Just In
- 17 min ago बचे हुए कॉफी ग्राउंड को ना समझें बेकार, क्लीनिंग एजेंट के रूप कुछ यूं करें इस्तेमाल
- 2 hrs ago Guru Shukra Yuti 2024: 12 साल बाद गुरु शुक्र का होगा मिलन, इन 3 राशियों पर मेहरबान होंगी देवी लक्ष्मी
- 3 hrs ago Aaj Ka Rashifal 18th April: इन 5 राशि वालों को मिलेगा आज भाग्य का साथ, सुख समृद्धि में होगी वृद्धि
- 9 hrs ago मनोज तिवारी Vs कन्हैया कुमार: कौन हैं कितना अमीर? दोनों की संपति डिटेल जानिए
Don't Miss
- News Today in Politics: नामांकन दाखिल करने से पहले अमित शाह आज गांधी नगर में करेंगे रोड शो, राहुल गांधी रहेंगे केरल
- Movies 12 साल बड़ी इस एक्ट्रेस ने भरी महफिल में खींचे कार्तिक आर्यन के गाल? तेजी से वायरल हुआ वीडियो!
- Finance OPINION: योगी सरकार की MYUVA योजना बदल सकती है प्रदेश की तस्वीर, युवाओं के लिए होगा सुनहरा अवसर
- Education KVS Admission 2024: केवी संगठन ने अनंतिम प्रवेश सूची जारी की; यहां देखें डायरेक्ट लिंक
- Technology Samsung ने मार्केट में लॉन्च किए नए स्मार्ट टीवी, मिलेंगे AI इंटिग्रेटेड फीचर्स
- Automobiles 3 घंटे में पूरा होगा 900 KM का सफर, अहमदाबाद से दिल्ली तक चलेगी दूसरी बुलेट ट्रेन, जानें Railways की प्लान
- Travel सऊदी अरब ने बदला उमराह Visa Rule, अब 90 दिनों तक वीजा रहेगा वैध, Details
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
क्या आईवीएफ बच्चे दूसरे बच्चों की तरह बुद्धिमान होते हैं?
अप्राकृतिक रूप से पैदा हुए बच्चों में समय से पहले पैदा होने का रिस्क होता है, पर शोध से पता चलता है कि वह भी प्राकृतिक रूप से गर्भधारण के बाद हुए बच्चों की तरह ही बुद्धिमान हो सकते हैं।
ह्यूमन रिप्रोडक्शन पत्रिका में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि उन लोगों की तुलना में जो लोग प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करते हैं, वह लोग जो यह ट्रीटमेंट करवाते हैं, ज़्यादातर ज़्यादा उम्र के, ज़्यादा पढ़े लिखे और अच्छे स्टेटस के होते हैं।
"शोध से पता चलता है कि अप्राकृतिक रूप से पैदा हुए बच्चों के संज्ञानात्मक क्षमता के खराब होने के रिस्क को रद्द करती है", ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के मेलिंडा मिल्स का कहना है।
"अप्राकृतिक रूप से पैदा हुई बच्चों में समय से पहले पैदा होने का ख़तरा होता है पर यह देखा गया है कि ऐसे बच्चों के माता पिता ज़्यादा उम्र के, ज़्यादा पढ़े लिखे और अच्छी कमाई वाले होते हैं", मिल्स ने कहा। यह सब कारण ऐसे बच्चों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
सबसे
ज़रूरी
बात
यह
है
कि
यह
सकारात्मक
प्रभाव
11
साल
की
उम्र
तक
रहता
है।
शोध
से
यह
भी
पता
चलता
है
कि
अप्राकृतिक
रूप
से
जन्म
लेने
से
इन
बच्चों
की
सोचने
की
क्षमता
में
कमी
नहीं
आती,"
मिल्स
ने
कहा।
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने यूके मिलेनियम कोहोर्ट स्टडी से डाटा लिया, जिसमें करीबन 18,522 परिवार का समूह है।
साल 2000 से 2001 के बीच अप्राकृतिक रूप से पैदा हुए 15,281 बच्चों में से 8000 से ज्यादा बच्चों की संज्ञानात्मक क्षमता को जांचने के लिए 2003, 2005, 2007 और 2012 में जांच किये गए।
हर स्टेज पर स्टैण्डर्ड जांच किये गए ताकि बच्चों के शब्दकोश (तीन और पांच साल में), सात साल में पढने की क्षमता और 11 साल में क्रिया के इस्तमाल की क्षमता के स्कोर को उन बच्चों से मिलाया गया जो प्राकृतिक रूप से पैदा हुए थे।
अप्राकृतिक रूप से पैदा हुए बच्चों में पांच साल तक संज्ञानात्मक विकास का उन्नत मापन रिकॉर्ड किया गया, जो 11 साल तक कमज़ोर होता गया, यह पाया गया कि अप्राक्रितिक रूप से पैदा हुए बच्चे कई मापदंड पर उन बच्चों से आगे थे जिनका जन्म प्राकृतिक रूप से हुआ था।