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Mother's Day Poem: मां की ममता को परिभाषित करती ये कविताएं सुनकर आंखें हो जाएंगी नम

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कहते हैं भगवान सब जगह नहीं पहुंच सकते हैं इसलिए उन्होंने मां बनाई। मां जीवनभर अपने बच्चे के लिए जिस स्नेह, त्याग, उदारता, सहनशीलता का परिचय देती है उसका कर्ज संतान पूरे जन्म नहीं उतार सकता है।

इस ऋण को चुकाने का ख्याल भी जेहन में लाना मुर्खता है। हम स्वयं जिसका अंश हैं, उसका कर्ज भला कैसे चुकाया जा सकता है। मां के सम्मान के लिए साल के 365 दिन भी कम हैं।

बहरहाल साल का एक दिन निश्चित किया गया है जिसे हम अपनी मां के लिए खास बना सकते हैं। हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। बच्चों को इस दिन की महत्ता समझाने के लिए उन्हें मां के लिए कविता या निबन्ध लिखने के लिए कहा जाता है। इस मदर्स डे पर आप भी अपनी मम्मी के लिए एक प्यारी सी कविता उन्हें समर्पित कर सकते हैं। इस लेख में हम मदर्स डे पर कुछ खास कविताएं लेकर आए हैं जिन्हें आप अपनी मां को सुना सकते हैं।

अपने सीने मुझे लगाती

अपने सीने मुझे लगाती

अंधियारी रातों में मुझको

थपकी देकर कभी सुलाती

कभी प्यार से मुझे चूमती

कभी डाँटकर पास बुलाती

कभी आँख के आँसू मेरे

आँचल से पोंछा करती वो

सपनों के झूलों में अक्सर

धीरे-धीरे मुझे झुलाती

सब दुनिया से रूठ रपटकर

जब मैं बेमन से सो जाता

हौले से वो चादर खींचे

अपने सीने मुझे लगाती

--अमित कुलश्रेष्ठ

चेहरा नहीं बदलती माँ

चेहरा नहीं बदलती माँ

चूल्हे की

जलती रोटी सी

तेज आँच में जलती माँ !

भीतर -भीतर

बलके फिर भी

बाहर नहीं उबलती माँ !

धागे -धागे

यादें बुनती,

खुद को

नई रुई सा धुनती,

दिन भर

तनी ताँत सी बजती

घर -आँगन में चलती माँ !

सिर पर

रखे हुए पूरा घर

अपनी -

भूख -प्यास से ऊपर,

घर को

नया जन्म देने में

धीरे -धीरे गलती माँ !

फटी -पुरानी

मैली धोती,

साँस -साँस में

खुशबू बोती,

धूप -छाँह में

बनी एक सी

चेहरा नहीं बदलती माँ !

--कौशलेन्द्र

ओ मेरी प्यारी माँ

ओ मेरी प्यारी माँ

ओ मेरी प्यारी माँ,

सारे जग से न्यारी माँ।

मेरी माँ प्यारी माँ,

सुन लो मेरी वाणी माँ।

तुमने मुझको जन्म दिया,

मुझ पर इतना उपकार किया।

धन्य हुई मैं मेरी माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ।

अच्छे बुरे में फर्क बताया,

तुमने अपना कर्तव्य निभाया।

अच्छी बेटी बनूंगी माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ।

करूंगी तेरा मैं गुणगान,

करूंगी तेरा मैं सम्मान।

शब्द भी पड़ गए थोड़े तेरे गुणगान के लिए माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ।

तेरी बहुत ज़रूरत थी

तेरी बहुत ज़रूरत थी

क्या सीरत क्या सूरत थी

माँ ममता की मूरत थी।

पाँव छुए और काम बने

अम्मा एक महूरत थी।

बस्ती भर के दुख सुख में

एक अहम ज़रूरत थी।

सच कहते हैं माँ हमको

तेरी बहुत ज़रूरत थी।

English summary

Mother’s Day Poem Ideas for Kids in Hindi

Mother’s Day Special: Here we are providing Poems in Hindi on Mother for kids.
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