Just In
- 39 min ago मलेरिया होने पर जल्दी रिकवरी के लिए मरीज को क्या खिलाएं और क्या नहीं?
- 1 hr ago Personality Test: पैरों का आकार बताता है कई राज, जानें अपनी पर्सनालिटी से जुड़ी ये ख़ास बात
- 2 hrs ago क्या होता है स्मोक्ड बिस्किट? जिसे खाने के बाद कर्नाटक में एक बच्चे की बिगड़ गई तबीयत
- 3 hrs ago Zero Shadow Day 2024 Timing: आज बैंगलोर में परछाई छोड़ देगी लोगों का साथ, जानें कितने बजे होगी ये अनोखी घटना
Don't Miss
- News सागर-हरदा में आज होगा पीएम मोदी का होगा ऐतिहासिक रोड शो, CM मोहन यादव ने बताया
- Movies ब्रेकअप के बाद शाहिद कपूर ने करीना कपूर के साथ काम करने को लेकर कही ऐसी बात, बोले- गाय और भैंस के साथ भी..
- Finance ICICI and Yes Bank Charges: इन 2 बैंकों ने बढ़ाया सेविंग अकाउंट का चार्ज,1 मई से देने होंगे ज्यादा पैसे
- Technology OnePlus Watch 2 Nordic Blue Edition लॉन्च, जानें कीमत व उपलब्धता
- Automobiles 1.5 करोड़ की Toyota Vellfire कार के साथ नजर आएं बॉलीवुड एक्टर Ayushmann Khurrana, जानें कार की खासियत?
- Education MP Board 2024: एमपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट 2024, डिजिलॉकर, SMS और वेबसाइट से कैसे डाउनलोड करें
- Travel केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर यात्रा बुकिंग हो गयी है Open, जानिए किराया
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दूसरा बच्चा होने पर ये आसान तरीके कर सकते हैं पेरेंटिंग में मदद
घर में बच्चे के जन्म के बाद जैसे रौनक आ जाती है। शिशु का चेहरा देखते ही जैसे सारी थकान और दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। शिशु के साथ यादें बनाना और अच्छा समय बिताना मां-बाप का सपना होता है। अगर पहले से ही घर में एक छोटा बच्चा हो तो दूसरे बच्चे के आ जाने पर माता-पिता की मेहनत थोड़ी बढ़ जाती है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि दूसरा बच्चा होने पर बड़े बच्चे को कैसे संभालना चाहिए ताकि उसे ऐसा न लगे कि उसके माता-पिता उस पर ध्यान नहीं देते।
दूसरे बच्चे के बारे में बताएं
अपने बच्चे को ये जरूर बताएं कि अब घर में एक नन्हा मेहमान आने वाला है। उसे समझाएं कि अब उसे भी उस नन्हे मेहमान की देखभाल में मदद करनी है और उसे ढेर सारा प्यार देना है। उसे ये भी बताएं कि नए मेहमान को उसके प्यार और देखभाल की बहुत जरूरत है।
रूटीन बनाकर चलें
शुरुआत में आपको बच्चों और काम के बीच तालमेल बैठाने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। आपको काम के साथ-साथ अपने दोनों बच्चों को बराबर समय देना है। शुरुआत में दिक्कतें आएंगी लेकिन समय के साथ आप सीख जाएंगे।
बच्चे की हर बात सुनें
नवजात शिशु को बस दूध पिलाने और कपड़े बदलने आदि की जरूरत होती है लेकिन टॉडलर्स के तो सवाल ही इतने होते हैं कि जवाब देते-देते पूरा दिन निकल जाए। नवजात शिशु की देखभाल में टॉडलर की मदद भी लें। अगर बच्चा आपको गाना गाने या उसके साथ किताब पढ़ने के लिए कहता है तो उसे न बिल्कुल ना कहें।
बच्चे को भी एक्टिविटी करवाएं
नवजात शिशु की जिंदगी में आपके पहले बच्चे की जगह आपको ही बनानी है। उसे शिशु का डायपर बदलने, दूध की बोतल लाने, नैपी, बेबी पाउडर आदि लाने के लिए कहें। इससे उसका मन भी शिशु में लगा रहेगा। जब आप कुछ काम कर रहे हों तो बच्चे को शिशु के पास बैठाकर जाएं।
अगर आप अपना ज्यादातर समय नवजात शिशु के साथ बिता रहे हैं तो कोई बात नहीं है। नवजात शिशु को देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है। इसके साथ ही अपने बड़े बच्चे की भी जरूरतों को समझें। धैर्य के साथ दोनों बच्चों को हैंडल करें। ज्यादा चिंता न करें।