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गर्भवती महिलाएं पितृपक्ष में करें इन नियमों का पालन
जल्द ही पितृपक्ष की शुरुआत होने वाली है। कहते हैं जो भी व्यक्ति इस दौरान नियमों का पालन करता है और सही विधि से तर्पण और श्राद्ध करता है उनके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पितृपक्ष पूरे 15 दिनों का होता है और ऐसी मान्यता है कि इस दौरान कुछ बुरी आत्माएं भी धरती पर होती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से बहुत ही संभलकर रहने की आवश्यकता होती है। उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए जिससे वे और उनका होने वाला शिशु सुरक्षित रहे। कहा जाता है कि यदि गर्भवती महिलाएं पितृपक्ष के नियमों का पालन करती हैं तो उन्हें गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ और उनकी आने वाली कई पीढ़ियों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
आइए आपको बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को पितृपक्ष के दौरान कौन से नियमों का पालन करना चाहिए और उन्हें किन गलतियों से बचने की आवश्यकता है।
रात को सुनसान जगह पर जाने से बचें
गर्भवती महिलाएं रात को घर से बाहर निकलने से बचें। सुनसान जगहों पर अकेले जाने से आपको बचना चाहिए। कहते हैं इस समय नेगेटिव एनर्जी सक्रिय रहती हैं। ऐसे में गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए यह ठीक नहीं है। यदि इस समय आपको किसी जरूरी काम से बाहर जाना हो तो आप किसी के साथ ही जाएं।
पितृपक्ष में यात्रा न करें
जहां तक हो सके पितृपक्ष में गर्भवती महिलाओं को यात्रा करने से बचना चाहिए। खासतौर पर लंबे सफर पर न जाएं।
इत्र या परफ्यूम न लगाएं
इस दौरान आपको तेज महक वाले परफ्यूम या इत्र लगाने से परहेज करना चाहिए, विशेष रूप से रात के समय आपको इनके इस्तेमाल से बचने की जरूरत है।
मांसाहारी भोजन का सेवन करने से बचें
पितृपक्ष के दौरान शुद्ध शाकाहारी भोजन का ही सेवन करना चाहिए। जो व्यक्ति तर्पण और श्राद्ध कर्म करने वाले हैं उन्हें लहसुन प्याज का भी त्याग करना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी इस अवधि में मांस, मछली खाने से बचना चाहिए।
पितरों का आदर सम्मान करें
पितृपक्ष में आपको अपने पितरों का अपमान नहीं करना चाहिए। पूरे 15 दिनों तक आप उनकी सेवा करें साथ ही ब्राह्मणों, गरीबों और जानवरों को भी भोजन कराएं।
जानवरों को न सताएं
गर्भावस्था के दौरान आपको जानवरों की सेवा करनी चाहिए। यदि आप उनका अपमान करती हैं या फिर उन्हें सताती है तो इससे आपके पितरों के साथ ईश्वर भी रुष्ट हो सकते हैं। पितृपक्ष में आपको किसी भी जानवर की हत्या नहीं करनी चाहिए। ऐसी गलती करने से आपको पित्र दोष लग सकता है।
गरीबों और ब्राह्मणों को दान करें
पितृपक्ष में दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आप अपनी क्षमता अनुसार गरीबों और ब्राह्मणों को दान कर सकती हैं। ऐसा करने से आपको और गर्भ में पल रहे शिशु को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
ऐसी जगहों पर न जाएं
गर्भवती महिलाओं को पितृपक्ष में श्मशान घाट पर नहीं जाना चाहिए। कहते हैं यहां अच्छी आत्माओं के साथ बुरी आत्माओं का भी वास होता है। इन बुरी आतमाओं की छाया होने वाले बच्चे पर नहीं पड़नी चाहिए।