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टॉक्सिक पेरेंट्स के कारण बच्चे के मेंटल हेल्थ पर पड़ता है नेगेटिव इंपेक्ट, एक्सपर्ट ने बताए इससे बचने के तरीके
टॉक्सिक पेरेंट्स एब्यूसिव, असमर्थित, नियंत्रित करने वाले और कठोर हो सकते हैं। कई बार टॉक्सिक पेरेंट्स के साथ बड़े बड़े होने पर बच्चे के मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर इसका बुरा असर पड़ता है। जिसके कारण आपको आपको कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में स्वस्थ सीमाएं निर्धारित करना, खुद की देखभाल को प्राथमिकता देना एक टॉक्सिक बचपन से निपटने के तरीके हैं। तो आइए जानते हैं साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रेरणा कोहली के अनुसार टोक्सिक पेरेंट्स क्या है उनके क्या लक्षण है, बच्चों पर उनका क्या अफैक्ट पड़ता है, और आप कैसे इससे बच सकते हैं।
टॉक्सिक पेरेंट्स क्या है?
किसी भी तरह के टॉक्सिक रिश्ते रोमांटिक पार्टनर, दोस्तों, भाई-बहन और यहां तक कि माता-पिता और उनके बच्चों को भी प्रभावित कर सकते हैं। टॉक्सिक पेरेंट्स का अपने बच्चों के साथ ऐसा रिश्ता तब विकसित होता है जब बच्चे अपने माता-पिता के कारण तनाव का अनुभव करते हैं, या जब माता-पिता अपने बच्चों को तनावपूर्ण वातावरण से बचाने में नाकामयाब होते हैं। इन संबंधों में शारीरिक, भावनात्मक, या यौन शोषण और मेंटल हेल्थ के मुद्दे शामिल हो सकते हैं। टॉक्सिक पेरेंट्स का बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जो उनके मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर प्रभाव छोड़ते हैं।
एक्सपर्ट
से
जानिए
टॉक्सिक
पेरेंट्स
के
लक्षण
1. इमोशनली आपके साथ न रहना
अगर आपके माता-पिता इमोशनली सपोर्टिव नहीं हैं, या आपके जरूरत के समय कभी आपके साथ खड़े नहीं रहते हैं तो वह एक टॉक्सिक पेरेंट्स हैं। क्योंकि बचपन से ही बच्चों को अपने पेरेंट्स की इमोशनली जरूरत होती है, लेकिन आपके जरूरत के वक्त अगर वो आपके साथ नहीं रहते हैं तो इससे आपके मेंटल हेल्थ पर सीधा असर पड़ता है।
2. मौखिक और इमोशनली एब्यूसिव
टॉक्सिक पेरेंट्स सिर्फ वो नहीं होते जो बच्चों को मारते-पीटते हैं, बल्कि इमोशनली और मौखिक रूप से बच्चों को एब्यूसिव करना भी टॉक्सिक पेरेंट्स की निशानी है। टॉक्सिक पेरेंट्स अपने बच्चों के आत्म-सम्मान को कम करने के लिए उन्हें नाम देकर, पब्लिक्ली अपमानित करना, और जो वे चाहते हैं उसे पाने के लिए इमोशनली यूज करना शामिल है। हालांकि इस तरह के दुर्व्यवहार का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन ये बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
3. कंट्रोलिंग पेरेंट्स
नियंत्रित करने वाले माता-पिता अपने बच्चों के जीवन में इस हद तक शामिल हो जाते हैं कि यह बच्चे की स्वतंत्रता और व्यक्तित्व को सीमित कर देता है। एक कंट्रोलिंग पेरेंट्स के संकेतों में बच्चों को अपने खुद के फायदों और लक्ष्यों को विकसित करने की स्वतंत्रता देने के बजाय माता-पिता की छवि को फिट करने की अपेक्षा करना शामिल है। ऐसे पेरेंट्स अपने बच्चों पर अपना निर्णय रखते हैं।
4. बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए कड़ी सजा देना
टॉक्सिक पेरेंट्स अपने बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए कई बार छोटी-छोटी गलतियों पर भी उन्हें बहुत कड़ी सजा देते हैं। जिसका असर बच्चे के मानिसक स्वास्थ्य पर पड़ता है।
टॉक्सिक पेरेंट्स से निपटने के तरीके-
1. सीमाएं निर्धारित करें
कई बार रिश्तों को बचाने के लिए आपस में कुछ सीमाएं तय करनी जरूरी हो जाती है। आपके द्वारा तय की जाने वाली सीमाएं आपकी स्थिति पर निर्भर करता है, जैसे कि माता-पिता के साथ अपने संपर्क को हफ्ते में एक बार सीमित करना। आपको अपनी सीमाओं को स्पष्ट रूप से और सम्मानपूर्वक बातचीत करना चाहिए, भले ही दूसरा व्यक्ति आपसे बात करने से परहेज करें।
2. उन्हें बदलने की कोशिश करना बंद करें
बच्चे अक्सर इस कल्पना को पालते हैं कि वे अपने माता-पिता को वह बना सकते हैं जो वे चाहते हैं, लेकिन किसी को बदलना इतना आसान नहीं है। इसलिए आप उन्हें बदलने की कोशिश न करें।
3. अपने सपोर्ट सिस्टम पर करें भरोसा
टॉक्सिक पेरेंट्स के कारण उत्पन्न होने वाले तनाव से निपटने के लिए आप अपने किसी भी सपोर्ट सिस्टम की मदद ले सकते हैं। आप अपनी फिलिंग्स को व्यक्त करने या अपनी समस्याओं से निपटने के लिए उनसे अपनी बाते शेयर कर सकते हैं।
4. खुद की केयर करना
टॉक्सिक पेरेंट्स के कारण आपके दिमाग पर गहरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आप अपनी लाइफ में किसी भी तनाव से निपटने के लिए सेल्फ केयर जरूर है। आप अपना तनाव कम करने के लिए हर हफ्ते कम से कम एक सकारात्मक और स्वस्थ गतिविधि करने की कोशिश कर सकते हैं।