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इन 7 बातों से जानिए अपने कोख में पल रहे बच्चें की सेहत के बारे में
मां बनने वाली महिलाएं अपने बच्चें की सेहत को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं, खासकर कोख में पल रहे बच्चें की सेहत को लेकर काफी चिंता में रहती हैं, हो भी क्यूं ना! गर्भ में पल रहे शिशु का शरीर काफी नाजुक होता और उसका इम्यून सिस्टम भी बहुत कमजोर होता है, जिससे बच्चे का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। शिशु की सेहत ठीक है या नहीं, यह पता लगाना काफी मुश्किल है क्योंकि कोख में पल रहे बच्चे को हम सीधे तौर पर देख नहीं सकते लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं जिससे आप बच्चे के स्वास्थय का पता कर सकते हैं।
1. बच्चे की धड़कन सुनाई न देना :
आमतौर पर प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में बच्चे के दिल की धड़कन सुनाई देने लगती है। डॉप्टर टेस्ट के जरिए बच्चे की धड़कन का पता लगाया जाता है। कभी-कभी बच्चे के दिल की धड़कन पांचवें सप्ताह के शुरूआत में ही महसूस होने लगती है। लेकिन अगर आपको कोख में पल रहे बच्चे की धड़कन महसूस नहीं हो रही हो तो गर्भाशय में भ्रूण तनाव में है।
2. ऐंठन :
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में खून का प्रवाह होने की वजह से शरीर और पेट में ऐंठन होना सामान्य बात है, हालांकि यह पीरियड के दौरान भी होता है। लेकिन यदि तेज या असहनीय दर्द हो और यह देर तक बना रहे तो आपको रक्तस्राव भी हो सकता है। विशेषतौर ऐसा यदि दूसरे या तीसरे तिमाही में हो रहा हो तो यह शुरूआती दर्द का लक्षण हो सकता है।
3. रक्तस्राव :
गर्भावस्था के दौरान यदि आपको रक्तस्राव हो रहा है तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है। हालांकि जरूरी नहीं है कि इसकी वजह से गर्भपात हो जाए। कभी-कभी यह हार्मोन के असंतुलन और गर्भनाल में किसी परेशानी के कारण हो सकता है। इसकी वजह से कभी-कभी बच्चा समय से पहले ही पैदा हो जाता है।
4. पीठ दर्द :
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को पीठ में दर्द होना आम बात है, क्योंकि पेट का भार अधिक होने के कारण गुरुत्वाकर्षण पेट पर अधिक लगता है। लेकिन यदि पीठ का दर्द असहनीय है या ठीक नहीं हो रहा है तो यह किडनी या ब्लैडर में इंफेक्शन के कारण हो सकता है।
5. योनि से असामान्य स्राव :
योनि से निकलने वाला तरल पदार्थ अमूनन गंधहीन, रंगहीन और सफेद होता है। लेकिन यदि आपको ऐसा तरल पदार्थ निकलता है जिसमें महक या खून का धब्बा दिखाई दे रहा हो या आपको दर्द महसूस हो रहा हो तो इसका मतलब यह है कि आपका बच्चा स्वस्थ नहीं है। कार्विक्स समय से पहले ही खुल जाने की वजह से यह समस्या आती है।
6. आईयूजीआर :
इंट्रायूटेरिन ग्रोथ रेजिस्टेंट (आईयूजीआर) नामक यह टेस्ट गर्भ में बच्चे के विकास का पता लगाने के लिए किया जाता है। समय के साथ यदि गर्भ में बच्चे के शरीर का विकास नहीं हो रहा हो तो बच्चे को जन्म के बाद सांस, ब्लड प्रेशर और बॉडी टेंपरेटर संबंधी समस्या हो सकती है।
7. कोई हलचल नहीं :
प्रेगनेंसी के करीब बीसवें हफ्ते में मां को बच्चे की हलचल महसूस होने लगती है और दो घंटे में करीब दस बार बच्चा मां के पेट में लात मारता है। लेकिन अगर आपको बच्चे की पर्याप्त हलचल महसूस नहीं हो रही है तो आपका बच्चा संकट में हो सकता है।
मां बनने वाली हर महिला को कोख में पलने वाले बच्चे के बारे में जानकारी होना महत्वपूर्ण है। इस दौरान यदि आपको कुछ भी असामान्य महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।