलाता है। आज रुबरू होंगे चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के सफर से।
टेनिस था पहला प्यार
कुलदीप यादव का जन्म साल 1994 में 14 दिसंबर को हुआ। यूपी के उन्नाव में पिता राम सिंह यादव ईंट भट्ठे का व्यापार करते थे। पिता को भी क्रिकेट का शौक शुरू से ही रहा है। कुलदीप के पिता कॉलेज के दिनों में क्रिकेट खेलते भी थे लेकिन तब उन्हें बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले। वैसे उनके इस सपने को अब उनका बेटा साकार कर रहा है। वैसे कुलदीप यादव के एक भाई भी शानदार बल्लेबाज रहे हैं।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि क्रिकेट कुलदीप यादव का पहला प्यार नहीं है। जब वो काफी छोटे थे तो टेनिस खिलाड़ी बनना चाहते थे लेकिन टेनिस बॉल से खेलते-खेलते कुलदीप यादव टेनिस छोड़कर क्रिकेट खेलने लगे। आंद्रे अगासी से प्रभावित कुलदीप को क्रिकेट में रूचि कम थी और टेनिस में ज्यादा लेकिन टेनिस को लेकर उस तरह की सुविधाएं उन्हें कभी नहीं मिली। इस वजह से उन्हें क्रिकेट पर ही फोकस करना पड़ा।
कुलदीप बनना चाहते थे तेज़ गेंदबाज़
खेल में जबरदस्त लगन को देखकर घर के लोगों ने कुलदीप को क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिलवा दिया। कुलदीप पहले तेज़ गेंदबाज बनना चाहते थे। कुछ दिन तेज़ गेंदबाज़ी भी की लेकिन एक दिन उसके कोच ने उसे स्पिन बॉल फेंकने की सलाह दी। कुलदीप ने कोच की बात को मानने से इंकार कर दिया था। कुलदीप के कोच का कहना था कि चूंकि उसकी लंबाई कम है तो वो तेज़ गेंद फेंकने में सफल नहीं हो पाएगा।
हाथ में लगी चोट के कारण करनी पड़ी स्पिन गेंदबाज़ी
बाद में कुलदीप स्पिन गेंदबाज़ी में करियर बनाने के लिए तैयार हो गए लेकिन इसकी वजह थी उनके हाथ में लगी चोट। कुलदीप के पिता ने एक बार किसी इंटरव्यू में बताया था कि उसके हाथ में चोट लगी थी, उस वक्त ही वो स्पिन बॉल फेंकने का प्रयास करने लगा। चोट की वजह से कुलदीप के हाथों में थोड़ा टेढ़ापन आ गया था जिसका नतीजा ये हुआ कि गेंद को टर्न कराने में जबरदस्त मदद मिलने लगी। बाद में इस कमज़ोरी को कोच की मदद से कुलदीप ने अपना हथियार बना लिया।
मिलने लगे मौके
कुलदीप यादव की गेंदबाज़ी को देखकर बहुत जल्द उन्हें फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में मौका मिला। फिर लिस्ट ए में डेब्यु का अवसर मिला। इस मौके को कुलदीप ने खूब भुनाया और रेलवे के खिलाफ लिस्ट ए के लिए डेब्यु किया। कुलदीप यादव हर एक मैच के साथ खुद को निखारने लगे। फिर बारी थी, अंडर-19 क्रिकेट की लेकिन इससे पहले अंडर-15 में एक बार उसे सिलेक्ट नहीं किया गया तो वो काफी दुखी हुए लेकिन जब-जब उसके जीवन में ऐसे मौके आए, परिवार के लोगों ने खूब साथ दिया।
अंडर-19 टीम में साल 2012 में वर्ल्ड कप के लिए कुलदीप को चुना गया। संयुक्त अरब अमीरात में हुए इस टुर्नामेंट में कुलदीप ने सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। लेकिन असल कमाल हुआ था स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच में जब कुलदीप ने शानदार हैट्रिक ली थी। इस टूर्नामेंट के दो मैच में कुलदीप यादव ने चार-चार विकेट लिए थे।
आईपीएल में मिली एंट्री
साल 2012 में कुलदीप यादव को आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस ने खरीदा लेकिन पूरे लीग के दौरान उसे किसी मैच में मौका नहीं मिला। इसके बाद साल 2014 में टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने कुलदीप को 45 लाख रूपए में खरीदा। कुलदीप को जब मौका मिला तो खुद को उन्होंने मैदान पर साबित किया। शानदार प्रदर्शन के बाद कुलदीप चयनकर्ताओं की नजरों में आ गए और उन्हें 2014 में वेस्ट इंडीज़ दौरे पर जाने का मौका मिला मगर उन्हें मैदान में उतरने का अवसर नहीं मिल पाया। मगर इसका असर उन्होंने अपने खेल पर पड़ने नहीं दिया।
2017 में पहनी टीम इंडिया की जर्सी
कुलदीप को साल 2017 में पहली बार टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका मिला। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में धर्मशाला के मैदान पर अपने पहले ही मैच में कुलदीप ने जलवा दिखाया। कुलदीप ने शानदार 4 विकेट लिए और सिलेक्टर्स के फैसले को सही साबित किया। ये साल कुलदीप के लिए यादगार रहा। टेस्ट के साथ-साथ वन-डे और टी-20 में भी डेब्यू करने का मौका मिला और कुलदीप ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में दमदार प्रदर्शन किया।
कुलदीप यादव ने अपना पहला वनडे मैच 23 जून 2017 को क्विंस पार्क ओवल में खेला था। सामने वेस्टइंडीज की टीम थी। टीम इंडिया का यह दौरा कुलदीप के लिए कमाल का रहा। पूरे टूर्नामेंट में कुलदीप यादव संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। इसी दौरे पर 9 जुलाई को कुलदीप ने पहला टी-20 मैच भी खेला।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मचाया धमाल, बनाया रिकॉर्ड
वेस्टइंडीज़ दौरे से लौटने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत आई। सितंबर 2017 में ऑस्ट्रेलिया की टीम कोलकाता में सीरीज़ का दूसरा वनडे खेल रही थी। कुलदीप यादव ने पारी के 33वें ओवर की दूसरी, तीसरी और चौथी गेंद पर विकेट झटक कर इतिहास रच दिया। हैट्रिक का ये कारनामा कुलदीप की ओर से टीम इंडिया को तोहफा था। वन डे क्रिकेट के इतिहास में किसी भी भारतीय गेंदबाज की तरफ से लगाई गई यह सिर्फ तीसरी हैट्रिक थी। इससे पहले इस रिकॉर्ड को चेतन शर्मा और कपिल देव अपने नाम कर चुके थे।
मीडिया में मचाई सनसनी
इस
श्रृंखला
के
बाद
ऑस्ट्रेलियाई
मीडिया
में
कुलदीप
की
खूब
तारीफ
हुई।
मशहूर
लेग
स्पिनर
शेन
वॉर्न
ने
भी
इस
पर
टिप्पणी
करते
हुए
अपने
ट्वीटर
पर
लिखा
था
कि
'यदि
युवा
कुलदीप
गेंदबाजी
करते
वक्त
संयम
बनाए
रखेंगे
तो
वे
दुनिया
के
सर्वश्रेष्ठ
लेग
स्पिनर
के
रूप
में
यासिर
शाह
को
चुनौती
दे
सकते
हैं।
मैं
पिछली
बार
जब
भारत
गया
था
तब
युवा
कुलदीप
से
मिलकर
बहुत
अच्छा
लगा
था।
मुझे
उन्हें
विपक्षी
बल्लेबाजों
को
चौंकाते
हुए
देखकर
अच्छा
लगा
था।'
कुलदीप
ने
अपने
प्रदर्शन
के
दम
पर
अपने
प्रशंसकों
की
संख्या
में
इज़ाफ़ा
कर
लिया।
एक
के
बाद
एक
मशहूर
और
चर्चित
क्रिकेटर
इस
उभरते
हुए
खिलाड़ी
की
प्रशंसा
करने
लगे।
अनिल
कुंबले
से
लेकर
गावस्कर
और
तो
और
सचिन
तेंदुलकर
ने
भी
तारीफों
के
पुल
बांध
दिए।
कुलदीप यादव को भविष्य के मुख्य गेंदबाज के तौर पर देखा जा रहा है और आने वाले विश्वकप में कुलदीप से टीम इंडिया को ढेर सारी उम्मीदें हैं।