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जानें, शरीर में किन कारणों से होता है वॉटर रिटेंशन?
खुराक या भोजन में नमक की अधिक मात्रा, वॉटर रिटेंशन के संक्षिप्त प्रकरणों का कारण बन सकती है।
खुराक या भोजन में नमक की अधिक मात्रा, वॉटर रिटेंशन के संक्षिप्त प्रकरणों का कारण बन सकती है। वहीं खुराक में कम नमक की मात्रा यानि कम सोडियम, आपको वॉटर रिटेंशन की जरूरत महसूस करा सकता है, इसे ओइडेमा के नाम से जाना जाता है।
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इसका
मतलब
यह
बिल्कुल
नहीं
है
कि
आप
सोडियम
की
कम
मात्रा
लेने
लगे,
लेकिन
हां
नमक
का
सेवन
करते
समय
आपको
ध्यान
रखना
होगा
कि
इसकी
वजह
से
आपको
कोई
समस्या
न
हो
और
आपका
भोजन
भी
स्वास्थ्यवर्धक
बना
रहे।
शरीर
में
वॉटर
रिटेंशन
को
बनाएं
रखने
के
लिए
आप
खाने
में
थोड़ा
बहुत
नमक
मिला
भी
सकते
हैं।
कई
लोग
नमक
वाला
पानी
भी
पी
लेते
हैं।
शरीर से नमक को निकालने का काम किडनी करती हैं। किडनी में शरीर के नमक को संतुलित बना रखने की क्षमता होती है और ये नमक यूरिन के जरिए बॉडी से रिलीज हो जाता है। लेकिन अगर शरीर में नमक की मात्रा अधिक हो जाती है तो किडनी के द्वारा निकलने वाले हारमोन्स, जो इसे नियंत्रित करते हैं वो जवाब दे जाते हैं और शारीरिक क्षमता भी शिथिल पड़ जाती है।
यह भी पढ़ें- शरीर की सूजन को कम करने के लिये खाएं ये आहार
जब रक्त संचार, किडनियों में कम हो जाता है जिसके पीछे की वजह दिल में किसी प्रकार की समस्या होना होता है। ऐसे में किडनी, शरीर की जरूरत को समझ जाती हैं और रक्त का संचार करने पर जोर देती हैं। इस प्रकार, गुर्दे शरीर को फिट रखने के लिए फिक्स फंक्शन से हटकर काम करते हैं।
इस समस्या में, शरीर में नमक की मात्रा, बढ़ जाती है जिसकी वजह से रोगी में वॉटर रिटेंशन होता है और आईडेमा विकसित हो जाता है।
यह
भी
पढ़ें-
शरीर
की
सूजन
कम
करनी
है
तो
पियें
"जौ
का
पानी"
जिन
व्यक्तियों
को
अपनी
क्षमताओं
में
कमी
महसूस
होती
है
उन्हें
नमक
की
मात्रा
पर
ध्यान
देना
चाहिए।
भोजन
में
नमक
की
संतुलित
मात्रा
का
सेवन
करें
और
आवश्यक
दवाओं
का
सेवन
भी
डॉक्टर
की
सलाह
पर
करें।
अगर रक्तचाप की समस्या है तो हर समय इस बात का ध्यान रखा होगा। लो बीपी के लोगों पानी या ड्रिंक में लाइट सॉल्ट मिलाकर पीना चाहिए, वहीं हाई बीपी वाले लोगों को दूर रहना चाहिए। हालांकि, आप अगर चाहें तो डॉक्टर से भी सम्पर्क कर सकते हैं।